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Chandan Kumar
night quotes in hindi आज बन गये हो ना बड़े अफ़सर , पर भूल मत जाना गांव के उस लालटेन की रौशनी ! जिसमे पढ़ कर आज इस काबिल बने हो !! ©Chandan Kumar वो लालटेन की रौशनी ! #गांव #माँ #लालटेन #रौशनी #अफसर #काबिल Himanshu Mittal Shankar Singh Rai Ashis Barik Bhavana Pandey Bunty Kumari
Amit Rawat
कभी चिंता मत करना साथियों, कि आपका कोई “सुझाव”, “गीत”, “कविता” या अन्य किसी “भाषण” को “हजारों” या “लाखों” “लोगों” की “संख्या” में “सुना”,“पढ़ा”,“लाईक”,“कमेन्ट” या “फॉलो” नही किया जाता......! बस फर्क पड़ता है, कि कोई “एक” ही “व्यक्ति” इसे “सुन”, “पढ़” या “समझ” कर आगे जाकर कोई “IPS” अफसर, “प्रधानमंत्री”,“राजा” या कोई “महान व्यक्ति” बन जाये जो “करोड़ों” “अरबों” “लोगों” तक की “मिशाल” “बन” जाये “आपके” उस “ज्ञान” से.....।। #सुझाव #गीत #कविता #पाठक #लाईक #फॉलोवर्स #कमेन्ट #महान #व्यक्ति #अफसर ।
uma pathak
पिता पिता का फर्ज कौन अदा कर पाया है बेटे ने हर जगह पिता का अपमान कराया है पिता गर मजदूर हो तो बेटे ने उसके संग जाने में कतराया है बड़े-बड़े स्कूलों में उसने खुद को अफसर का बेटा बताया है यह बात वह भूल कर कितनी मुश्किल से उस पिता ने उसे पढ़ाया रात दिन काम कर पिता ने बेटे को अफसर बनाया है और वही बेटा बाद में उसे दो रोटी खाने को तरसाया है भूल वह दिन बचपन के जो उसने साथ गुजारे बेटे की एक ख्वाहिश में उसने दिन में तारे देखे और वह बेटा दो पैसा कमा कर अपने पिता को आश्रम का रास्ता दिखलाएं
Praveen Prajapati
आर्मी कोर्ट रूम में आज एक केस अनोखा अड़ा था छाती तान अफसरों के आगे फौजी बलवान खड़ा था बिन हुक्म बलवान तूने ये कदम कैसे उठा लिया किससे पूछ उस रात तू दुश्मन की सीमा में जा लिया बलवान बोला सर जी! ये बताओ कि वो किस से पूछ के आये थे सोये फौजियों के सिर काटने का फरमान कोन से बाप से लाये थे बलवान का जवाब में सवाल दागना अफसरों को पसंद नही आया और बीच वाले अफसर ने लिखने के लिए जल्दी से पेन उठाया एक बोला बलवान हमें ऊपर जवाब देना है और तेरे काटे हुए सिर का पूरा हिसाब देना है तेरी इस करतूत ने हमारी नाक कटवा दी अंतरास्ट्रीय बिरादरी में तूने थू थू करवा दी बलवान खून का कड़वा घूंट पी के रह गया आँख में आया आंसू भीतर को ही बह गया बोला साहब जी! अगर कोई आपकी माँ की इज्जत लूटता हो आपकी बहन बेटी या पत्नी को सरेआम मारता कूटता हो तो आप पहले अपने बाप का हुकमनामा लाओगे ? या फिर अपने घर की लुटती इज्जत खुद बचाओगे? अफसर नीचे झाँकने लगा एक ही जगह पर ताकने लगा बलवान बोला साहब जी गाँव का ग्वार हूँ बस इतना जानता हूँ कौन कहाँ है देश का दुश्मन सरहद पे खड़ा खड़ा पहचानता हूँ सीधा सा आदमी हूँ साहब ! मै कोई आंधी नहीं हूँ थप्पड़ खा गाल आगे कर दूँ मै वो गांधी नहीं हूँ अगर सरहद पे खड़े होकर गोली न चलाने की मुनादी है तो फिर साहब जी ! माफ़ करना ये काहे की आजादी है सुनों साहब जी ! सरहद पे जब जब भी छिड़ी लडाई है भारत माँ दुश्मन से नही आप जैसों से हारती आई है वोटों की राजनीति साहब जी लोकतंत्र का मैल है और भारतीय सेना इस राजनीति की रखैल है ये क्या हुकम देंगे हमें जो खुद ही भिखारी हैं किन्नर है सारे के सारे न कोई नर है न नारी है ज्यादा कुछ कहूँ तो साहब जी दोनों हाथ जोड़ के माफ़ी है दुश्मन का पेशाब निकालने को तो हमारी आँख ही काफी है और साहब जी एक बात बताओ वर्तमान से थोडा सा पीछे जाओ कारगिल में जब मैंने अपना पंजाब वाला यार जसवंत खोया था आप गवाह हो साहब जी उस वक्त मै बिल्कुल भी नहीं रोया था खुद उसके शरीर को उसके गाँव जाकर मै उतार कर आया था उसके दोनों बच्चों के सिर साहब जी मै पुचकार कर आया था पर उस दिन रोया मै जब उसकी घरवाली होंसला छोड़ती दिखी और लघु सचिवालय में वो चपरासी के हाथ पांव जोड़ती दिखी आग लग गयी साहब जी दिल किया कि सबके छक्के छुड़ा दूँ चपरासी और उस चरित्रहीन अफसर को मै गोली से उड़ा दूँ
Sanju Bhaskar
S. D पुलिस ट्रेनिंग के दौरान , अफसर 👨🏻✈ ने पूछा : ‘ये हाथ में क्या है ?’ सुरेश : “सर , बन्दूक है …!” अफसर 😎: “ये बन्दूक नहीं ! तुम्हारी इज़्ज़त है , शान है , ये तुम्हारी माँ है माँ . !!” फिर अफसर ने दूसरे सिपाही रमेश से पूछा : “ये हाथ में क्या है ?”
read moreNadan parinda
#WriterSpSunda #jaiHind #नमन् #इंकलाबजिंदाबाद ★मेरे जेहन में आये दृश्यों को कहानी का रूप दिया है। पढियेगा,विचार कीजियेगा। ★★★★★S.p sunda★◆◆◆◆◆◆◆ "माँ मुझे ड्यूटी जाना होगा ,छुट्टी खत्म हो गयी है । कल ही निकलूंगा" कहकर फौजी अपना सामान समेटने लगा। माँ भी मन मारकर दुखी मन से चेहरे पर झूठी मुस्कान लाने की कोशिश करके रोन्धे गले से बोली ," थोड़े दिन ओर रुक जाता तो अच्छा लगता लेकिन नोकरी है जाना पडेगा" बोलकर बेटे के समान जुटाने में मदद करने लगी। माँ अपनी मुस्कान में सब छुपा लेती लेकिन आंखों के पानी ने दगा दे दिया। ये सब फौजी की 8 साल की बेटी ने भी सुना तो दौड़कर आयी और फौजी की उंगली पकड़कर मासूमियत से बोली,"क्या पापा। परसो मेरी स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग है। आप कभी नही आते।सबके पापा आते है" कहकर मुह फुलाकर बैठ गयी। फौजी मुस्कराया और उसे गोद मे उठाकर बोळा,' मेरी राजकुमारी। आपके पापा फौजी है। दुश्मनों से देश की रक्षा करते है। अब मै नही गया तो दुश्मन देश मे घुस जाएगा ! अब बताओ नही जाऊ में ?" ये सुनकर बिटिया ने फौजी को बांहों में भर कर लिपटकर बोली," सब दुश्मनों को मार देना पापा। कोई अपने देश मे न घुस पाए" ये कहकर वो बाहर की तरफ दौड़ गयी। शाम हुई,आज सबने साथ खाना खाया। फौजी के पिता ,किसान है। दिनभर खेत मे काम करके लोटे है। अंधेरा होने को है इधर फौजी की पत्नी भी उदास हो गयी। उसे आज नींद ही नही आ रही है। शिकायत भरे अंदाज मे बोलती है ," अभी आये कुछ दिन ही तो हुए है। छुट्टिया कम क्यों ली! पिछली बार आपने वादा किया था कि अबकी बार फ़िल्म देखने चलेंगे। और इस बार भी.." बोलकर मुह फेरकर सोने की नोटनकी करने लगी। फौजी समझाते हुए बोळा," तुम भी न । छोटी -2 बात पर बच्चो की तरह रूठ जाती हो! चलो इस बार जल्दी ही आऊंगा ओर पकक्का सिनेमा।" पत्नी भी आंखों में उदासी लिए मान गयी। सुबह उठते ही सभी फौजी को विदाई देने कि तैयारी में जुट गए। बूढ़ी माँ रसोई में परांठे बना रही है। पत्नी फौजी के बैग को व्यवस्थित कर रही है। कही कुछ भूल तो नही रहे है न! फौजी का दोस्त मोटरसाइकिल ले आया उसे बस स्टैंड छोड़ने को। फौजी ने अपना बैग उठाया बेटी को समझाया," आप शरारतें मत करना। पढ़ाई करना। अबकी बार आपके लिए पापा रिमोट वाली कार लाएंगे"सुनकर बहुत खुश हुई। इधर रवाना होने से पूर्व अपने बापू के धोक लगाई तो वो अपने फटे,मेले कुर्ते की जेब मे हाथ दिया और 500 रुपये बढ़ा दिए। मना किया फौजी ने फिर भी जबरदस्ती उसके हाथ मे थमाकर बोले," आशीर्वाद समझ कर ले जा।" फौजी जब अपनी माँ की तरफ बढ़ा तो माँ गले लिपटकर भावुक हो गयी। थोड़ी देर दोनों गले मिलते रहे। फिर माँ ने आंसू पोछकर एक डिब्बा थमाया बोली," देशी घी के लड्डू है। खा लेना और अपने दोस्तों को भी खिलाना" अब रवाना होने के लिए चौखट की तरफ बढा तो देखा ,"रशोई के दरवाजे की ओट में छिपकर पत्नी सजल आंखों से टकटकी लगाए देख रही थी। फौजी मुस्कराते हुए हाथ हिलाकर आगे बढ़ गया। फौजी को उसकी माँ ने जाते वक्त कहा,"बेटा पहुचकर फोन कर दियो याद से" अब सभी दुःखी मन से अपने काम लग गए। जम्मू पहुचने में फौजी को घण्टो लगे। ★ये सब फौजी अफसर अपने फौजी की लाश के टुकड़ों के पास पड़ी डायरी के जले कटे पन्नो से पढ़ रहा था। उसका कलेजा बैठ गया। चारो ओर खून। मांस के चिथड़े। लाशों के विक्षिप्त अंग। और इसी डायरी में फौजी की मासूम बेटी की तश्वीर ने अफसर के घुटने तोड़ दिए.. वही जमीन पर घुटनो के बल बैठकर उस बेसहारा बाप, बिलखती माँ, बेहोश पत्नी और चिल्लाती बेटी की काल्पनिक तश्वीर उनके जहन पर आने लगी... वो माँ बेटे के फ़ोन का इंतजार कर रही होगी.. तभी अफसर का ध्यान चारो ओर बिखरे देशी घी के लड्डुओं पर गया तो चिल्लाने लगा...😢😢😢 नमन्....निशब्द... इस कहानी को sp सुण्डा यही रोक रहा हूँ। लिख नही पा रहा हूँ। आंखे नम है... जै हिन्द, जै जवान, जै किसान... Share plzzzzz #NojotoQuote #India #JaiHind #JaiBharat
Parul Sharma
झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक बस तय करना है सौदा कहाँ पटता है । छुटपुट दलाल,नेता माफिया कहलाते हैं सबको मारते हैं ,डराते हैं और धमकाते है बस देखना है कौन किससे डरता है। औहदा शोहरत संपत्ति आकर्षित सबको करती इसका फायदा उठाती कुछ हस्ती बस तय करना है कौन कहाँ गिरता है। कुछ लोग धर्म सच्चाई की राह अपनाते हैं और झूठ से डटकर लड़ जाते हैं कुछ हो जाते शहीद कुछ क्रांति लाते हैं। बस इन्हीं महान आत्माओं से युग बदलता है। कलयुग में ..........................ढलता है। पारुल शर्मा #NojotoQuote झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक
झूठ एक कलयुग का सच कलयुग में आजकल सच भी बिकता है बिक कर यह झूठ में ढलता है। होता नीलाम अपराधियों के बाजार में मजबूरी करती मोल भाव तुलता ईमान के साथ में। बस तय करना है कौन कहाँ बिकता है । नेता,अफसर,पिस्टल धुमाते इंस्पेक्टर हैं इसके सौदागर; मजबूर,लाचार,बेबस व्यक्ति हैं इसके ग्राहक #nojotoofficial #धर्म #nojotohindi #कर्म #nojotoquotes #kalakash #panchdoot_social #TST #likho_india #माफिया
read moreआशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
आर्मी कोर्ट रूम में आज एक केस अनोखा अड़ा था! छाती तान अफसरों के आगे फौजी बलवान खड़ा था!! बिन हुक्म बलवान तूने ये कदम कैसे उठा लिया? किससे पूछ उस रात तू दुश्मन की सीमा में जा लिया?? बलवान बोला सर जी! ये बताओ कि वो किस से पूछ के आये थे? सोये फौजियों के सिर काटने का फरमान कोन से बाप से लाये थे?? बलवान का जवाब में सवाल दागना अफसरों को पसंद नही आया! और बीच वाले अफसर ने लिखने के लिए जल्दी से पेन उठाया!!
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