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Rajneesh Kumar
मैकशी सोलह बरस की हो गई है ज़िंदगी यूँ ही गुज़ारी आ भी जाओ जिस हवेली पर बहारें मेहरबाँ थीं ढह गई सारी की सारी आ भी जाओ धुन सुनाओ बांसुरी की ए मुरारी चार सू है मारा मारी आ भी जाओ ©Rajneesh Kumar #ghazal se
#ghazal se
read more"सीमा"अमन सिंह
White ग़ज़ल: बनारस, प्रेम और मणिकर्णिका बनारस की गली में वो मिला था, नज़र में इक समुंदर सा खिला था। वो बातें कर रहा था ज़िन्दगी की, मगर मणिकर्णिका पे सब लिखा था। हवा में थी ख़ुशबू रूहानी उसकी, जहाँ मैं था, वहीं वो भी सिला था। गंगा के किनारे बैठते हम, वो दिल में और दिल में बनारस बसा था। मरण का भी वहाँ भय कैसा होता, जब उसकी आँखों में पूरा ब्रह्मांड था। ©"सीमा"अमन सिंह #banarasi_Chhora #ghazal
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read moreABhishek Parashar
White आग पानी में वो लगाता है ख़ूँ पसीने से जो नहाता है जब अँधेरे से डर नहीं लगता तो चराग़ों को क्यूॅं जलाता है रौशनी की कमी नहीं है पर ये अँधेरा ही मुझको भाता है मैंने ग़म पे कहे हैं इतने शेर अब तो ग़म भी ग़ज़ल सुनाता है रोज़ तन्हाई मुस्कुराती है रोज़ दिल को कोई दुखाता है ©ABhishek Parashar #ghazal #sher #Shayari poetry in hindi
ABhishek Parashar
White ख़बर झूठी थी और अख़बार जाली थे कहानी के सभी किरदार जाली थे सर-ए-बाज़ार नफ़रत बिक रही थी और मोहब्बत से भरे बाज़ार जाली थे मैं कैसे दुश्मनों का सामना करता दिए जो दोस्त ने हथियार जाली थे यक़ीं होता नहीं इस बात पर लेकिन यक़ीं कर दोस्त मेरे यार जाली थे मैं अब जो कहता हूँ सच कहता हूँ यारो मिरे पहले के सब अशआर जाली थे सभी मर कर समझ जाएँगे इक दिन ये मोहब्बत दोस्ती घर-बार जाली थे ©ABhishek Parashar #ghazal #sher shayari on life
SHIVA KANT(Shayar)
White तेरे गुलाबी गालों पे,कोई खूबसूरत ग़ज़ल लिख दूँ..! साथ गुज़रे जो सुनहरे पल,उन्हें हसीं कल लिख दूँ..! ©SHIVA KANT(Shayar) #GoodMorning #ghazal
Jahangir alam
White मेरी जिंदगी की गुज़र कैसे होगा मगर मुझे कांटो से इश्क महकती गुलाब हो तुम भांप सा एक उठेगा सब खत्म हो जाएगा मैं बंजर खेत सा एक बादल पुर-आब हो तुम हक़ीक़त और फसाने के दरमियां हम है मैं खुली और बंद आंख का ख्वाब हो तुम हमारा मीलना कैसे मुमकिन हो सकता है मैं काली रात पुर–रौसन महताब हो तुम ©Jahangir alam #Jahangir_Alam #jahan #Shayari #Nojoto #ghazal #viarl
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read moreKhushi Kandu
ऐ हबीब मेरे तिरे आने की ख़बर किसी मुज़्दा से कम नहीं मिरा जी रक़्स करता है ऐसा लगता है मुझे कोई ग़म नहीं ©Khushi Kandu #khushikandu #sheroshayari #ghazal #khushithought
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read moreISLAMI VIDEO
روح کے رشتوں کی گہرائیاں جالوں کی طرح لگتی ہیں، وہ ہمیں چیختے ہیں، ماں، میری ماں، میری ماں۔ ©ISLAMI VIDEO ruh ki rishto ki
ruh ki rishto ki #Poetry
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