Find the Best भवन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about उम्मेद भवन कहां है, उम्मेद भवन को प्राप्त गौरव, परम प्रभु का भवन, आए तेरे भवन, आये तेरे भवन,
Shubham Bhardwaj
White मच गया शोर,इमारतों ने घेरा है,धरती का छोर। पेड़,पोधों की हरियाली की अब,हाथ नही आती है डोर।। ©Shubham Bhardwaj #alone_sad_shayri #भवन #इमारत #पेड़ #पोधे #हरियाली #नही
अदनासा-
Bhavan Thakkar
हार मान ले वो कोई और होंगे... हमने तो इश्क़ किया हैं आशिकाना तेवर रखते हैं.... ©Bhavan Thakkar #nojoto❤ #nojotishayari #Nojoto2liner #nojotoquotes #भवन #write_a_way
nojoto❤ #nojotishayari 2liner s #भवन #write_a_way #nojotoquotes #Nojoto2liner
read moreAshok kumar
ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार ने 29/09/2019 को करगहर प्रखंड के मोहनपुर खरसान के सामुदायिक भवन में बैठक किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले "आहर पोखर पर बसे गरीबों का घर अतिक्रमण मुक्त किया जाए" को जिला या प्रखंड प्रशासन तभी अमली जामा पहनाने का विचार करें जब गरीबों को आवास के लिए पांच बिसिमल जमीन मुहैया करा कर उस पर घर बना दे। ऐसा नहीं करने पर यूनियन बड़े आन्दोलन में जाने को विवश होगा। साथ ही नया जॉब कार्ड बनाने, जॉब कार्ड पर हाजिरी बनाने, जॉब कार्ड नवीकरण करने
ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार ने 29/09/2019 को करगहर प्रखंड के मोहनपुर खरसान के सामुदायिक भवन में बैठक किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले "आहर पोखर पर बसे गरीबों का घर अतिक्रमण मुक्त किया जाए" को जिला या प्रखंड प्रशासन तभी अमली जामा पहनाने का विचार करें जब गरीबों को आवास के लिए पांच बिसिमल जमीन मुहैया करा कर उस पर घर बना दे। ऐसा नहीं करने पर यूनियन बड़े आन्दोलन में जाने को विवश होगा। साथ ही नया जॉब कार्ड बनाने, जॉब कार्ड पर हाजिरी बनाने, जॉब कार्ड नवीकरण करने #nojotophoto
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 1 - धर्मो धारयति प्रजाः आज की बात नहीं है। बात है उस समय की, जब पृथ्वी की केन्द्रच्युति हुई, अर्थात् आज से कई लाख वर्ष पूर्व की। केन्द्रच्युति से पूर्व उत्तर तथा दक्षिण के दोनों प्रदेशों में मनुष्य सुखपूर्वक रहते थे। आज के समान वहाँ हिम का साम्राज्य नहीं था, यह बात अब भौतिक विज्ञान के भू-तत्त्वज्ञ तथा प्राणिशास्त्र के ज्ञाताओं ने स्वीकार कर ली है। पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुवप्रदेश में बहुत बड़ा महाद्वीप था अन्तःकारिक। महाद्वीप तो वह आज भी है।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 7 - निष्ठा की विजय 'मैं महाशिल्पी को बलात् अवरुद्ध करने का साहस नहीं कर सकता।' स्वरों में नम्रता थी और वह दीर्घकाय सुगठित शरीर भव्य पुरुष सैनिक वेश में भी सौजन्य की मूर्ति प्रतीत हो रहा था। वह समभ नहीं पा रहा था कि आज इस कलाकार को कैसे समभावें। 'मेरे अन्वेषक पोतों ने समाचार दिया है कि प्रवाल द्वीपों के समीप दस्यु-नौकाओं के समूह एकत्र हो रहे हैं। ये आरब्य म्लेच्छ दस्यु कितने नृशंस हैं, यह श्रीमान से अविदित नहीं है और महाशिल्पी सौराष्ट्र के
read morePnkj Dixit
#OpenPoetry 🇮🇳पं• चंद्रशेखर आजाद🇮🇳 🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳 पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल क
🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳 पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल क
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 6 – अलोभ 'अर्थानर्थेक्षया लोभम्' वे दोनों मित्र थे। सगे भाइयों में भी ऐसा सौहार्द कम ही देखा जाता है। यद्यपि दोनों की प्रकृति उनके शरीर की बनावट के समान सर्वथा भिन्न थी; किंतु इस वैषम्य का उनकी मैत्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 15 - कलियुग के अन्त में आपने यदि वैज्ञानिक कही जाने वाली कहानियों में से कोई पढी हैं तो देखा होगा कि किस प्रकार दो-चार शती आगे की परिस्थिति का उनमें अनुमान किया जाता है और वह अनुमान अधिकांश निराधार ही होता है। यह कहानी भी उसी प्रकार की एक काल्पनिक अनुमान मात्र प्रस्तुत करती है; किंतु यह सर्वथा निराधार नहीं है। पुराणों में कलियुग के अन्त समय का जो वर्णन है, वह सत्य है; क्योंकि पुराण सर्वज्ञ भगवान् व्यास की कृति है। उनमें भ्रम, प्रमाद सम्भव न
read more