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dr . Sandip Pawar
🌞 *वैदिक राष्ट्रगीतम्* 🌞 ॐ आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्। आऽस्मिन राष्ट्रे राजन्य: इषव्य: शूरो महारथो जायताम् । दोग्ध्री धेनु: वोढाऽनडवान् आशु: सप्ति: पुरन्ध्रि: योषा जिष्णू रथेष्ठा: सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायताम् । निकामे निकामे न: पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधय: पच्यन्तां योगक्षेमो न: कल्पताम् ।। ( यजुर्वेद, अध्याय २२, मंत्र २२, रृषि- प्रजापति:) हे ईश्वर ! हमारे राष्ट्र में ब्रह्मवर्चसी ब्राह्मण उत्पन्न हों। हमारे राष्ट्र में शूर, बाणवेधन में कुशल, महारथी क्षत्रिय उत्पन्न हों। यजमान की गायें दूध देने वाली हों, बैल भार ढोने में सक्षम हों, घोड़े शीघ्रगामी करने वाले हों। स्त्रियाँ सुशील और सर्वगुण सम्पन्न हों। रथवाले, जयशील, पराक्रमी और यजमान पुत्र हों। हमारे राष्ट्र में आवश्यकतानुसार समय-समय पर मेघ वर्षा करें। फ़सलें और औषधियाँ फल-फूल से लदी होकर परिपक्वता प्राप्त करें। और हमारा योगक्षेम उत्तम रीति से होता रहे। 🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅 हे ईश्वर ! स्वराष्ट्र में हों द्विज ब्रह्मतेजधारी । क्षत्रिय महारथी हों अरिदल विनाशकारी ।। होवें दुधारू गौवें पशु अश्व आशुवाही। आधार राष्ट्र की हों नारी सुभग सदा ही ।। बलवान सभ्य योद्धा यजमान पुत्र होवें । इच्छानुसार वर्षें पर्जन्य ताप धोवें ।। फलफूल से लदी हों औषध अमोघ सारी । हो योगक्षेमकारी, स्वाधीनता हमारी ।। 🇮🇳🙏🏻 *योगेश्वर दिनस्य शुभाषयाः* 🙏🏻🇮🇳 ©dr . Sandip Pawar वैदिक राष्ट्रगीत #RepublicDay
वैदिक राष्ट्रगीत #RepublicDay
read morekumar akash
for. वैदिक जब बेटा पापा -पापा कहता हैं तब पापा उसे गले लगाते हैं मा ये देख के खुशी के आँसू बाहाती हैं जब वैदिक पापा- पापा कहता हैं जब पापा चॉकलेट पॉकेट से निकालते हैं तब चुपके से वैदिक खाता और खिलाता हैं मा ये देख कर खुशी के आँसू बहाती हैं जब वैदिक पापा- पापा कहता हैं वैदिक की ख्वाहिस के खातिर खुद के ख्वाहिस को त्यागते हैं वैदिक हर खुशी को पाकर हस्ता और मुस्कुराता हैं मा ये देख कर खुशी के आँसू बहाती हैं जब वैदिक पापा -पापा कहता हैं एक अनोखी शाम ... वैदिक"के नाम
एक अनोखी शाम ... वैदिक"के नाम
read moreराहुल अग्निहोत्री
ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पांडित्य होय आज के प्रेम और वैदिक काल के प्रेम में कोई समानता नहीं। #prem
आज के प्रेम और वैदिक काल के प्रेम में कोई समानता नहीं। #Prem
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