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Best थमी Shayari, Status, Quotes, Stories

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pareek boy

💓
 #आज कुछ #कमी है तेरे #बगैर
       ना #रंग है ना #रोशनी है तेरे #बगैर,,

#वक्त अपनी #रफ्तार से चल रहा है
      बस #धड़कन सी #थमी है तेरे #बगैर..
💕

©pareek boy #Dil #you #pareekboy

OMG INDIA WORLD

#OMGINDIAWORLD ❣️ #आज कुछ #कमी है तेरे #बगैर ना #रंग है ना #रोशनी है तेरे #बगैर,, #वक्त अपनी #रफ्तार से चल रहा है बस #धड़कन सी थमी है तेरे बगैर❣️❣️❣️❣️ #शायरी

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OMG INDIA WORLD

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❣️ आज कुछ #कमी है तेरे #बगैर
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#वक्त अपनी #रफ्तार से चल रहा है
      बस #धड़कन सी #थमी है तेरे #बगैर❣️

Ajay Raj Nick

#थमी हुई बारिश...... ADeewakar Suman Zaniyan pooja negi# Sourabh Sharma 💞प्रेम दीवानी 💞 #poem

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रोहित चौरसिया

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थमी थमी सी आरजू में गुम हो गई 
आज फिर याद ख़्वाबों में वो रवानी आ गई

आज फिर आंखों में नींद उमर पड़ी
 आज फिर ख़्वाबों में वो ख्वाब आ गई

बर्षों देखी थी वो उड़ती आसमा को छूती 
 मुद्दतों बाद वो ख्वाब अनजाने आ गई

वो इक आबला दिल का फूटा 
ख्वाब से जब जगी आखों में वो दर्द आ गई 

वर्षों आज फिर लबों ने वो अश्क चखी 
 ख्वाब की जब टूटी कहानी याद आ गई 

मुद्दतों बाद भी ख़्वाबों में पूरी न हुई 
 उस ख्वाब की बुझी हुई कहानी याद आ गई

कहाँ मुश्किल था भुलाना 
वो आसमा, वो होंसला, फिर मुश्किल बन भुलाने आ गई।

Babita Pandey

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टूटे हैं तेरे इश्क में लाचार नहीं हैं
तू सोचता है मेरे तलबगार नहीं हैं
 दिल तोड़ने का हक मैने दिया तुझे
ऐसा नहीं कि मेरे हक़दार नहीं है
साँसे थमी थमी हैं चेहरा बुझा बुझा
घायल हैं तेरे उन्स में बीमार नहीं हैं
 तेरे बगैर हैं पर शिकवा ना गिला है
हारे हुए हैं फिर भी बेज़ार नहीं हैं

STRK

सबेरे सबेरे

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किसीने बुलाया सबेरे सबेरे
थ सपने दिखाया सबेरे सबेरे
थी साँसे थी धड़कन थमी की थमी
थ यूँ आजमाया सबेरे सबेरे
nish_pandit सबेरे सबेरे

Nanki Patre

हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, मैं पलकें बिछाये देखते रही। कल्पना के सागर में डूबी, एक -एक ख्वाब बुनती रही। मिले जब तुम लगा यूँ, पन्ने पर तुझे उकेरती रहूँ। सात रंगों से सजा कर, #कविता

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हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, 
मैं पलकें बिछाये देखते रही। 
कल्पना के सागर में डूबी, 
एक -एक ख्वाब बुनती रही।

मिले जब तुम लगा यूँ,
पन्ने पर तुझे उकेरती रहूँ। 
सात रंगों से सजा कर, 
मन के घेरा में पिरोती रहूँ।

लगा मुझे बाग के फूलों से,
चुन कर तुझे हृदय में बिठा लूँ। 
कतिपय मैं ठहरी-सी वहाँ रही, 
सोची पग मेरे तेरे पग से मिला लूँ।

है ज़िन्दगी रूकी-रूकी, 
बिन तेरी साँस थमी-थमी। 
तुम मिले देर से, 
नमी आँखों में जमी -जमी। हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, 
मैं पलकें बिछाये देखते रही। 
कल्पना के सागर में डूबी, 
एक -एक ख्वाब बुनती रही।

मिले जब तुम लगा यूँ,
पन्ने पर तुझे उकेरती रहूँ। 
सात रंगों से सजा कर,

Nanki Patre

हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, मैं पलकें बिछाये देखते रही। कल्पना के सागर में डूबी, एक -एक ख्वाब बुनती रही। मिले जब तुम लगा यूँ, पन्ने पर तुझे उकेरती रहूँ। सात रंगों से सजा कर, #कविता

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हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, 
मैं पलकें बिछाये देखते रही। 
कल्पना के सागर में डूबी, 
एक -एक ख्वाब बुनती रही।

मिले जब तुम लगा यूँ,
 उकेरती रहूँ। 
सात रंगों से सजा कर, 
मन के घेरा में फिरोती रहूँ।

लगा मुझे बाग के फूलों से,
चुन कर तुझे हृदय में बिठा लूँ। 
कतिपय मैं ठहरी-सी वहाँ रही, 
सोची पग मेरे तेरे पग से मिला लूँ।

है ज़िन्दगी रूकी-रूकी, 
बिन तेरी साँस थमी-थमी। 
तुम मिले देर से, 
नमी आँखों में जमी -जमी। हर घड़ी हर लम्हें राह तेरी, 
मैं पलकें बिछाये देखते रही। 
कल्पना के सागर में डूबी, 
एक -एक ख्वाब बुनती रही।

मिले जब तुम लगा यूँ,
पन्ने पर तुझे उकेरती रहूँ। 
सात रंगों से सजा कर,

Anju Motwani

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