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Stories related to सहबद्ध बाजार

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Sangam Pipe Line Wala Poet Shayar

तन्हाई में तेरी मेरा 
दिल हो जाता बेज़ार 
क़ाश ऐसा होता कंही 
लगता यादों का बाजार.. #बाजार

Jai Singh Hindi Dictionary

बाजार। #शायरी

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यूं तो हम मोहब्बत 
करने से बचते हैं,

तुझसे नहीं किसी और से
इकतरफा प्यार करते है हम,

यूं तो सब बेवफा है नहीं 
इस जहां में,

पर तेरी जैसी मोहब्बत 
बाजारों में बिका करती है। बाजार।

Raybhan Y. Sonawane patil.

"बाजार !!."

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तुम्ही माणसांनी बाजार मांडलाय,
बाजार मांडलाय नुसता!
आमच्या स्रित्वाचा,आमच्या चारित्र्याचा,
आमच्या अब्रूचा,लज्जेचा !!

आम्हाला कुत्र्या,मांजरागत पाळलं जातयं,
आमच्या नग्न देहावर, 
कागदाचे तुकडे फेकून, 
छक्कंदेखील आमचं मालक होतयं.

तुमच्या देवभूमीतच कळस गाठताहेत,
बलत्काराचे भरमसाठ आकडे !
आम्हाला काय न्याय देणार !
ही मंत्रालयात बसलेली माकडे !!

अहो !आम्हाला दिनादास् रस्त्यावर पेटवा !
आमची नग्न धिंढ काढा !!
आब्रुचे लक्तरं तोडा !
बिनधास्त आमच्यावर चढा !!

खुशाल घाला शिव्या !
इथल्या हर एक महापुरूषाला ,
संविधानाला ! तुमच्या आमच्या सात पिढ्याला!!
मी तर लावलयं उभं आयुष्य तुमच्या मढयाला !!."
(कवी:रा.या.सोनवणे पाटील.) "बाजार !!."

Satyapal Chandra

बाजार

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सायद
अब लौट ना पाउँ कभी

ख़ुशियो के बाज़ार में
गम ने  ऊंची बोली लगा कर

ख़रीद लिया है मुझे

S ❤️A बाजार

Santosh Sagar

बाजार

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तेरी मोहब्बत ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…


लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो… बाजार

Santosh Sagar

बाजार

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तेरी मोहब्बत ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…


लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो… बाजार

aayu

बाजार

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तेरे लिये हर रिश्ता तोड मैने
अपने के भी छोडा मैने।
तूने ना समझी महोब्बत मेरी
सरे बाजार बेच दी महोब्बत मेरी।
@aayu #NojotoQuote बाजार

Singer arun

ख़ासियत इतनी भी नही तेरे किरदार में
जितनी तू दिखाता है दुनिया के बाज़ार में

©Singer arun #बाजार

Geeta Sharma pranay

मेरी दुनिया तुझमें थी 
और तेरी दुनियां मेरे 
जिस्म तक ही सीमित थी |
प्यार नहीं था तो बोल देना था
कौन सी जबरदस्ती का थी |
आज तक तो मैने अपना 
हक भी कभी नहीं माँगा ,
जो प्यार में होता हैं |
कहाँ तू बेखबर हैं, 
सब जानकर भी मेरे दिल के
साथ खेलता ही रहा |
मेरी भावनों की भी कद्र 
नही हैं तुम्हारी नज़रों में ,
तुम्हें प्यार नही चाहिए था 
तो कह देते.... 
जिस्म तो बाजारों मे भी बिकता हैं 
फिर मेरे प्यार के साथ 
इतना बड़ा खिलवाड़ तुम कैसे 
करते चले गये... 
तुम मुझे ही मुझसे बैगाना बनाते गए 
अपने झूठे प्यार का
 मुखौटा पहनकर |
               गीता शर्मा प्रणय #बाजार

shambhugiri kamble

भावनांचा पसारा शब्दात गुंडाळून कवितेच्या मैफीलीत त्याचा बाजार करण....प्रेम करण्या इतपत सोप्प कधीच नसतं...... #बाजार
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