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Shubham Bhardwaj
एक तरफा रिश्तों को,निभाऊँ कैसे। मोहब्बत की राह पर,उन्हें लाऊँ कैसे।। ©Shubham Bhardwaj #एक #तरफा #रिश्तों #को #निभाऊँ #कैसे
Pnkj Dixit
#OpenPoetry 🌷... धर्म प्रिय 🌷 प्रेम करना सुहृदय का कर्म प्रिय । रेगिस्तान में सागर - सा भ्रम प्रिय । प्रेम जल बिन तरसता कमल प्रिय । प्रेम के विरूद्ध है लेखनी ब्रह्म प्रिय । स्वप्नों में अहसास की ज्योति प्रिय । स्वाति नक्षत्र में सीप का मोती प्रिय । मन यायावर प्रकृति का विचरण कर । आत्मीय प्रेम रस रंग प्रसंग धर्म प्रिय । सुन्दर मन का सुंदर वन चन्दन बनूँ प्रिय । सु हृदय का प्रेम पा, पारस वन्दन बनूं प्रिय । पूर्णिमा नवल धवल चाँदनी का शशि नन्दन शिशु समाना प्रेम पथिक का उर मर्म प्रिय । एक रंग - वर्ण , एक देश - जाति - धर्म प्रिय । सुकोमल जीवन कलि - पुष्प पाँखुरी नरम प्रिय । विष का वास , कर विश्वास , कह , परम प्रिय । मिलन असंभव ,रीति - रिवाज समाज धर्म प्रिय । स्व जननी - जनक विरूद्ध पग ना धरूँ प्रिय । मनवांछित वर चयन , मन विवश करूँ प्रिय । बन पर दास जीवन यापन करूँ प्रिय । प्रिय संग है अधर्म , निभाऊँ स्व पर धर्म प्रिय । जीर्ण-शीर्ण मन - हृदय मत करना प्रिय । प्रेम विष हृदय मस्तिष्क मत धरना प्रिय । श्री चरन कमल रज मस्तक रखना प्रिय । पुनर्जन्म लेकर निभाऊँ प्रेम धर्म प्रिय । (काव्य संग्रह - प्रेम अमर है ) ०९/०८/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷... धर्म प्रिय 🌷 प्रेम करना सुहृदय का कर्म प्रिय । रेगिस्तान में सागर - सा भ्रम प्रिय । प्रेम जल बिन तरसता कमल प्रिय । प्रेम के विरूद्ध है लेखनी ब्रह्म प्रिय । स्वप्नों में अहसास की ज्योति प्रिय ।
🌷... धर्म प्रिय 🌷 प्रेम करना सुहृदय का कर्म प्रिय । रेगिस्तान में सागर - सा भ्रम प्रिय । प्रेम जल बिन तरसता कमल प्रिय । प्रेम के विरूद्ध है लेखनी ब्रह्म प्रिय । स्वप्नों में अहसास की ज्योति प्रिय ।
read moreRamraj Chaurasiya
मुझे इश्क़ है तुझसे, तुझे इश्क़ नहीं तू ही बता इश्क़ निभाऊँ कैसे तेरे लबों पे ख़ामोशी, मेरे लबों पे बंदिश तू ही बता ये इश्क़ बताऊँ कैसे मुझे इश्क़ है तुझसे ... तू कहती है भुला दो, मेरी सारी बातें ख़यालों में गुज़री वो लम्बी रातें समेटे हूँ अश्क़ो में, तेरी मोहब्बत तू ही बता ये अश्क़ बहाऊँ कैसे मुझे इश्क़ है तुझसे ... मैं रह गया तन्हा, तेरी तन्हाइयो में ग़र्क़ हो गया, दर्द की गहराइयों में न मोहब्बत हुई मुकम्मल, न मौत ही आयी अब तू ही बता, ये ज़िन्दगी बिताऊँ कैसे मुझे इश्क़ है तुझसे, तुझे इश्क़ नहीं तू ही बता इश्क़ निभाऊँ कैसे ? Satyaprem Mukesh Poonia arman शिवांश मिश्रा ANMOL BHASKAR
Satyaprem Mukesh Poonia arman शिवांश मिश्रा ANMOL BHASKAR #poem
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