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प्रिय पहिये 'दुनिया का बोझ तुम उठाते फिर भी ज़रा ना तुम घबराते' तुम में ना जाने कहाँ से इतनी शक्ति आती है कि बिना किसी शिकायत, शर्त के इतना सहन करते हो, और उसके बदले में तुम क्या चाहते हो कोई तुम्हें गुस्से में लात ना मारे, पर तुम कुछ नहीं कह पाते उनको..! आज मैं तुम्हारे साथ जिए दो संस्मरण तुम्हें लिख रहा हूँ, तुम बताना तुम्हें कौनसा अक्षर दर अक्षर याद है..! पहला संस्मरण : दिनाँक 22 दिसंबर 2008 समय सुबह के 9:20-25 के आसपास का जब तुमने ख़ुद पर पूरा दोष लेकर उस मासूम सी बच्ची को बचाया था मेरी बाइक के नीचे आने से, सर्दी की गुलाबी सुबह और गुलाबी नगरी की ठण्ड.. ऊऊऊऊऊ, गलती शायद मेरी थी कि उस ओर ध्यान ना गया पर तुमने फिसलते फिसलते उस बच्ची की रक्षा की, उसके लिए में तुम्हारा आभारी हूं, ऋणी हूँ..! प्रिय पहिये 'दुनिया का बोझ तुम उठाते फिर भी ज़रा ना तुम घबराते' तुम में ना जाने कहाँ से इतनी शक्ति आती है कि बिना किसी शिकायत, शर्त के इतना सहन करते हो, और उसके बदले में तुम क्या चाहते हो कोई तुम्हें गुस्से में लात ना मारे, पर तुम कुछ नहीं कह पाते उनको..! आज मैं तुम्हारे साथ जिए दो संस्मरण तुम्हें लिख रहा हूँ, तुम बताना तुम्हें कौनसा अक्षर दर अक्षर याद है..!
प्रिय पहिये 'दुनिया का बोझ तुम उठाते फिर भी ज़रा ना तुम घबराते' तुम में ना जाने कहाँ से इतनी शक्ति आती है कि बिना किसी शिकायत, शर्त के इतना सहन करते हो, और उसके बदले में तुम क्या चाहते हो कोई तुम्हें गुस्से में लात ना मारे, पर तुम कुछ नहीं कह पाते उनको..! आज मैं तुम्हारे साथ जिए दो संस्मरण तुम्हें लिख रहा हूँ, तुम बताना तुम्हें कौनसा अक्षर दर अक्षर याद है..! #साथी #Kumaarsthought #पहिया #MeMoWriMo #yqletter #yqlewrimo #kumaarletter
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प्रिय सुकून तुम्हारी मौजूदगी से सब मंगलमय है, आनंदमय है..! तुम्हारा आज पत्र मिला, सच कहूँ तो मुझे उम्मीद थी कि तुम्हारा जवाब आएगा पर यह भी हकीक़त है कि इसका यक़ीन नहीं था कि इतनी जल्दी आएगा..! तुम्हारी हैरानी जायज है, मैं वादा करता हूँ कि आगे से तुम्हें शिकायत नहीं होगी! तुम्हारी बात सुनकर मन प्रफुल्लित हुआ, तुम्हारी बात आगे बढ़ाते हुए मैं तुमसे कहना चाहूँगा कि जब कुमार की कलम तुम्हारी यादों की रोशनाई से तुम्हें पाती लिख रही थी, तब तुम ही रक्त बनकर मुझे मार्ग दिखा रहे थे..। मैं तुम्हारी यह बात भी मानता हूँ कि तुम्हें समझना थोड़ा कठिन है पर तुम जानते हो जब तक दिमाग के सारे घोड़े जीवन की सड़क पर ना दौड़ाएं, लुत्फ़ नहीं आता उसे पाने का..! प्रिय सुकून तुम्हारी मौजूदगी से सब मंगलमय है, आनंदमय है..! तुम्हारा आज पत्र मिला, सच कहूँ तो मुझे उम्मीद थी कि तुम्हारा जवाब आएगा पर यह भी हकीक़त है कि इसका यक़ीन नहीं था कि इतनी जल्दी आएगा..! तुम्हारी हैरानी जायज है, मैं वादा करता हूँ कि आगे से तुम्हें शिकायत नहीं होगी!
प्रिय सुकून तुम्हारी मौजूदगी से सब मंगलमय है, आनंदमय है..! तुम्हारा आज पत्र मिला, सच कहूँ तो मुझे उम्मीद थी कि तुम्हारा जवाब आएगा पर यह भी हकीक़त है कि इसका यक़ीन नहीं था कि इतनी जल्दी आएगा..! तुम्हारी हैरानी जायज है, मैं वादा करता हूँ कि आगे से तुम्हें शिकायत नहीं होगी! #Kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #kumaarletter #पत्रकाआदान_प्रदान
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प्रिय मुकुल, मैं जानता हूँ पत्र लिखना जितना मुझे पसंद है उतना तुम्हें भी और हाँ मैं तुम्हें हक़ से 'तुम' कह सकता हूँ..। पत्र में तुमसे हुई कुछ गुफ़्तगू लिख रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ तुम वर्तमान में रहकर, भूत को जियो गे और भविष्य को सुन्दर करोगे..। पहला संस्मरण :- दिन, दिनाँक तो याद नहीं पर जब पहली बार तुमसे मैंने दाऊ सुना था, सच में ख़ुद को बलराम मानने लगा था और यकीन होने लगा था कि बड़ा हूँ.. (मज़ाक नहीं है यह) यहां पर ज्यादतर लेखक, पाठक मुझे भाई, सर या दोस्त ही कहते, दाऊ कभी नहीं सुना, ना ही कभी जिंदगी में अब तक किसी ने सामने से कहा.. यह मेरी लाइफ में सुना शायद सबसे प्यारा संबोधन हैं मेरे लिए क्योंकि इसमे केवल संबोधन नहीं, प्यार है, सम्मान है..। प्रिय मुकुल, मैं जानता हूँ पत्र लिखना जितना मुझे पसंद है उतना तुम्हें भी और हाँ मैं तुम्हें हक़ से 'तुम' कह सकता हूँ..। पत्र में तुमसे हुई कुछ गुफ़्तगू लिख रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ तुम वर्तमान में रहकर, भूत को जियो गे और भविष्य को सुन्दर करोगे..। पहला संस्मरण :-
प्रिय मुकुल, मैं जानता हूँ पत्र लिखना जितना मुझे पसंद है उतना तुम्हें भी और हाँ मैं तुम्हें हक़ से 'तुम' कह सकता हूँ..। पत्र में तुमसे हुई कुछ गुफ़्तगू लिख रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ तुम वर्तमान में रहकर, भूत को जियो गे और भविष्य को सुन्दर करोगे..। पहला संस्मरण :- #Kumaarsthought #testimonial #MeMoWriMo #yqletter #kumaardedication #kumaarmemory #yqlewrimo #kumaarletter
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प्रिय दिव्या, ख़त की शुरुआत में अज्ञात जी के एक शेर से करता हूँ, अज्ञात जी कहते हैं कि मिट्टी की आवाज़ सुनी जब मिट्टी ने साँसों की सब खींचा-तानी ख़त्म हुई अपने वतन की मिट्टी बहुत याद आती है, शायद इसीलिए मेरा जुड़ाव ज्यादा रहा तुमसे यहाँ, अपने गुलाबी नगर की बात ही शायद कुछ ऐसी है.. एक ही शहर में रहकर भी कभी ना मिले, पर इस YQ परिवार ने उस कमी को पूरा किया। दिव्या, तुमसे जब से दोस्ती हुई तब से बहुत सी चीज़े मुझे हम दोनों में समान लगी जैसे तुम्हारा और मेरा जयपुर से होना, पेशा अध्यापन, लिखने का शौक, उर्दू सीखने की लालसा.. और भी बहुत कुछ है शायद जो तुम देखो प्रिय दिव्या, ख़त की शुरुआत में अज्ञात जी के एक शेर से करता हूँ, अज्ञात जी कहते हैं कि मिट्टी की आवाज़ सुनी जब मिट्टी ने साँसों की सब खींचा-तानी ख़त्म हुई अपने वतन की मिट्टी बहुत याद आती है, शायद इसीलिए मेरा जुड़ाव ज्यादा रहा तुमसे यहाँ, अपने गुलाबी नगर की बात ही शायद कुछ ऐसी है.. एक ही शहर में रहकर भी कभी ना मिले, पर इस YQ परिवार ने उस कमी को पूरा किया।
प्रिय दिव्या, ख़त की शुरुआत में अज्ञात जी के एक शेर से करता हूँ, अज्ञात जी कहते हैं कि मिट्टी की आवाज़ सुनी जब मिट्टी ने साँसों की सब खींचा-तानी ख़त्म हुई अपने वतन की मिट्टी बहुत याद आती है, शायद इसीलिए मेरा जुड़ाव ज्यादा रहा तुमसे यहाँ, अपने गुलाबी नगर की बात ही शायद कुछ ऐसी है.. एक ही शहर में रहकर भी कभी ना मिले, पर इस YQ परिवार ने उस कमी को पूरा किया। #Kumaarsthought #testimonial #yqletter #kumaardedication #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter
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प्रिय मधु जी सादर प्रणाम..! आपको मधु जी लिखना थोड़ा अटपटा लगता है पता नहीं क्यों, पर अंदर से मन नहीं मानता कि आपका नाम लूँ, तो आज से मैं आपको 'उस्ताद जी' ही कहूँगा.. वैसे तो दुनिया कहती हैं कि नाम में क्या रखा है, पर नाम से ही आपकी पहचान होती है यह मेरा मानना है, और आपको देखकर, पढ़कर, मेहसूस करके हमेशा गुरु माता वाली ही फीलिंग्स आई, तो गुरु माता और उस्ताद जी को कुमार का प्रणाम..। आप, जब भी कलम उठाते हैं बस फिर कलम चलती नहीं, और एक छोर से होकर जब वह मुकाम तक जाती है तब ऐसा नगमा बन चुका होता है जिसे लिख पाना हर किसी के बस की बात नहीं..। आपके हर लेख में आपका अनुभव साफ साफ दिखाई देता है और जब आप अपने लेखन से कुछ सिखाते हैं, क्या कहें कितना आंनद आता है..। आप यूँही यहाँ ता-उम्र लिखते रहे और हम आपके शागिर्द बनकर सीखते रहे..। आपकी कलम का मुरीद जय #kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #Kumaarletter #kumaarjuneletter #kumaardedication आपके लिए दिल से ढ़ेर सारा प्यार उस्ताद जी, आपकी लेखनी का कुछ असर है हम पर.. ।आपकी सोहबत और आशीष को हम पर बनाए रखना..। Dedicating a #testimonial to Madhumayi
#Kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #kumaarletter #kumaarjuneletter #kumaardedication आपके लिए दिल से ढ़ेर सारा प्यार उस्ताद जी, आपकी लेखनी का कुछ असर है हम पर.. ।आपकी सोहबत और आशीष को हम पर बनाए रखना..। Dedicating a #testimonial to Madhumayi
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प्रिय साड़ी तुम अपने नाम, मेरी कलम से लिखे पत्र को देखकर अचंभित ना होना कि मैंने तुम्हें कैसे चुना पत्र लिखने के लिए.. तुम्हारा ऐसा सोचना कुछ हद तक ठीक है पर मुझे बताते हुए खुशी भी है कि तुम नारी पर सजने वाला सबसे प्यारा परिधान हो..। तुम जब जब किसी स्त्री के शरीर पर सुशोभित होती हो, नारी की सुन्दरता में चार से भी ज्यादा चाँद लग जाते हैं और उस वक़्त वह स्त्री चाहे वह कन्या हो, किसी की अर्धांगिनी, किसी की माँ, बहु, सास, दादी नानी सब को एक अलग ही तरह का सुकून देती हो..। तुम्हें विश्व भर में सम्मान प्राप्त है, 'दैनिक दिनचर्या' हो, या सुहाग के लिए रखा गया 'करवा चौथ' का व्रत, या पहली बार पग फेरे के बाद मायके से ससुराल जाना हो, या किसी अपने की शादी में हर जगह (पूरा पत्र अनुशीर्षक में) प्रिय साड़ी तुम अपने नाम, मेरी कलम से लिखे पत्र को देखकर अचंभित ना होना कि मैंने तुम्हें कैसे चुना पत्र लिखने के लिए.. तुम्हारा ऐसा सोचना कुछ हद तक ठीक है पर मुझे बताते हुए खुशी भी है कि तुम नारी पर सजने वाला सबसे प्यारा परिधान हो..। तुम जब जब किसी स्त्री के शरीर पर सुशोभित होती हो, नारी की सुन्दरता में चार से भी ज्यादा चाँद लग जाते हैं और उस वक़्त वह स्त्री चाहे वह कन्या हो, किसी की अर्धांगिनी, किसी की माँ, बहु, सास, दादी नानी सब को एक अलग ही तरह का सुकून देती हो..। तुम्हें विश्व भर में सम्म
प्रिय साड़ी तुम अपने नाम, मेरी कलम से लिखे पत्र को देखकर अचंभित ना होना कि मैंने तुम्हें कैसे चुना पत्र लिखने के लिए.. तुम्हारा ऐसा सोचना कुछ हद तक ठीक है पर मुझे बताते हुए खुशी भी है कि तुम नारी पर सजने वाला सबसे प्यारा परिधान हो..। तुम जब जब किसी स्त्री के शरीर पर सुशोभित होती हो, नारी की सुन्दरता में चार से भी ज्यादा चाँद लग जाते हैं और उस वक़्त वह स्त्री चाहे वह कन्या हो, किसी की अर्धांगिनी, किसी की माँ, बहु, सास, दादी नानी सब को एक अलग ही तरह का सुकून देती हो..। तुम्हें विश्व भर में सम्म #Kumaarsthought #yqletter #kumaardedication #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter
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प्रिय मित्र संगीत, सदा प्रसन्न रहो। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम स्वस्थ व आनंद के साथ होगे। साथ ही तुम मन लगाकर नयी नयी धुनों का आनंद ले रहे होंगे। एक तुम ही हो जिसे लोग सीमाओं में नहीं बाँधना चाहता, तुम्हारी महत्ता क्या लिखे, क्या करे तुम्हारा गुणगान, तुम तो गुणों से भरपूर हो, हो तुम पूरी खान संपूर्ण मानव जाति को स्वस्थ, जीवन जीने के लिए ईश्वर के द्वारा प्रदत्त उपकरण, साधन हो तुम। तुम सबके लिए आत्मा से मिलने की कुंजी हो, तुम हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में मदद करते हो। भाई तुम नकारात्मक विचारो को कम करके सकारात्मक विचारों की संख्या में (पूरा पत्र अनूशीर्षक में) प्रिय मित्र संगीत, सदा प्रसन्न रहो। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम स्वस्थ व आनंद के साथ होगे। साथ ही तुम मन लगाकर नयी नयी धुनों का आनंद ले रहे होंगे। एक तुम ही हो जिसे लोग सीमाओं में नहीं बाँधना चाहता, तुम्हारी महत्ता क्या लिखे, क्या करे तुम्हारा गुणगान, तुम तो गुणों से भरपूर हो,
प्रिय मित्र संगीत, सदा प्रसन्न रहो। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम स्वस्थ व आनंद के साथ होगे। साथ ही तुम मन लगाकर नयी नयी धुनों का आनंद ले रहे होंगे। एक तुम ही हो जिसे लोग सीमाओं में नहीं बाँधना चाहता, तुम्हारी महत्ता क्या लिखे, क्या करे तुम्हारा गुणगान, तुम तो गुणों से भरपूर हो, #Music #Kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter
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प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके, तुम हो तो मैं दिख रहा कुमार ने अक्सर कलम को लिखा पर कुमार की कलम ने कुमार की कलम को ना लिखा तो आज का पूरा पत्र तुम्हारे नाम.. 'कुमार की कलम से कुमार की कलम को हाल - ए - दिल सुनाते हैं, थोड़ा बतियाते हैं..। तुम जानती हो सब, फिर भी कुछ सुनाता हूँ आओ करीब, तुम्हें कुमार का दिल दिखाता हूँ (पूरा पत्र अनुशीर्षक में) प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके,
प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके, #Kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter #kumaarkikalam
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प्रिय फ़ुरसत, तुम मिलती नहीं सभी को, हर कोई तुम्हारा तलबगार है तुम मिल जाती जब जब, तुम से ही फिर पूरा संसार है। तुम जानती हो मैंने सोचा नहीं था कि तुम्हें कभी कुछ लिख पाऊँगा, पर फिर एक ख़ास शख़्स ने कहा तुम्हें लिखूँ, पर मन में था क्या लिखूँ, कैसे लिखूँ.. अब कलम उठाई है, तुम और वो खास शख़्स तय करना कितना तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरा हूँ..। तुम जानती हो अक्सर वक़्त गुजर जाता है तुम्हारी तमन्ना में और उस तम्मना मैं खयाली पुलाव बनाता हूँ कि तुम मिलोगी तो यह करूँगा, वह करूँगा, ऐसे करूँगा, वैसे करूँगा पर.. तुम जानती हो दुनिया का सबसे भारी शब्द है 'पर'.. मेरा मन करता है जैसे टूटा हुआ पत्ता किसी शाख से साहिल के करीब आ जाता है वैसे ही मैं तुम्हारे करीब, तुम्हारी गोद में आकर अपनी थोड़ी थकान मिटा दूँ, और ठहर जाऊँ थोड़ी सी देर..। तुम जानती हो फूरू(तुम्हें याद है ना मैं तुम्हें प्यार से फूरू बुलाता हूँ) कि जब जब चैन नहीं मिलता तकलीफ़ों से तुम्हारी बहुत याद आती है..। मैं चाहता हूँ दिल से कुछ कस्ब-ए - हुनर कर लूँ पर फिर वही तुम नहीं मिलती, पर आज सब को पीछे रखकर तुम्हारी ओर आया हूँ और मुझे पता है तुम हमेशा की तरह मुझसे घंटों बाते करोगी.. । ये सब तो मैंने अपने दिल की कही, तुम बताओ तुम कैसे किसके हिस्से आती हो, कैसे, कितना, कब, किसको मिलती हो?
करीब, तुम्हारी गोद में आकर अपनी थोड़ी थकान मिटा दूँ, और ठहर जाऊँ थोड़ी सी देर..। तुम जानती हो फूरू(तुम्हें याद है ना मैं तुम्हें प्यार से फूरू बुलाता हूँ) कि जब जब चैन नहीं मिलता तकलीफ़ों से तुम्हारी बहुत याद आती है..। मैं चाहता हूँ दिल से कुछ कस्ब-ए - हुनर कर लूँ पर फिर वही तुम नहीं मिलती, पर आज सब को पीछे रखकर तुम्हारी ओर आया हूँ और मुझे पता है तुम हमेशा की तरह मुझसे घंटों बाते करोगी.. । ये सब तो मैंने अपने दिल की कही, तुम बताओ तुम कैसे किसके हिस्से आती हो, कैसे, कितना, कब, किसको मिलती हो? #फुर्सत #Kumaarsthought #फ़ुरसत #yqletter #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter
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प्रिय बगीचे, तुम सुकून हो मेरी तन्हाई में, तुम सुकून हो नारी की अंगड़ाई में..। तुमसे मिलकर हर तकलीफ़ जैसे आधी हो जाती है, जानते हो सिर्फ आधी क्यों, क्योंकि तुम जानते हो मुझे तकलीफ़ को कम करना, उन्हें दूर करना बहुत भाता है और यह सब मैंने तुमसे सीखा है, अब तुम पूछो गे कैसे, चलो मैं बताता हूँ - जैसे तुम्हारी देह पर जब कोई पैर की थाप रखे तो तुम्हें मुस्कान मिलती पर उसी देह पर जब कोई गाड़ी चलाए तो तुम्हें उस से तकलीफ़ होती है पर तुम उन्हें फिर भी चैन देते हो, ताज़ी हवा देते हो और तुम्हारा तकलीफ़ में भी उनको प्यार करना तुम्हारी निःस्वार्थ भाव सेवा दिखाता है, बस यही से मैं तुमसे सीखता हूँ कि तकलीफ़ का सामना करो, डरों मत, हटो मत, भागों मत - जब तेज हवा आती है या बहुत जोरों की बारिश होती है तो भी तुम अपना कर्तव्य नहीं भूलते, वैसे ही मैं भी बीमारी, पैसे की तंगी में कभी नहीं घबराता..। तुम जानते हो किराये के मकान में जगह की किल्लत रहती है पर मैं हमेशा कोशिश करता हूँ जब भी मकान बदली हो, घर पर एक छोटा सा बागीचा हो, चाहे उसमे दो ही पौधे रख पाऊँ.. आज भी जब घर की बालकनी में शाम को जाता हूँ, तरह तरह के छोटे बड़े पौधों में खो जाता हूँ, और सामने वाले बगीचे में देखते देखते खो जाता हूँ, तुम कहीं भी हो, किसी भी रंग रूप में, मुझे तुम्हारा सानिध
- जब तेज हवा आती है या बहुत जोरों की बारिश होती है तो भी तुम अपना कर्तव्य नहीं भूलते, वैसे ही मैं भी बीमारी, पैसे की तंगी में कभी नहीं घबराता..। तुम जानते हो किराये के मकान में जगह की किल्लत रहती है पर मैं हमेशा कोशिश करता हूँ जब भी मकान बदली हो, घर पर एक छोटा सा बागीचा हो, चाहे उसमे दो ही पौधे रख पाऊँ.. आज भी जब घर की बालकनी में शाम को जाता हूँ, तरह तरह के छोटे बड़े पौधों में खो जाता हूँ, और सामने वाले बगीचे में देखते देखते खो जाता हूँ, तुम कहीं भी हो, किसी भी रंग रूप में, मुझे तुम्हारा सानिध #Garden #Kumaarsthought #बगीचा #yqletter #yqlewrimo #kumaarjuneletter #kumaarletter
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