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Stories related to पाठीमागे गीत व्हिडिओ

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Kartik Pratap

आखिरी गीत #गीत

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जब रात ढले लिखना हो कोई गीत
तब मत लिखना अपने दिलदार को
लिख देना कोई नज़्म
जिसमे इंसान, इंसान ही नज़र आए
लिख देना अपनी सारी पर्तें खंगाल कर
कुछ अटरम-सटरम
बिखेर देना खुद को उस गीत में इस तरह
कि बस जैसे लिखा जा रहा हो
दुनिया का आखिरी गीत #NojotoQuote आखिरी गीत
#गीत

anil.gangwar.1994000

गीत के गीत

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Alok Raj

#गीत

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जाग गयी या 
अब तलक सोयी हो 
उठ भी जाओ
 कब से मुझमें खोयी हो । #गीत

Deep Shikha

#गीत

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ज़िंदगी का गीत आ मिल फिर बैठ घंटों गाएंगे
कुछ तुम कहना कुछ हम तुमको पढ़ते जाएंगे
जहाँ हमारे सिवा कोई न जा पाए
चलो उस नदी किनारे हम तुम यूं हीं 
साथ-साथ शाम तलक बतियाएंगे #गीत

naval sudhanshu

गीत

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मैंने तेरे लिए हे कन्हैया, 
सात वर्षों से अभी तक, 
देवकी के आंसुओं की पीर परिणीता  बनी है ।

भेरियों की इस  भ्रमित उद्घोषणा में 
एक  भावी युद्ध  की  शंका  हुई तो
बंध के अनुबंध से  स्वच्छंद   होकर 
प्राण पर आकर पड़े  प्रतिबंध  सारे,

धैर्य  के   सारे  प्रबंधन  हारकर  यूं 
प्रार्थनायें भी अबल  होने  लगीं  तो 
मिल सका पर्याप्त  गंगाजल हमें न
जब कलंकित हो गये  संबंध  सारे।

हे कन्हैया,
ज्ञान के कुछ साक्ष्य लेकर,
एक मन की वेदना ही गीत से गीता बनी है।

नीति चक्रों की बदलती सी  नियति 
अग्निवर्षा की  मिली  चेतावनी   से
इस  घृणा  का ताप है  इतना प्रबल 
नेह का पर्वत पिघलता जा  रहा  है,

मन प्रणेता  विश्व मन की बात  सुन 
प्राण  की  रक्षा  अभी  संभव  नही 
पय घटों मे आस्था को शून्य करके
पत्थरों से विष निकलता जा रहा है।

हे कन्हैया,
रिक्त अमृत घट उठाये,
दिग्भ्रमित अवतार ग्राही मोहनी रीता बनी है।।

पांञ्चजन्यों  को  बनाकर  बांसुरी 
नाद को भी  रूप  देकर  राग  का
कुछ  परीक्षायें  धरा पर  छोड़कर 
ध्येय भी हों संबलित सद्भावना के,

दौड़ते अदृश्य होते  स्वप्न  के  मृग 
चाहता हूँ कि कभी  प्रत्यक्ष न  हों 
सत्य,स्नेहिल भावना को ब्याह लें 
इस धरा पर चार युग स्थापना के।

हे कन्हैया, 
बृज पधारो  या अयोध्या,
एक युग से यह प्रतीक्षा राधिका,सीता बनी है।

                                        -नवल सुधांशु गीत

Krishnlata Krishna

गीत #कविता

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गीत मैं यूं ही
गुनगुनाते हुए
चलूंगी!
भर के बाहों में
बहारों को,
हवा संग बहूंगी।
जानती हूंँ ,
गति बहुत धीमी है मेरी!
पर ख्वाब़ो का
सैलाब,
मुझे रह-रहकर
जगा देता है!
मेरे दिल में भी,
क्योंकि
एक सुनहरे
ख़्वाबों का
अविरल झरना बहता है!
जो जीवन की हर मुश्किल को
बस! हाँ कहता है!! गीत

Ashraf Fani

#गीत

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ख़ूबसूरत सा गीत कोई गा लूँ चलो
दिल से होठों पे तुमको ला लूँ चलो #गीत

kavi Hemant Lohiya

गीत.... ##

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कवि आर डी उपाध्याय

गीत

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चाह कर भी मुझे तुम भुला पाओगी ।

जैसे कान्हा बिन राधा जी रही।
वैसे मैं जी रहा हु तुम्हारे बिना।।
जैसे बिन बाती के मोम जल रहा।
वैसे मैं जल रहा हु तुम्हारे बिना।।

तुम किसी और से दिल लगा पाओगी।
चाह कर भी मुझे तुम भुला पाओगी।। गीत

अभिषेक कुमार मिश्रा

गीत लिखूं या गीत लिखूं #Shayari

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