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Parul (kiran)Yadav
Person's Hands Sun Love 💔" क्या लिखूं "💔 इस कलम से मैं तेरे लिए क्या लिख दु..? दबे दबे से मेरे अरमान लिख दू या शिकायतों का सारा आसमान लिख दूं , दिल मे रखा है तेरा प्यार छुपाकर लिख दूं, या मेरे टूटे हुवे दिल के टुकड़े टुकड़े का शोर लिख दूं, इन होंठो पर आज भी बरकरार है तेरे लिए मुस्कुराहट, इनके पीछे छिपे हज़ारों गम की दास्तान लिख दूं,..? इन आँखों को अब भी है तेरे आने का इंतजार लिख दू? या फिर अपनी इस अधूरी कहानी का मुकम्मल प्यार लिख दूं...... बता इस कलम से मैं तेरे लिए क्या लिख दूं ..???? ©Parul (kiran)Yadav #क्या_लिखूं #मेरे_अल्फाज #मेरी_कलम_से✍️ #स्वलिखित सच में दोस्तो कभी कभी हमे समझ मे नही आता है हम क्या लिखे कैसे लिखे ..दिल मे इतने सारे जस्बाद होते है कि लिखना मुश्किल हो जाता है .. 0 Hardik Mahajan SIDDHARTH.SHENDE.sid Anshu writer एक अजनबी Ravikant Dushe
#क्या_लिखूं #मेरे_अल्फाज मेरी_कलम_से✍️ #स्वलिखित सच में दोस्तो कभी कभी हमे समझ मे नही आता है हम क्या लिखे कैसे लिखे ..दिल मे इतने सारे जस्बाद होते है कि लिखना मुश्किल हो जाता है .. 0 Hardik Mahajan SIDDHARTH.SHENDE.sid Anshu writer एक अजनबी Ravikant Dushe #शायरी
read moreAnita Saini
ऐसा क्या लिखूँ ... कि अल्फ़ाज मेरे हो अक़्स तेरा बन जाए... ऐसा क्या लिखूँ..... कि दर्द मेरा बयाँ करू अश्क़ तू बहाए... ऐसा क्या लिखूँ ...... कि बोल मेरे हो और सरगम तू बन जाए..... ऐसा क्या लिखूँ.. क्या लिखूँ मैं ऐसा कि ख़ून ए जि़गर मेरा हो...तड़प तू जाए.... ऐसा क्या लिखूँ ... कि अल्फ़ाज मेरे हो अक़्स तेरा बन जाए... ऐसा क्या लिखूँ..... कि दर्द मेरा बयाँ करू अश्क़ तू बहाए... ऐसा क्या लिखूँ ...... कि बोल मेरे हो और सरगम तू बन जाए..... ऐसा क्या लिखूँ.. क्या लिखूँ मैं ऐसा कि ख़ून ए जि़गर मेरा हो...तड़प तू जाए....
ऐसा क्या लिखूँ ... कि अल्फ़ाज मेरे हो अक़्स तेरा बन जाए... ऐसा क्या लिखूँ..... कि दर्द मेरा बयाँ करू अश्क़ तू बहाए... ऐसा क्या लिखूँ ...... कि बोल मेरे हो और सरगम तू बन जाए..... ऐसा क्या लिखूँ.. क्या लिखूँ मैं ऐसा कि ख़ून ए जि़गर मेरा हो...तड़प तू जाए.... #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #अल्फ़ाज़ #क्या_लिखूं #anitasainiannu
read moreपूर्वार्थ
क्या लिखूं अब क्या लिखूं,किस के लिए लिखूं झूठ लिखूं,की सच लिखूं,क्या लिखूं। दर्द लिखूं,या प्यार लिखूं बदलते मौसम का हाल लिखूं,क्या लिखूं। सपने लिखूं,की हकीकत लिखूं या चल रहे वक्त को लिखूं,क्या लिखूं। टूटे वादे को लिखूं,की इश्क को लिखूं या साथ को लिखूं,अब क्या लिखूं। यादों को लिखूं,की चाहत को लिखूं अपने को लिखूं,या उसको लिखूं ,अब क्या लिखूं। जीने के लिए लिखूं,की मरने के लिए लिखूं अपनों के लिए लिखूं,की गैरों के लिए लिखूं बेवफा के लिए अब क्या लिखूं। ©purvarth #क्या_लिखूं #Nojoto
Ruksar Bano
क्या लिखूं? खूबियां या खता? मेरी या तेरी? हसी या उदासी? मेरी या तेरी? क्या लिखूं? कहानी या प्रेम कहानी? मेरी , तेरी? या फिर हमारी? ©Ruksar Bano #क्या_लिखूं
usFAUJI
क्या लिखूँ जिनके लिए लिखूं उन्हीं को बचा नहीं पा रहें। फिर किसके लिए लिखूं। आज़ एक सांस रुक गई क्यों रूकी कैसे रूकी लिखूं तों लिखता हूं, रोना मत अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं, ऑक्सीजन नहीं ओर तों और ऑक्सीजन मशीन भी ख़राब थी सांस-सांस के लिए तड़प रहा था गुब्बारे से ऑक्सीजन देकर 48 घंटे जिंदा रखा लेकिन सब थक गए लेकिन मेडिकल सुविधाएं नहीं मिली आखिर सांसें रूक ही गई। छोड़ गया 10 महीने के दो जुड़वां बच्चों को। 😢😭अब क्या लिखूं मेरी क़लम भी रोने लग गई 😢😭 ©U S FAUJI आज़ क़लम भी लिखते-लिखते रोने लगीं #क्या_लिखूं #nojotohindi #Nojoto #nojotonews #PrimeMinister #PoetInYou dilon ki mallika सत्यप्रेम Adhury Hayat siya pandey manpreetkang
आज़ क़लम भी लिखते-लिखते रोने लगीं #क्या_लिखूं #nojotohindi #nojotonews #PrimeMinister #PoetInYou dilon ki mallika सत्यप्रेम Adhury Hayat siya pandey manpreetkang
read moreDeepak Dhindoli
क्या लिखूँ क्या लिखूं हालत ए दिल बैचैन है बडा पलकें बिछाए मैं तो तेरी राह में खड़ा कितनी उम्मीदें लिखूं जो मैंने तुमसे लाई है लिखूं तो कैसे लिखूं जो तेरी बेवफ़ाई है रातों की तड़प दिन की वेचैनी कैसे लिखूं शब्दों के ख़ज़ाने में कोई शब्द तो बता जो कम शब्दों में मेरी कहानी लिखूं ©Deepak #क्या_लिखूं #Kya_Likhu #Story #Nojoto #PoetInYou Nikit Kumar nenzaa aggarwal k Smile Anita Sahani poet pari srivastava
#क्या_लिखूं #Kya_Likhu #story #PoetInYou Nikit Kumar nenzaa aggarwal k Smile Anita Sahani poet pari srivastava
read moreDeepak Dhindoli
क्या लिखूँ कैसे लिखूं मैं मेरे देश के हालात कलम रुक जाती है, सत्ता में बैठे हुक्मरानों क्या थोड़ी शर्म आती है? चुनावी रैलियों के लिए कोई नियम नहीं, स्कूल,कॉलेज,कोचिंग क्लास क्यूं बंध हो जाती हैं, भीड़ भरी रैलियों से कोरोना नहीं फैलता, तो क्यूं एक ड्राइवर से महामारी फैल जाती है? जब तक घर पर थे तो ठीक चलती थी, हस्पताल जाते ही सांसे क्यूं रुक जाती हैं? कमाने निकलूं जो रह गुजर तो पुलिस मारती है, घर पर ही रहूं तो भूख से बच्चियां मर जाती हैं। क्या लिखूं मेरे देश के हालात कलम रुक जाती है। "बाकि फेर कदे" ©Deepak #क्या_लिखूं #corona #Desh #Nojoto #story #PoetInYou
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