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sunny agrwal sunny agrwal
आप सभी को सन्नी बंसल का प्यार भरा सादर जय श्री श्याम
आप सभी को सन्नी बंसल का प्यार भरा सादर जय श्री श्याम #nojotophoto
read moreAnuj Besra
"Whatsapp ki बीमाऱी 💗💗 : एक आदमी को उसका ससुर जूते मार रहा था ..👟👟 राहगीर : क्यों मार रहे हो इस को ...???? . ससुर : मैंने इसको हॉस्पिटल से whatsapp किया की, तुम बाप बन गये हो ...."" साले ने उसको भी 50 लोगो को forward कर दिया . 😝😝😛""" "Whatsapp ki बीमाऱी 💗💗 : एक आदमी को उसका ससुर जूते मार रहा था ..👟👟 राहगीर : क्यों मार रहे हो इस को ...???? . ससुर : मैंने इसको हॉस्पिटल से
"Whatsapp ki बीमाऱी 💗💗 : एक आदमी को उसका ससुर जूते मार रहा था ..👟👟 राहगीर : क्यों मार रहे हो इस को ...???? . ससुर : मैंने इसको हॉस्पिटल से #विचार
read moreAyurveda Tips
भूलकर भी खाली पेट न खाएं ये 10 चीजें, सेहत पर पड़ेगी भारी खाली पेट होने पर पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे समय में एसिड बढ़ाने वाल
भूलकर भी खाली पेट न खाएं ये 10 चीजें, सेहत पर पड़ेगी भारी खाली पेट होने पर पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे समय में एसिड बढ़ाने वाल #Fitness
read moreSanjeev Kumar Bansal
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़रें चुराता है आदमी, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाता है आदमी। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाता है आदमी। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाता है आदमी। कभी बोलने की कीमत चुकाई हमने, तो कभी चुप रहने की सजा पाई हमने। कभी ज़माने से नज़रें चुराई हमने, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाई हमने। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाई हमने। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाई हमने। सब वक्त वक्त की बात है हुज़ूर, क्योंकि बुरा वक्त भी यकीनन- देता है आपको मौका भरपूर, अपने आपको तराशने का, गढ़ने का। नए वक्त के साथ, नई उपलब्धियों के हाथ, नज़रिया बदलता है लोगों का यकीनन, आपको देखने का, आपको पढ़ने का। वक़्त भी देता है मौका आपको जरूर, बेवकूफियों पर समाज की- हँसने का, इक नया इतिहास रचने का ।। यह आपके ऊपर करता है निर्भर, वक़्त द्वारा दिए मौके का - फायदा उठाते हो कैसे? अपने आपको बनाते हो कैसे? दूजों को दिखाकर सही राह, दुनिया का सर झुकाते हो कैसे? विपरीत धारा का रुख अपनी तरफ, घुमाते हो कैसे? रखकर धैर्य अपनी मेहनत से, कुछ वर्षों की कठिन साधना के बाद- पाता है जब कोई अपना मुकाम, तो कोई नहीं कहता उसे नाकाम। गर चाहिए जीवन का अच्छा अंजाम, तो समझो आराम को हराम, करके निर्धारित आज ही लक्ष्य अपना लग जाओ इसको भेदने में तब तक, न मिले तुम्हें तुम्हारा पायदान जब तक, और ना हो ऊँचा, चाँद सितारों सा- आपका नाम।। अपने सफर पर चल रहा हूँ अकेला ही अभी, छोड़ता हूँ- ना मैं कल पर बात कभी, पहुंचूंगा जरूर मैं भी कभी- औरों की तरह कहीं न कहीं। बात होगी अब तभी, प्रशंसा करेंगे जब सत्य की सभी। मंज़िलों की तो अभी शुरुआत ही हुई है मेरे दोस्तों! आसमानों की असल ऊंची उड़ान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस दो ही ग़ज़ जमीं...... लेखक: संजीव कुमार बंसल ©©©©©©©© मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़
read moreSanjeev Kumar Bansal
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़रें चुराता है आदमी, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाता है आदमी। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाता है आदमी। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाता है आदमी। कभी बोलने की कीमत चुकाई हमने, तो कभी चुप रहने की सजा पाई हमने। कभी ज़माने से नज़रें चुराई हमने, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाई हमने। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाई हमने। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाई हमने। सब वक्त वक्त की बात है हुज़ूर, क्योंकि बुरा वक्त भी यकीनन- देता है आपको मौका भरपूर, अपने आपको तराशने का, गढ़ने का। नए वक्त के साथ, नई उपलब्धियों के हाथ, नज़रिया बदलता है लोगों का यकीनन, आपको देखने का, आपको पढ़ने का। वक़्त भी देता है मौका आपको जरूर, बेवकूफियों पर समाज की- हँसने का, इक नया इतिहास रचने का ।। यह आपके ऊपर करता है निर्भर, वक़्त द्वारा दिए मौके का - फायदा उठाते हो कैसे? अपने आपको बनाते हो कैसे? दूजों को दिखाकर सही राह, दुनिया का सर झुकाते हो कैसे? विपरीत धारा का रुख अपनी तरफ, घुमाते हो कैसे? रखकर धैर्य अपनी मेहनत से, कुछ वर्षों की कठिन साधना के बाद- पाता है जब कोई अपना मुकाम, तो कोई नहीं कहता उसे नाकाम। गर चाहिए जीवन का अच्छा अंजाम, तो समझो आराम को हराम, करके निर्धारित आज ही लक्ष्य अपना लग जाओ इसको भेदने में तब तक, न मिले तुम्हें तुम्हारा पायदान जब तक, और ना हो ऊँचा, चाँद सितारों सा- आपका नाम।। अपने सफर पर चल रहा हूँ अकेला ही अभी, छोड़ता हूँ- ना मैं कल पर बात कभी, पहुंचूंगा जरूर मैं भी कभी- औरों की तरह कहीं न कहीं। बात होगी अब तभी, प्रशंसा करेंगे जब सत्य की सभी। मंज़िलों की तो अभी शुरुआत ही हुई है मेरे दोस्तों! आसमानों की असल ऊंची उड़ान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस दो ही ग़ज़ जमीं...... लेखक: संजीव कुमार बंसल ©©©©©©©© मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़
read moresandy
#एफ बी स्टेटस #single,,,,,,,,,,, Always #ready to #mingle तपासून पहा तुमच्या account मध्ये असे किती आहेत!!! असे काही व्यक्तिमत्व एफ बी
Beparvah96
पिता {story of every father} Read in caption #NojotoQuote वो अपनी परेशानीया हमें बताता नहीं, वो पिता होता है जो किसी से कुछ कहता नहीं, हमारे पैरों में चुभा काटा भी उसे दिखाई देता है पर अपने सिनें म
वो अपनी परेशानीया हमें बताता नहीं, वो पिता होता है जो किसी से कुछ कहता नहीं, हमारे पैरों में चुभा काटा भी उसे दिखाई देता है पर अपने सिनें म #Poetry #story #Thoughts #Hindi #father #feelings #writer #Shayari #poems #nojotoenglish #hindinojoto #FatherLove #twolinethoughts
read moreAkash Bansal
neha soni Varinder Singh Babbu , sarbjit Kaur Hajipur Gagan Sharma Kiran Shah Pushpinder Sidhu Pooja Shah @a खुदगर्जी के इस दौर में कुछ भी
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