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Krish Vj
मन का परिंदा उड़ चला छोड़ गया पीछे ना जाने कितने ख़्वाब यहाँ है वक़्त कब कहाँ किसके लिए रुका है जो वक़्त का हुआ वक़्त बस उसका हुआ है 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें। #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #चित्रप्रतियोगिता09_Qeh
read moreNiraj Kumar
पल पल बीती जाय जिंदगी घड़ी की धीमी रफ्तार में। रोकना चाहूं जितना मैं उसको फिसली बंधी मुट्ठी रेत हो जैसे।। निकल गया अपनी रफ़्तार में इंतजार ये कर ना बैठा। रफ्ता-रफ्ता गुज़रे हर पल बचपन, जवानी और बुढ़ापा जिसने देखा।। रूका ना इस जीवन में है हर पल चाहे खुशीयां या जीवन में हो ग़म। रिश्तों की एक डोर बांध कर निकल चले वक्त के साहील पर हम एक रोज।। 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
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read moreInsprational Qoute
रुकती जो समय की घड़ियाँ तो तेरे जाने को भी रोक सकते थे, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था,कैसे हम टाल सकते थे, खैर स्वानुभूति का कोई खेल न रचना, जो दिल आये वो करना, जिन निग़ाहों पर ऐतबार नही तो कैसे तुम्हें अपना बोल सकते थे, जन्नत की पनाह नही बस तेरे कोमल से हाथों का साथ मांगा था, गुज़र गया अब वक़्त तो कैसे तेरे साथ को रब से मांग सकते थे, कोई और गुज़ारिश नही तुमसे बस अंतिम धड़कनों को सुन लेना, समझते है तेरे बीते हालातों को कैसे तुम पर हक जता सकते थे। 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें। #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #चित्रप्रतियोगिता09_Qeh
read morePrerit Modi सफ़र
मैं बशर गवाह रहा हूँ हयात की क़दीम रवानियों का वक़्त की टिक टिकाती सुई और उसकी तन्हाइयों का कभी रहा मैं दरख़्त सा मजबूत जमीन पर कभी रहा मैं हिस्सा ख़ूबसूरत धरा की रानाइयों का उस्तुवार इमारतों को खँडहर होते देखा है मैंने जिनको था ग़ुरूर अपनी पुरखों की कहानियों का खियाबाँ दिल की जमीं को बयाबाँ होते देखा है मैंने मैं था तब भी मौजूद जब था सैलाब अज़िय्यतों का 'सफ़र' ज़ीस्त का मेरा कई दहर से होकर गुज़रा है कभी सफ़र था क़ाफ़िला कभी रहा 'सफ़र' तन्हाइयों का क़दीम- प्राचीन रानाइयों- ख़ूबसूरती उस्तुवार- strong खियाबाँ- बाग़ बयाबाँ- जंगल अज़िय्यतों- troubles दहर- युग
क़दीम- प्राचीन रानाइयों- ख़ूबसूरती उस्तुवार- strong खियाबाँ- बाग़ बयाबाँ- जंगल अज़िय्यतों- troubles दहर- युग #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #collabwithक़लम_ए_हयात #चित्रप्रतियोगिता09_Qeh
read moreअभिलाष सोनी
क्यूँ वक़्त बेवक़्त हम, यादों के पलछिन में खो जाते हैं। फरेबी हसीन यादों में डूबकर, क्यूँ किसी के हो जाते हैं। जाने क्यूँ बेक़रार रहते हैं हम, उस अजनबी इंतजार में। जो कभी अपना था ही नहीं, क्यूँ ऐसे सपने संजो जाते हैं। यादों की पुरवाई में बहकर, अक्सर बेचैन रहते हैं हम। इंतजार करके उसका, हम और भी तन्हा हो जाते हैं। क्यूँ हम अपनी तनहाइयों में भी उसे ही याद करते हैं। जो दिल लगाते हैं हमसे, मगर किसी और के हो जाते हैं। कब तक चलता रहेगा ये हसीन फरेब का सिलसिला यूँ ही। क्यूँ हम खुद की परवाह किये बिना, उसी के हो जाते हैं। 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
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read moreDR. SANJU TRIPATHI
समय पर जो समय को नहीं पहचान पाता है वही समय से हार जाता है, समय कभी भी रुकता नहीं, समय का पहिया हर पल चलता ही जाता है। समय के साथ चलकर ही जिंदगी में प्रत्येक इंसान सफल हो सकता है, समय के भरोसे बैठकर भी कोई इंसान जीवन में कुछ नहीं कर सकता है। जीवन में कुछ करना है तो समय के साथ खुद को भी बदलना ही पड़ेगा, जीवन एक बार मिलता है हर पल हर समय का सदुपयोग करना ही पड़ेगा। 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
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