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Sunny Koshal
मेरा शहर पवित्र नगरी एवं धार्मिक पर्यटन स्थल हरिद्वार है जिसका वर्णन पौराणिक काल से कथाओं में भी आता है दोनों तरफ शिवालिक पर्वत श्रेणी के बीच में बसा हुआ मां गंगा के तट पर स्थित हरिद्वार बहुत ही मनोहारी एवं शांत वातावरण से परिपूर्ण है हर साल के यहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र हर की पौड़ी में स्थित ब्रह्मकुंड मैं डुबकी लगाकर अपने पाप धोते हैं प्रतिवर्ष लगने वाला प्रसिद्ध कांवड़ मेले की यात्रा भी यहीं से शुरुआत होती है 12 वर्ष के अंतराल के बाद लगने वाला विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले का भी यहां आयोजन होता है भगवान शिव शंकर के ससुर राजा दक्ष प्रजापति की भी कनखल जो कि हरिद्वार क्षेत्र के अंतर्गत आता है राजधानी थी इसी वजह से जो कि मेरा शहर है मुझे गौरव महसूस होता है कि मेरा जन्म कहां हुआ है जिस जगह पर भगवान की असीम अनुकंपा थी हरिद्वार का नाम हरिद्वार इसलिए पड़ा है क्योंकि यह हरि की नगरी है चलो तरफ वन संपदा एवं हरियाली से गिरा हुआ हरिद्वार अत्यंत मनोहरी लगता है यात्रियों की चहल-पहल जोत तीर्थाटन करने आते हैं उस से भरा पूरा रहता है अनेकों मंदिर हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध है शिवालिक पर्वत श्रेणियों में स्थित माता मां मनसा देवी एवं मां चंडी देवी का मंदिर दूर से देखने वाले यात्रियों को अवनी और आकर्षित करता है मुझे बहुत अच्छा लगता है और आनंदित लगता है अपना शहर और और मैं अपने आप को धन्य मानता हूं मेरा जन्म किस जगह हुआ है #MeraShehar
Birjesh Singh
एक अती सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है। जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई। उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस से बोला "मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी। क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं। " उस सुन्दर महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया। असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है..?" 'सुंदर' महिला ने जवाब दिया "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी।" दिखने में पढी लिखी और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला की यह बात सुनकर एयरहोस्टेस अचंभित हो गई। महिला ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि "मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। अतः मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए।" एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी। एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट खाली नहीं है, किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। अतः मैं विमान के कप्तान से बात करती हूँ। कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें।" ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई। कुछ समय बाद लोटने के बाद उसने महिला को बताया, "मैडम! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए बहुत खेद है | इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है।" 'सुंदर' महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती... एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे..? क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा कर के परेशान हों। यह बात सुनकर सभी यात्रियों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अति सुन्दर दिखने वाली महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी। तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ। और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे। सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था। की मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये..? लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों के लिए अपने दोनों हाथ खोये।" और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए। 'सुंदर' महिला पूरी तरह से अपमानित होकर सर झुकाए सीट पर बैठ गई। अगर विचारों में उदारता नहीं है तो ऐसी सुंदरता का कोई मूल्य नहीं है। मैरे पास ये कहानी आई थी। मैंने इसे पढ़ा तो हृदय को छू गई इसलिये पोस्ट कर रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों भी बहुत पसंद आएगी। 🇮🇳🇮🇳🙏🏻जय हिन्द🙏🇮🇳🇮🇳 good morning
good morning
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 10 – अचौर्य श्रीपशुपतिनाथ का दर्शन तब इतना सुलभ नहीं था जितना आज हो गया है। तब पक्की सड़क नेपाल तक नहीं बनी थी। कुछ दूर रेलवे यात्रा, कुछ दूर मोटरों से और फिर पैदल। मुझे कल्पना भी नहीं थी कि रेलवे इंजिन में पत्थर के कोयले के स्थान पर लकड़ी का ईंधन उपयोग करने से क्या कठिनाई आती होगी। शिवरात्रि के अवसर पर कुछ दिनों के लिए तीर्थयात्रियों को भारत से काठमांडु जाने की बिना छानबीन अनुमति दी जाती है। वैसे ही अनुमति-पत्र उस समय भी दिये गये; और उन्
read moreDileep Kumar
Hindi SMS shayari एक अती सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है। जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई। उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस से बोला "मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी। क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं।" उस सुन्दर महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया। असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है..?" 'सुंदर' महिला ने जवाब दिया "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी।" दिखने में पढी लिखी और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला की यह बात सुनकर एयरहोस्टेस अचंभित हो गई। महिला ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि "मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। अतः मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए।" एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी। एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट खाली नहीं है, किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। अतः मैं विमान के कप्तान से बात करती हूँ। कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें।" ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई। कुछ समय बाद लोटने के बाद उसने महिला को बताया, "मैडम! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए बहुत खेद है | इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है।" 'सुंदर' महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती... एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे..? क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा कर के परेशान हों। यह बात सुनकर सभी यात्रियों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अति सुन्दर दिखने वाली महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी। तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ। और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे। सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था। की मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये..? लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों की खातिर अपने दोनों हाथ खोये।"और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए। 'सुंदर' महिला पूरी तरह से शर्मिंदा होकर सर झुकाए सीट पर बैठ गई। अगर विचारों में उदारता नहीं है तो ऐसी सुंदरता का कोई मूल्य नहीं है। मैरे पास ये कहानी आई थी। मैंने इसे पढ़ा तो दिल को छू गई इसलिये पोस्ट कर रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों भी बहुत पसंद आएगी। 🙏🙏🙏🏻🙏🏻 #NojotoQuote
Dileep Kumar
एक कहानी जो आपको है सुनानी!👇 #NojotoQuote एक अती सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है। जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई। उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस से बोला "मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी। क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं।" उस सुन्दर महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया। असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है.
एक अती सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है। जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई। उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस से बोला "मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी। क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं।" उस सुन्दर महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया। असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है.
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 12 - प्रार्थना का प्रभाव 'भगवान् यार्कशायर में हैं और दक्षिण ध्रुव में नहीं है?' वह खुलकर हंस पड़ा। 'जो यहां हमारी रक्षा करता है वह सब कहीं कर सकता है।' इम तर्क का किसी के पास भला क्या उत्तर हो सकता है। श्रीमती विल्सन जानती हैं कि उनके पति जब कोई निश्चय कर लेते हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता।
read moreEron (Neha Sharma)
वो अनजान लड़की वो अनजान लड़की आज कुछ काम से निकला था दिल्ली की बारिश थी जो कभी बूंद बनकर तो कभी झड़ी लगकर बरस रही थी। मैं वहीं मेट्रोस्टेशन पर पैदल चलने वाले यात्रियों के साथ धीरे-धीरे चला जा रहा था कि तभी पीछे से एक मीठी सी आवाज आयी। “सुनिये अंकलजी क्या आप मुझे गुरुद्वारा सीस गंज का रास्ता बता देंगे?’ मैं हैरानी से उस लड़की की तरफ देख रहा था। पतली दुबली सी थी वह 5 फ़ीट से भी कम लम्बाई होगी बिल्कुल बच्ची थी मेरी बेटी जैसी। तभी वापस से उसकी आवाज से मेरी तन्द्रा टूटी “अंकलजी मुझे सिर्फ रास्ता जानना कृप्या आपको मा
वो अनजान लड़की आज कुछ काम से निकला था दिल्ली की बारिश थी जो कभी बूंद बनकर तो कभी झड़ी लगकर बरस रही थी। मैं वहीं मेट्रोस्टेशन पर पैदल चलने वाले यात्रियों के साथ धीरे-धीरे चला जा रहा था कि तभी पीछे से एक मीठी सी आवाज आयी। “सुनिये अंकलजी क्या आप मुझे गुरुद्वारा सीस गंज का रास्ता बता देंगे?’ मैं हैरानी से उस लड़की की तरफ देख रहा था। पतली दुबली सी थी वह 5 फ़ीट से भी कम लम्बाई होगी बिल्कुल बच्ची थी मेरी बेटी जैसी। तभी वापस से उसकी आवाज से मेरी तन्द्रा टूटी “अंकलजी मुझे सिर्फ रास्ता जानना कृप्या आपको मा
read moreNeha Mittal
एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था । . कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था । वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था । . मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी । #Poetry
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