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Ahel Choudhury

यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती को पूरा करें। 💎 • अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर इस अद्भुत पृष्ठभूमि की सुंदरता बढ़ाएं। #YourQuoteAndMine #yqquotes #yourquotebaba #profoundwriters #शब्दों_की_माला #भावनाओं_की_स्याही #समाज_की_हाँ

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समाज! क्यों इतनी ज़रूरी इसकी मंज़ूरी तुम्हारे लिए?
वही समाज जो बना फिरता हैं साधु तुम्हारे सामने,
क्या पता करता लाखों बुराइयां ये तुम्हारे पीठ पीछे!
वही समाज जिसको कल भी फ़र्क नहीं पड़ा था कोई 
तुम्हारे होने या न होने से,
क्यों आज उसके कुछ कहने पर दिल पे बात को लिए,
गुमसुम से बैठे हो यूं खुद से थक - हार के?

समाज! न तो ये कल किसी का था, न आज किसी का है।
जिसकी बोली चलती, उसी के साथ हो लेता ये तुम्हारा समाज,
आज तक कोई संतुष्ट नहीं कर पाया है इसको।।
तो क्यों न तुम अपने कामयाबी की राह पे आगे बढ़ो,
दौड़ लगाकर अपने मंज़िल को हासिल करो,
और वो करो जो तुम्हे अच्छा लगे, तुम्हारे दिल को भाए।।
आख़िर क्यों है इतनी ज़रूरी तुम्हारे लिए समाज की मंजूरी?

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Insprational Qoute

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न होती जो समाज की हां,बदल देती फिर ये जहाँ,
अंतश्चेतना को दबा न जाने आज खुद खो गई कहाँ?

विक्षिप्त हो गई मेरी चाह, किसी ने भी न ली पूछ है,
पग पग पर ली परीक्षा,किसी की न जवाबदेही यहाँ,

समूल सृष्टि की मैं जगकल्याणी, भेदभाव की मारी हूँ,
क़द्र जो मेरी नही,बिन मेरे किसकी करते हो परवाह?

आँखे खोल देख ,वक्त के साये में न इतना मशगूल हो,
 स्मिता का मान करो,कहिं सृष्टि का बदल जाये न समां।

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