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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी बुरी नजरो ने हमारे नजारे छीन लिये जीने के सब सहारे छीन लिये गमो में भी मै मुस्करा रहा था बेचैन होकर भी सब कुछ निभा रहा था इस लिये जमाना खुशहाल बता रहा था फिजूल में मुस्कराना, अब सताये जा रहा है सितम जुल्म का,मिटाकर कर निभाया जा रहा है चारो तरफ कहर,कद छाटने का कियाजा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" चारो तरफ कहर,कद छाटने का किया जा रहा है #nojotohindi
चारो तरफ कहर,कद छाटने का किया जा रहा है #nojotohindi #कविता
read moreबी.सोनवणे
दोन्ही बाहुंचे आज छाटलेत पंख माझे, पाखरही उडून गेली झाले तुकडे हृदयाचे।। ©बी.सोनवणे दोन्ही बाहुंचे आज छाटलेत पंख माझे पाखरही उडून गेली झाले तुकडे हृदयाचे #WinterFog
दोन्ही बाहुंचे आज छाटलेत पंख माझे पाखरही उडून गेली झाले तुकडे हृदयाचे #WinterFog
read moreA.A.Mangwana
सितम हमारे सारे छाट लिया करो, नाराजगी से अच्छा है डाट लिया करो। ©A.A.Mangwana सितम हमारे सारे छाट लिया करो, नाराजगी से अच्छा है डाट लिया करो। #AAMangwana #Shayari #Love #Dil #ishq
सितम हमारे सारे छाट लिया करो, नाराजगी से अच्छा है डाट लिया करो। #AAMangwana Shayari Love #Dil #ishq
read moreimmitalishrivastava
चल यहाँ से उठ चले अब, मन्ज़िलों की ओर बढ़े हम.. खुशियों को बाँटते हुए..गमों को छाटते हुए.. पता ही नहीं चलेगा पुराने रास्तों से गुजर जाएगे कब..चल यहाँ से उठ चले अब।। चल यहाँ से उठ चले अब, मन्ज़िलों की ओर बढ़े हम.. खुशियों को बाँटते हुए..गमों को छाटते हुए.. पता ही नहीं चलेगा पुराने रास्तों से गुजर जाएगे कब..
चल यहाँ से उठ चले अब, मन्ज़िलों की ओर बढ़े हम.. खुशियों को बाँटते हुए..गमों को छाटते हुए.. पता ही नहीं चलेगा पुराने रास्तों से गुजर जाएगे कब..
read moreHimanshu Prajapati
सच्चा प्यार बोलकर कईयों को बांट रही थी, गरीबों को अलग और अमीरों को अलग छाट रही थी, यह उसका मोहब्बतें व्यापार था मेरा तो मेरा औरों का भी काट रही थी..! ©Himanshu Prajapati #rain सच्चा प्यार बोलकर कईयों को बांट रही थी, गरीबों को अलग और अमीरों को अलग छाट रही थी, यह उसका मोहब्बतें व्यापार था मेरा तो मेरा औरों क
SONALI SEN
मैं गांऊ गीत गीतों मे, स्वर-सार भरो माँ, शब्दों के सुमन हार को ,स्वीकार करो माँ, आशीष चाहूँ आपका हो कंठ पे सदा , हो जायें मात वंदना, उपकार करो माँ ।। सब छाट तिमिर भय को, उजियार करो माँ, पावन रहे मन ,गंगा सी धार करो माँ, अपने वतन के वास्ते जीते रहे सदा, चहुँ ओर एकता की हुंकार भरो माँ ।। ......सोनाली सेन सागर (मध्य प्रदेश) ©SONALI SEN बसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकामनायें 🌼🙏🏻जय माँ भगवती 🌼❤ #Nojoto मैं गांऊ गीत गीतों मे, स्वर-सार भरो माँ, शब्दों के सुमन हार को ,स्वीकार करो
बसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकामनायें 🌼🙏🏻जय माँ भगवती 🌼❤ मैं गांऊ गीत गीतों मे, स्वर-सार भरो माँ, शब्दों के सुमन हार को ,स्वीकार करो #कविता
read moreराजकारण
आईनेच पोटच्या लेकरांचं मुंडकं धडावेगळं केलं ©राजकारण सोलापूर/कुईवाडी : घरात सर्वांनी एकत्रितपणे जेवण केले.. आजी-आजोबा एका नातेवाइकांच्या लग्नाला गेले.. सहा वर्षीय चिमुरड्याचे पप्पाही कामानिमित्
सोलापूर/कुईवाडी : घरात सर्वांनी एकत्रितपणे जेवण केले.. आजी-आजोबा एका नातेवाइकांच्या लग्नाला गेले.. सहा वर्षीय चिमुरड्याचे पप्पाही कामानिमित् #भयकथा
read moreSONALI SEN
माँ कंठ को सवार कर,हंस पे विराजिये , प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। स्वेत वस्त्र धारिणी,कर मे वीणा पाणिनि , जयतु जय माँ शारदे,भय तिमिर का छाट दे। कर दे माँ प्रवीण कंठ,मन से हटा द्वेष द्वंद, माँ स्वरों का सार दे, वीणा की झंकार दे., बसंत की बहार दे,पतझड़ को छाटिये। प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। जीवन में राग रंग का, दीप माँ उजियार दे, सप्त स्वर की दायनी, वीणा को सवार दे । शरण चरण तेरे रहूं, दिप्ती को निखार दे, भगवती हे शारदे, शब्दों को उभार दे., नज़रे करम किजीये, निगाह हम पे डालिये । प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। मैं भी जग का हित करू, ऐसा वर माँ दीजिए , मन में प्रेम भाव हो, विकार दूर किजीए । देश हित मे जी सकूँ देश हित में मर सकूँ, हिय मे ऐसा देश प्रेम,भाव माँ भर दीजिए ., माँ मांगती हूँ वर यही, हिय में आ विराजिये। प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। माँ कंठ को सवार कर,हंस पे विराजिये , प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। ....सोनाली सेन (सागर मध्यप्रदेश ) ©SONALI SEN माँ कंठ को सवार कर,हंस पे विराजिये , प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। स्वेत वस्त्र धारिणी,कर मे वीणा पाणिनि , जयतु जय माँ शारदे,
माँ कंठ को सवार कर,हंस पे विराजिये , प्रसार ज्ञान उर में दे, हाँथ सर पे धारिये।। स्वेत वस्त्र धारिणी,कर मे वीणा पाणिनि , जयतु जय माँ शारदे,
read moreHarbans Singh
मेरी दहलीज पर, हाथ में मशाल लिये खड़े थे सब, पूछने पर पता चला, मुझे आज मारने आये थे सब, रोती हुई माँ पूछ रही थी, क्यो बदल गये हो तुम सब, हरब #कहानी #बागी #nojotovideo #बेहतरीन #हवाबदलीसीहै #विद्रोही #हरबंश #KalaKashOpenMicDay3
read moreKumar Aman
✍️ KUMAR AMAN #Poetry #Mypoem #MyThoughts #MyShayari #शयारी #nojotopoetry #NojotoFamily #KumarAman
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