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Sangeeta Verma
केसरी 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 तन में है केसरी मन में है केसरी, सात रंगों से बढ़कर छटा केसरी, देखो अंबर की आभा हुई केसरी, तन पे लिपटा तिरंगा हुआ केसरी, सो रहे देखो चेहरे पर मुस्कां लिए, मात्रभूूमि की मुक्ति का अरमां लिए, मां भवानी के, पुतो की देहरी, रग रग में तिरंगे की है केसरी, तन् में है केसरी मन में है केसरी, सात रंगों से बढ़कर छटा केसरी, संगीता वर्मा, ✍️ ✍️ #AugustCreator #FourLinepoetry #आजादी #मांभारती #केसरी #तिरंगा ©Sangeeta Verma #India #AugustCreator #India2021
Vishal Sharma
#PulwamaAttack तेरी मिट्टी ( new lyrics) फ़िल्म- केसरी ओ मेरी ज़मीं जो मौका मिले तो फिर से जान लुटाऊंगा तेरी खातिर लौट के मैं जन्नत से भी वापस आऊंगा ओ वतना वे जो ऐसा हो हर पल हां शुक्र मनाऊंगा आन पे तेरी फिर मैं ये और कहता हुआ मिट जाऊंगा तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावा इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी हर मुश्किल हर आंसू को अपने हाथों पर ले लेगा ये जिस्म मेरा तेरी खातिर सौ सौ ज़ख्मों से खेलेगा ओ मुल्क मेरे तू सोच खुद ही कैसा दिलकश मंज़र होगा एक बार तेरी फिर अस्मत पे यूं मेरा प्यार अमर होगा तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावा इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरज़ू ओ खुदा मेरे जो सुनता हो तो इतना करम बस कर देना जिसमें लिखा हो मुल्क मेरा वो सांस मुझे तुम हर देना इस देश के प्यारे मुखड़े पे जो फिर से हसीं मैं ला न सकूं जनम न देना फिर मुझको जो काम मैं इसके आ न सकूं तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरज़ू तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरज़ू #सादर_समर्पित #पुलवामा_शहीद_दिवस #केसरी #तेरी_मिट्टी #सादर_समर्पित #अश्रुपूर्ण_श्रद्धांजलि
हिमपुत्री किरन पुरोहित
गुमान जमानें के सब रंग फीके चढ नहीं पातेे हैं सिर पर इस एक केसरी पर हमको गुमान दूसरा है #केसरी #गुमान #kalamse
समीक्षा "एक प्रारम्भ"
नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ, आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...|| रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं, निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो, शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो, हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो, सीमा परे कुकृत्य पर अविस्मर्ण्य दण्ड हो , जीवन्त हों निर्मोही मन ये अपेक्षा रखकर , मस्तक-पटल पर केसरी मनमीत लिखती हूँ ...|| निज राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| हम उन वीरों के अनुज, कबन्ध जिनके लड़ते थे, बरछी-बाण-कोदंड-कटारी से ना तनिक डरते थे , रण में धड़ ही दुश्मन को कर चीर अलग करते थे, लिए एक-लिंग शपथ स्व-जननी पर मर-मिटते थे, धन-यश लोलुपता को त्यागो राष्ट्र-उदय हो लक्ष्य, यूँ एकीकृत भारत की नव-विजय रीत लिखती हूँ ...|| निज राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| उठो वीर ! अब सजग बनो, वरना संताप करोगे , समर-भूमि से यदि डरे फिर पश्चाताप करोगे , प्रतिदिन कुछभी खोने का कब तक आलाप करोगे, अभी रहे यदि सुप्त-अस्थिर फिर से पाप करोगे, हम हों विजित प्रति ग्रीष्म-वर्षा-शीत लिखती हूँ , हृय बंधुत्त्व संजोये कर्त्तव्य - गीत लिखती हूँ ...|| निज राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| #समीक्षा"एक प्रारम्भ" ©® नाथ-नगरी , बरेली,उ.प्र., भारतवर्ष नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ, आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...|| रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं, निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो, शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो, हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो,
नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ, आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...|| रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं, निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो, शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो, हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो, #समीक्षा
read moreAbhikrti Sonakiya (Palak
Kashmir मेरा लघु केसरी मेरा देश केसरी मेरा तिरंगा केसरिया केसरिया
केसरिया #विचार
read morePragati Shukla
कोशुर( कश्मीर) पीर पज़ल और झेलम से घिरी हुई घाटी का हाल पुछती हु मैं बादलों से। कोशुर( कश्मीर) पीर पज़ल और झेलम से घिरी हुई घाटी का हाल पुछती हु मैं बादलों से। "केसरी होते बादलों से मैंने पूछा, कोशुर का नजारा?
कोशुर( कश्मीर) पीर पज़ल और झेलम से घिरी हुई घाटी का हाल पुछती हु मैं बादलों से। "केसरी होते बादलों से मैंने पूछा, कोशुर का नजारा?
read moreRadhey Ray
ऐ प्यार मेरी तू हँसती रहो तेरी आँखे घड़ी भर भी नम न हो। मैं मरता था जिस मुखरे पर उसकी चमक कभी कम न हो।। #केसरी 🚫ADDICTED #NojotoQuote my wish
my wish #केसरी
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