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Best निहारा Shayari, Status, Quotes, Stories

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Parul Sharma

Shubham Bhardwaj

Manjeet Sharma 'Meera'

#निहारा नहीं है😊

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अभी ज़िंदगी को पुकारा नहीं है। 
जवां हसरतों से निखारा नहीं है। 

कि जां वार देंगे उसी नाज़नीं पर 
मुहब्बत से जिसने निहारा नहीं है। 

जताते नहीं हक़ किसी गै़र पर हम 
तुम्हारा है जो वो हमारा नहीं है। 

अदावत बनेगी न बल ज़िंदगी का 
मुहब्बत सा कोई सहारा नहीं है। 

नहीं मिलती मंज़िल कोई ग़म न करना
कि जीवन नदी का किनारा नहीं है। 

कभी एक पत्ता न हिलता जहां में 
अगर उस ख़ुदा का इशारा नहीं है। 

सताए किसी बे नवा को जो 'मीरा' 
ज़माना हमें वो गवारा नहीं है। #निहारा नहीं है😊

Bajrangautam

हम क्या करे ?? "करे तो हम क्या करे, उनकी आदाओं ने जो हमे मारा है। आरे उल्फत में है हम पड़े, उनकी अंखियों ने जो हमे निहारा है।।" #आदाओं #उल्फत #प्यार #निहारा #अंखियों #aapkejazbaat #bajrangbhagat #bajrangautam

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 हम क्या करे ??
"करे तो हम क्या करे,
उनकी आदाओं ने जो हमे मारा है।
आरे उल्फत में है हम पड़े,
उनकी अंखियों ने जो हमे निहारा है।।"
#आदाओं #उल्फत #प्यार #निहारा #अंखियों #aapkejazbaat  #bajrangbhagat #bajrangautam

शेष दर्शन

चांद

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आज निहारा था चाँद को जब मैँने गौर से 
चाँद मेँ मुझे कुछ बादल नज़र आ रहे थे 
मैँने सोचा क्या ये चाँद में दाग है 
पर जब सोचा तो समझ आया 
की नहीं ये  दाग नहीं 
चाँद अकेला न हो इसलिए ये 
बादल उसका साथ निभा रहे हैं
आज निहारा था चाँद को जब मैँने गौर से
                                       #NojotoQuote चांद

Ankush Saxena

"हो सकता है .................."
' कि तुम शायद अब हर रात गए चस कदर खाब नही देखा करते होगे ,मगर मैं आज भी नींद के आगोश मे उस ही खाब मे जिया करता हूँ हर पहर ,
कि तुम शायद अब हर सुबह अपने पलंग के सिरहाने रखी उस तस्वीर को नही निहारा करते होगे ,मगर मै आज भी उस एक तस्वीर के रंगों से अपनी हर सुबह रंग लिया करता हूँ,
कि तुम शायद अब भीड़ से डर उस कदर किसी का सहारा नहीं तलाशा करते होगे ,मगर मै आज भी सैकड़ों की.भीड़ मे सिर्फ तुमको हमराह समझ अपनी हर राह चला करता हूँ ,
कि तुम शायद अब आयने के सामने खड़े होकर उतनी शिद्दत से नहीं निहारा करते होगे खुद को मगर मै आज भी हर आयने मे खुद की परछाई मे देखा करता हूँ तुमको ,
कि तुम शायद अब उन लम्हों को याद कर उतने सलीके से नही मुसकराया करते होगे मगर मैं आज भी उन लम्हों की गजल बना महफिल मे गुनगुना लिया करता हूँ '
"हो सकता है कि तुम शायद"......................... #होसकताहै

आदी अधूरा

" तू फरेबी है "

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कई मुद्दतों से उसे निहारा नही है
उसके लिए इश्क़ मेरा एक बहाना सही है
पैवस्त तो हो चुकी है वो इस ज़िन्दगी में सही
कई मुद्दतों से उसे निहारा नही है
मैं नही जानता तू चालबाज़ भी है
मैंने सुना था तू इश्कबाज भी है
ना जाने कितने फन है
तेरे ज़मीर में शामिल मोहब्बत की आड़ में
तुझे इल्म है प्यार में हर फर्क का
हम तो एक ही माइना जानते है प्यार का
कई मुद्दतों से उसे निहारा नही है
शायद उसको मेरा साथ गवारा नही है
मैं भी तुझे भूल चुका हू
 तू और 
तेरा फरेबी प्यार अब मेरा नही है
कई मुद्दतों से उसे निहारा नही है " तू फरेबी है "

vivek hardaha

हर रोज़ किनारे बैठा मैं , उस बीच निहारा करता था,
जिस रोज़ मैं पहुँचा उस बीच, हर किनारा मुझे निहारा करता था....... #nojoto #nojotohindi #hindi #hindipoetry #poetry #quotes #myquote #love #hardaha #apnabilaspur #76

MohiniGupta

वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी अगर आपने पूरी क्लास में बैठ के उसे निहारा न हो वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी अगर उसके चक्कर मे एक आध पेपर न बिगड़ा हो वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी अ गर जेब खर्च से उसके लिए चोकलेट ना भिजवाई हो वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी उससे पहले उसकी सहेली न पटाई हो। लास्ट लाइन लड़को के give up na krne par #Poetry #Love #Fun #Comedy #nojotopoetry #nojotohindi #hindipoetry #ashiqui #kalakaksh

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मेरी क़लम का पैगाम दिलफेंक आशिकों के नाम

वो आशिक़ी भी  भला क्या आशिक़ी
जब आपने उसे अच्छे से ताड़ा भी ना हो,
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
अगर आपने उसका नम्बर जुगाड़ा भी ना हो।
वो आशिक़ी भी क्या आशिक़ी
अगर आपने उसे घर तक छोड़ने का जिम्मा ना उठाया हो
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
अगर आपने उसे दोस्तो से तेरी भाभी ना कहलवाया हो।
वो आशिक़ी भी  भला क्या आशिक़ी
अगर उसके मौहल्ले में जा जाकर बदनाम न  हो।
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
उसके ट्यूशन ना आने पे परेशान न  हो
(read full poem इन caption) वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी 
अगर आपने पूरी क्लास में बैठ के उसे निहारा न हो 
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी अगर उसके चक्कर मे एक आध पेपर न बिगड़ा हो 

वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी अ
गर जेब खर्च से उसके लिए चोकलेट ना भिजवाई हो वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी उससे पहले उसकी सहेली न पटाई हो।
लास्ट लाइन लड़को के give up na krne par

Satyaprem Upadhyay

वो सत्य भी है, और वो मिथ्या भी देखता हु उस शख्स को  किताबों को देख कर मुस्कुराया करता था  अक्सर बालकनी में खड़े हो चंद्रमा को घंटो निहारा करता था फ़ोन तो नहीं था उस समय  पर न जाना कुछ बड़बड़ाया करता था #Poetry #Original #प्रेम #Prem #Jeevan #जीवन 

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वो सत्य भी है, और वो मिथ्या भी 
 देखता हु उस शख्स को 
किताबों को देख कर मुस्कुराया करता था 
अक्सर बालकनी में खड़े हो
चंद्रमा को घंटो निहारा करता था

फ़ोन तो नहीं था उस समय 
पर न जाना कुछ बड़बड़ाया करता था
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