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Manpreet Gurjar
White मजबूर हैं भाई , मजदूर हैं भाई। जिंदगी हमें कहाँ ले आयी।। एक समय था, जब थे गांव में। अपने खेतों और पेड़ों की छॉव में।। कुछ सुकून था, लेकिन गम भी थे साथ में। फसलों से उम्मीदें थी हाथ में।। लेकिन उम्मीदें लगीं फिसलने। जब फसलों के दाम न मिले उतने।। तब ये सोच दिमाग में आयी। घर बार छोड़ शहर में बस गए भाई।। मजबूर हैं भाई , मजदूर हैं भाई। जिंदगी हमें कहाँ ले आयी।। गांव से शहर सब आते गए। जिंदगी से ठोकरे सब खाते गए।। प्यार तो अपने परिवार से आज भी है। कोई शौक नहीं मज़बूरी खींच लायी।। मजबूर हैं भाई , मजदूर हैं भाई। जिंदगी हमें कहाँ ले आयी।। सुबह हुई निकल गयी भाई। काम की तलाश हर जगह छायी।। काम मिले तो घर में हो रोटी । न मिले तो कैसे नींद आये।। मजबूर हैं भाई , मजदूर हैं भाई। जिंदगी हमें कहाँ ले आयी।। ©Manpreet Gurjar #majdur
Ravi Bhushan Thakur
White ये बात ज़माना याद रखे मज़दूर हैं हम मजबूर नहीं I ये भूख ग़रीबी बदहाली हरगिज़ हमको मँज़ूर नहीं ।। ©Ravi Bhushan Thakur #safar #Labourday #majdur #Life #Love
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read moresukoon
मेहनत करना ही जिसकी जिंदगानी है इतिहास में हाथो काटने की कहानी है भले ताज हो या कोई दूसरा बड़ा महल मजदूर सब तेरी मेहनत की निशानी है ©sukoon #majdur
SumitGaurav2005
दर्द सह नहीं पाते, चुप रह नहीं पाते, चाहते बहुत कहना कुछ कह नहीं पाते! ©SumitGaurav2005 #Labourday #majdur #shramik #majdurdiwas #मजदूर #sumitmandhana #sumitgaurav #sumitkikalamse #nojotoquote
Kamlesh Kandpal
बाकी सब का परिचय होगा, उसका क्या?, वह मजदूर हैं ना। ईट ढोएगा, रेत ढोएगा जरूरत पर हमारा खेत बोयेगा. क्या करे?, घर से दूर हैं ना। उसका क्या?, वह मजदूर हैं ना। धूप में भी, छांव में भी कांटा चुभ जाए चाहे पांव में भी आखिर पेट से,वह भी मजबूर है ना. सड़क बनाएंगे, घर बनाएंगे भले ही रुखा सूखा खाएंगे किसी को क्या, गर वह पसीने से चूर हैं ना उसका क्या?, वह मजदूर हैं ना। ©Kamlesh Kandpal #majdur
I_surbhiladha
#Majdoorkikahani #Zindagi #zimadari #बज़ार #जिममेदारी Shayari Life #majdur #yqdidi #शायरी
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
#Labour_Day मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, और साथ में है पापी पेट, बस इसीलिए, मजदूरी, बड़ी जरूरी... ©HINDI SAHITYA SAGAR #Labour मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, और साथ में है पापी पेट, बस इसीलिए, मजदूरी, बड़ी जरूरी...
#labour मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, और साथ में है पापी पेट, बस इसीलिए, मजदूरी, बड़ी जरूरी... #thought #Hindi #hindi_quotes #hindi_poetry #विचार #oneliner #majdur #Labour_Day #hindisahityasagar
read moreKrish Vj
हर तरफ दर्द बेबसी और "मौत" का माहौल हैं फिर भी कुछ पेसे वाले लगे पैसे कमाने को हैं ज़िंदगी से प्यार नहीं किसी की, प्यार पैसो से है कोई जिए या मरे, सरोकार तो दौलत से इनको तिजोरियों खाली नहीं हो बस इनकी यही सोच चाहे गरीब अपनी खून पसीने की पूंजी लुटा दे #yqdidi #covid19 #company #majdur #employee (किसी को दुःख पहुँचाने के उद्देश्य से नहीं कहा , कुछ कंपनियां यही कर रहीं है अभी,कर्मचारी के हित में कुछ नहीं सब खुद के लिए )
Vandana
दिन भर धूप में तपता मजदूर पसीने से लथपथ जाने कितना मजबूर । दिन भर करता भारी से भारी काम दो रोटी खा ठंडा पानी पीकर करता आराम । अपने शरीर से ज्यादा से ज्यादा करता काम फिर भी उसको मिलते नहीं इतने दाम. कभी हमने सोचा जाना अगर यह ना होते तो हम कहां सोते. आलीशान घरों में रहते हैं इनके ही बलबूते. ना समाज में इज्जत ना उनमें पैसा ना शोहरत कोई तो इनके काम आये. तीर्थ स्थलों में जाकर दुनिया भर का पैसा लोगों ने लुटाये। भगवान की मूर्ति के आगे लाखों का चढ़ाते. परंतु इन मजदूर को इनकी पूरी मजदूरी भी नहीं दे पाते. ज्यादा से ज्यादा इनसे काम लेते। काम के बीच में कोई पूछता भी नहीं इनको चाय पानी। हड्डी तोड़ मेहनत सिर्फ दो रोटी के लिए। सरकारी कर्मचारी तो बड़ा वेतन बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हड़ताल करते हैं। यह मजदूर एक दिन भी घर बैठ जाते हैं। तो इनके बीवी बच्चे भूखे मरने जैसी नौबत आ जाती है। इनको उस दिन की दिहाड़ी भी नहीं मिलती है यह कैसा अन्याय है इनको भी जीने का पूरा हक है #yqdidi इन लाइनों को पढ़कर आप थोड़ा संवेदनशील हो जाएंगे और सब चीज सरकार और देश के लिए नहीं छोड़ेंगे खुद भी एक अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य निभाएंगे अब तक अपना कीमती समय देने के लिए और इन लाइनों को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏 दिन भर धूप में तपता मजदूर पसीने से लथपथ जाने कितना मजबूर । दिन भर करता भारी से भारी काम दो रोटी खा ठंडा पानी पीकर करता आराम । अपने शरीर से ज्यादा से ज्यादा करता काम फिर भी उसको मिलते नहीं इतने दाम.
#yqdidi इन लाइनों को पढ़कर आप थोड़ा संवेदनशील हो जाएंगे और सब चीज सरकार और देश के लिए नहीं छोड़ेंगे खुद भी एक अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य निभाएंगे अब तक अपना कीमती समय देने के लिए और इन लाइनों को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏 दिन भर धूप में तपता मजदूर पसीने से लथपथ जाने कितना मजबूर । दिन भर करता भारी से भारी काम दो रोटी खा ठंडा पानी पीकर करता आराम । अपने शरीर से ज्यादा से ज्यादा करता काम फिर भी उसको मिलते नहीं इतने दाम. #lifelessons #yqbhaijan #yqhindi #yqlove #majdur #yqwriters #yqlife
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