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CHOUDHARY HARDIN KUKNA
यह राजकोट की घटना है, डीडवाना के पास रान गांव का आदमी है गुर्जर है, लोखन का होल सेल व्यपारी है! ऐसे कोई भी बाबा आये तो उनको दुक्क़न में प्र #nojitohindi #सावधान #कोट्स
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White गणेश चतुर्थी जय गणपति हे गजानन , गजकेसरी तुमको है मेरा वंदन , हे अभिनंदन । हे विघ्न विनाशक ,तुम शुभ करता तुमको है मेरा सब अर्पण । जय गणेश , गणपति देवा दे दो तुम हमको मेवा । हाथ जोड़ कर खड़े हैं हम द्वार तेरे एकदंत , गजकर्ण , भालचंद्र , गौरी सुत । बुद्धिनाथ , लंबोदर , महाबला दो हमको तुम ज्ञान वो संदेशा गजवक्र , गणाध्यक्ष , हो तुम प्रथम देव इस जगत के तुमको पूजे बिन सफल नहीं हो कोई काज जय श्री गणेश ©बेजुबान शायर shivkumar #Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी #GaneshChaturthi #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #बेजुबानशायर143 तुमको है मेरा सब अर्पण । जय #गणेश , गणपति देवा
#Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी #GaneshChaturthi #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #बेजुबानशायर143 तुमको है मेरा सब अर्पण । जय #गणेश , गणपति देवा #भक्ति #ज्ञान #लंबोदर
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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके #Motivational
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रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो
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रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो
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रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार , मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा
गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा #कविता
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मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर
मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर #कविता
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ११।५४) {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज रूप वाला, मैं प्रत्यक्ष देखने के लिये, तत्त्व से जानने के लिये तथा प्रवेश करने के लिये अर्थात् एकीभाव से प्राप्त होने के लिये भी शक्य हूँ।' ©N S Yadav GoldMine #love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र
#love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र #मोटिवेशनल
read moreAnjali Singhal
"लौट आए तेरे दिल के द्वार से हम, जब आशियां इसमें किसी और का बसा पाया। दर्द की लहर भी उठी थी सीने में भरकर ग़म, पर सुकून का आभास भी हुआ जब त #Shayari #AnjaliSinghal
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