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mummy_s_prince
चिंगारी मन में उठे थे कुछ़ सवाल उसका जवाब हैं चिंगारी, बिना बात या वज़ह के नहीं होते है कहीं कोई हंगामें। जैसी सोच रखोगे वैसा ही परिणाम देगी यह चिंगारी, नहीं करते लोग यहाँ ऐसे ही नएँ नएँ रोज़ कारनामें। जलती भी है और जलाती भी है ऐसी है यह चिंगारी, अब आप दोस्त बनो या बनो दुश्मन इस ख़ुद़गर्जं जमानें में।
मन में उठे थे कुछ़ सवाल उसका जवाब हैं चिंगारी, बिना बात या वज़ह के नहीं होते है कहीं कोई हंगामें। जैसी सोच रखोगे वैसा ही परिणाम देगी यह चिंगारी, नहीं करते लोग यहाँ ऐसे ही नएँ नएँ रोज़ कारनामें। जलती भी है और जलाती भी है ऐसी है यह चिंगारी, अब आप दोस्त बनो या बनो दुश्मन इस ख़ुद़गर्जं जमानें में। #कर्म #गुनाह #विनाश #अस्तित्व #बुराई #धर्मसंकट #धर्मयुद्ध
read moreपूनम रावत
सच्ची श्रद्धा और शक्ति से किसी भी धर्म का अनुसरण करे तो वो शक्ति मिलती हैं जिसे ईश्वर कहते है .. मैने हिंदू पंडित के घर के सदस्य का ईसाई बनना भी देखा है....विदेशो से आकर हिंदू धर्म अपनाने वालो को भी देखा है....और दोनो को ही अपनी भक्ति से मिली खुशी में लीन हुए देखा है ... ©पूनम रावत #धर्म #धर्म #धर्मयुद्ध
Mukesh Raj Gautam लेखक और शायर
जब आप किसी से नफ़रत उसके धर्म के आधार पर करने लगे तो समझ जाना आप आतंकवाद के साथ आकर खड़े हुए हो।। Gautam✍️ ©Mukesh Raj Gautam #धर्मनिरपेक्ष #धर्मयुद्ध #writing
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read moreMukesh Raj Gautam लेखक और शायर
जब तक इस दुनियां में धर्म है तब तक इस दुनियां में शांति स्थापित करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। ©Mukesh Raj Gautam #धर्मयुद्ध #writing
Santosh 'Raman' Pathak
दुर्योधन का अहं हिमालय निर्मित किस लाचारी से? आँख की पट्टी पूछ रही है पटरानी गन्धारी से।। वंशवृद्धि जिस पुण्य सत्य से हुई कीर्ति आर्यावर्ती। वंश नाश को प्राप्त हुई वह सत्य की पर्देदारी से।। भस्म स्वयं भी केंद्र में होगा अग्नि परिधि भी लीलेगी। बैठ के जो बारूद ढेर पर खेलेगा चिनगारी से।। आर्यावर्त की धरा यतीमों विधवाओं से ना पटती हर पौरुष बस लड़ भर लेता क्षुद्र स्वार्थ लाचारी से।। धर्मयुद्ध के अब तक का इतिहास गवाही देता है। हर निर्णायक युद्ध शुरू है सदा बलत्कृत नारी से।। ©Santosh Pathak #महाभारतयुद्धभूमि #धर्मयुद्ध
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read moreAjay Amitabh Suman
#Poetry #hindi_kavita #Duryodhan Mahabharat #कविता #दुर्योधन #महाभारत #धर्मयुद्ध #कुरुक्षेत्र दुर्योधन कब मिट पाया [भाग-1] जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य का चक्कर लगाते हैं। न केवल वो अपने हर फैसले को सही मानता है अपितु उसे औरों पर थोपने की कोशिश भी करता है। नतीजा ये होत
read moreAjay Amitabh Suman
उनसे दूर .................. ©Ajay Amitabh Suman दुर्योधन कब मिट पाया [भाग-1] #Poetry #Hindi_Kavita #Duryodhan #Mahabharat #कविता #दुर्योधन #महाभारत #धर्मयुद्ध #कुरुक्षेत्र जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य का चक्कर लगाते हैं। न केवल वो अपने हर फैसले को सही मानता है अपितु उसे औरों पर थोपने की कोशिश भी करता है। नतीजा ये होता
दुर्योधन कब मिट पाया [भाग-1] #Poetry #hindi_kavita #Duryodhan #Mahabharat #कविता #दुर्योधन #महाभारत #धर्मयुद्ध #कुरुक्षेत्र जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य का चक्कर लगाते हैं। न केवल वो अपने हर फैसले को सही मानता है अपितु उसे औरों पर थोपने की कोशिश भी करता है। नतीजा ये होता
read morevipin pal
।। धर्मयुद्ध।। मन के युद्ध से लड़ते नहीं वीरोचित्त भाव से खो जाते हैं धनंजय महाभारत के विराम से निज दिशा में उठती हैं जो कामनाएं अवरोध कर मत कर, मत कर युद्ध अपनों से फिर हार कर जो भागता है विह्वल हृदय कुरूक्षेत्र के दिगांत पर अश्रुओं से पूरित है काया सब बंधन तू पार कर आएंगे तेरे श्रीसखा चार अश्वों को बांध कर ओ केशव मधुसूदन चक्रधारी धर्म के विश्वास धर मेरे मन के विषबाण को उपचार करो उसे निकालकर कौड़ियों से सब कुछ मैं हारा, राष्ट्र हारा, पात्र हारा, भातृ हारा, मान-सम्मान सारा और पांडवों ने शीश हारा फिर कौरवों ने जिसे निहारा, वो प्रियतमा द्रौपदी को हारा तुम सर्वज्ञ हो, तुम प्रिय सखे हो मेरे, हे वासुदेव कृष्ण रक्षा करो, ये पाप हरो, धर्म धरो, हम सब पर दया करो उठो हे गांडीवधारी अर्जुन! धीर बनो रणधीर बनो सारी चिंता त्याग कर धर्मयुद्ध को प्राण दो, न्याय को आधार दो, कौरवों को शंखनाद दो, फिर कौरवों को तार दो।। vipin'श्रीdaas' #श्रीकृष्ण #धर्मयुद्ध #उपदेश #HopeMessage
#श्रीकृष्ण #धर्मयुद्ध #उपदेश #HopeMessage #विचार
read moreनिश्चय सिंह "समग्र"
#जातिवाद #धर्मवाद #नीचवाद #छुआछूत #काली_राजनीति #सामाजिक_कुरीतियों पर एक उठती आवाज का प्रहार.... जाति-पाति, ऊँच-नीच, धर्मयुद्ध, भेदभाव ये तो बस तेरा मेरा, एक अलग दिखावा है की धर्मयुद्ध पे जो कटे, शीश कटार से उनकी राह में क्यूँ अंधियारा छाया है
#जातिवाद #धर्मवाद #नीचवाद #छुआछूत #काली_राजनीति #सामाजिक_कुरीतियों पर एक उठती आवाज का प्रहार.... जाति-पाति, ऊँच-नीच, धर्मयुद्ध, भेदभाव ये तो बस तेरा मेरा, एक अलग दिखावा है की धर्मयुद्ध पे जो कटे, शीश कटार से उनकी राह में क्यूँ अंधियारा छाया है #poem
read moreआशीष गौड़
अपनी कुंठा को अंकनी से, इस पोथी पर लिखता हूँ। मूकभाव से लिखकर भी में, बाज़ारों में बिकता हूँ!! वर्षा ऋतु भी अब कलयुग में बिना सलिल के आती है। देवनदी भी बस पुस्तक में , अब गंगा कहलाती है! धर्मयुद्ध के दलदल से अब ऊपर ही में दिखता हूँ! अपनी कुंठा को अंकनी से, इस पोथी पर लिखता हूँ #Poetry
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