Nojoto: Largest Storytelling Platform

White यूँ बड़ी देर से पैमाना लिए बैठा हूँ कोई देख

White यूँ बड़ी देर से पैमाना लिए बैठा हूँ 
कोई देखे तो ये समझे कि पिए बैठा हूँ 

आख़िरी नाव न आई तो कहाँ जाऊँगा 
शाम से पार उतरने के लिए बैठा हूँ 

मुझ को मालूम है सच ज़हर लगे है सब को 
बोल सकता हूँ मगर होंट सिए बैठा हूँ 

लोग भी अब मिरे दरवाज़े पे कम आते हैं 
मैं भी कुछ सोच के ज़ंजीर दिए बैठा हूँ 

ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले 
मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ 

कम से कम रेत से आँखें तो बचेंगी 'क़ैसर' 
मैं हवाओं की तरफ़ पीठ किए बैठा हूँ 

       क़ैसर उल जाफ़री 

शायरी में दिलचस्पी रखते हैं तो हमारे इंस्टाग्राम एकाउंट को ज़रूर फ़ॉलो करें
https://www.instagram.com/mushairon_ki_dunia?igsh=MTNiYzNiMzkwZA==

#नाव #शाम #जहर #दरवाजा #जंजीर #जिंदगी #तस्वीर #रेत #हवा #आंख #mushaironkidunia

©Nilam Agarwalla
  #गजल