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Ghumnam Gautam
धनी क़िस्मत के हैं वो लोग जिनके पास है बिटिया बहुत प्यारे हैं बेटे भी मगर कुछ खास है बिटिया कोई माने-न-माने पर मेरा बस इतना कहना है कि जीवन शुष्क पतझड़ है तरल मधुमास है बिटिया (हैपी बड्डे मिष्टी) ©Ghumnam Gautam #मधुमास #बिटिया #जन्मदिन #ghumnamgautam
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read moreDr Usha Kiran
गीतिका मापनी - 221 2122 221 212 देखो बसंत आया अवतार हो गया। वसुधा सजी अनूठा संसार हो गया। तीसी विहंसती बरबस मुग्ध हो रही , सकुचा उठी मनोहर श्रृंगार हो गया। सौरभ उड़ा रही कलियाँ भी गली-गली, बगिया खिली जगत भी गुलजार हो गया। महुआ कहीं बिखेरे भीनी सुगंध है, टेसू खिला कि मन भी कचनार हो गया। पुरवा सखी सुनाती संगीत प्रीत के, मन बावरा सलोना सुकुमार हो गया। कब से बुलाती विरहन परदेश जो गया, कहती किसे बताओ क्या खार हो गया। मधुमास मन न भाए बिन प्रीत रीत के, मनमीत संग हर पल त्यौहार हो गया। ©Dr Usha Kiran #मधुमास
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीत: देकर शूल गये जिनको पल पल याद रखे हम, वे ही भूल गये। फूलों की तो बात छोड़ दो, देकर शूल गये॥ जिनको था मधुमास समझता, वे निकले पतझड़। स्वर्ण समझता था जिनको मैं, निकले वे कंकड़। मेरे कोमल मन को करके, तार तार छोड़ा। लिखा हृदय था खत जो उनको, उड़ा दिया फड़फड़॥ मैं भी था उपजाऊ मिट्टी, करके धूल गये। फूलों की तो बात छोड़ दो, देकर शूल गये॥ पर्वत चूमा सागर छाना, नदियों में उतरा। चाँद सितारों में भी खोजा, ढूंढा सकल धरा। ढूढ़ा उनको कण कण में पर, आहट नहीं मिली। तड़प तड़प उनकी यादों में, तिल तिल यार मरा। उल्लासों के स्वप्न हमारे, फाँसी झूल गये। फूलों की तो बात छोड़ दो, देकर शूल गये॥ रातें बीतीं दिन भी बीता, बीते वर्ष कई। मेरे उर से उनकी यादें, लेकिन नहीं गई। एक दिवस ऐसा भी आया, उनकी मिली खबर। जागी किरणें आशाओं की, फिर से नई नई। मगर तोड़ अहसासों को फिर, देकर हूल गये। फूलों की तो बात छोड़ दो, देकर शूल गये॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीत #देकर_शूल_गये #मधुमास #पतझड़ #फूल
Adv.Pramod@Basti
Ambika Mallik
कभी कभी गुमनाम हवाऐं रुह को चुम जाती है, दिल उनके तसव्वुर में हवाओं संग घूम आती है। जब महकती है केवड़े की मदमाती क्यारियाँ, बेचैन हवाऐं मन को कहाँ काबू कर पाती है। शेफालिका जब सुरभित होती कौमुदी को चूम कर, फिजाओं के कण कण में घुल कर मदन राग फैलाती है। हवाओं संग जब दूर से आती है पपीहे की तान, पी-कहाँ करता चातक को पिया की याद सताती है। मंद मंद पुरवाई मधुमास में जब उनके गली से आती है, ख्यालों में पिया को "अम्बे" बहुत करीब पाती है। अम्बिका मल्लिक ✍️✍️ ©Ambika Mallik #मधुमास
Dr. Bhagwan Sahay Meena
मेरी प्रस्तुति ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #मधुमास बसंत
Preeti Karn
बीतराग कैसे होते हो रंग समर्पण कर देते हो भान तुम्हें भी रहता होगा मन तिल तिल कर जलता होगा, लिख लेते नूतन परिभाषा पढ़ लेते मन की अभिलाषा मिट जाते संत्रास हृदय के जुड़ जाते अनुबंध नये से रच लेता मधुमास फिर कोई प्रपंच आतुर मन ढूंढता प्रिय आलंभ भावों से जुड़ जाते कितने ही छंद मन खो जाता होकर मलंग "अमलतास" तुम क्यों झरते हो बीतराग कैसे होते हो।।🍀🍀 प्रीति #अमलतास #अनकही #विरक्त #अनुरक्त #मधुमास #आलंभ(स्पर्श करना) #yqhindiquotes #nopowrimo
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