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Shubham Bhardwaj
रिश्ते बनते हैं, टिकते हैं, अगर उनमें प्यार होता है। रिश्ते हिलते है,बिकते हैं, अगर उनमें व्यापार होता है।। ©Shubham Bhardwaj #रिश्ते #बनते #टिकते #अगर #होता #हिलते #बिकते #व्यापार
mr.salim
एक शायर ने क्या खूब कहा है कि पेड़ हिलते नहीं हवाए हिलाया करती है कि पेड़ हिलते नहीं हवाए हिलाया करती है और लडके बिगड़ते नहीं लड़कियां बिगाड़ा करती है कि पेड़ हिलते नहीं हवाए हिलाया करती है
कि पेड़ हिलते नहीं हवाए हिलाया करती है
read moreAbhay Kerketta
जिंदगी में दो चीजें हमेशा याद रखना 1) हवा चलती है तो पत्ते हिलते हैं और 2) नहीं चलती तो नहीं हिलते अब थैंक्स मत बोलना जब तक ज्ञान है बांटते रहेंगे abhay kerketta
abhay kerketta
read moreNitesh Mishra
#क्योकि #पत्ते #हिलते #नहीं #हवा #हिलाती #है #लड़के #बिगड़ते #नहीं #लड़किया #बिगड़ती #हैं !! 🔥🔥🔥
B.L Parihar
रात कट जाती है तेरे एहसास में चुपके चुपके... आँख अब रोये भी तो.....आँसू कौन देखे.... होठ सी लिए हमने.. चीख निकले कैसे... दिल धड़कता है....तो लगता है अभी जिन्दा हूँ... ख्वाब अब कोई इन पलकों तक नहीं आता.... सूने आलम में लफ्ज़ अपने ही शोर करते है.. ये कैसा सफर है...और चलना है कब तक... मंजिल खो गयी इसकी फिर भी कदम चलते हैं... भीड़ कितनी है..मगर है हर कोई अपरिचित... जाने क्यों फिर भी... लोग मेरे साथ चलते हैं.... अब कोई मुस्कुराहट इन लबों तक नहीं आती... फिर भी रह रह के ये लब है जो अब भी हिलते हैं... कौन था अब तलक साथ तेरे जो है छूट गया... लफ्ज़ टूटे हुए हैं मगर ...मुझसे प्रश्न करते हैं... क्या कोई उम्मीद टूटी है...जो दिल में अब तक थी.. या बेवजह ही इस खण्डर के पत्थ र हिलते हैं... किसको पूछूँ ...जवाब भी तो कोई देगा नहीं... सूनी बस्ती है.. यहाँ अब कहाँ लोग बसते हैं.. एक रोज आएगी बहार लौट के मेरे आँगन भी... इसी उम्मीद पर ए अरमान....सफर करते हैं.... "सफर"
"सफर"
read moreB.L Parihar
रात कट जाती है तेरे एहसास में चुपके चुपके... आँख अब रोये भी तो.....आँसू कौन देखे.... होठ सी लिए हमने.. चीख निकले कैसे... दिल धड़कता है....तो लगता है अभी जिन्दा हूँ... ख्वाब अब कोई इन पलकों तक नहीं आता.... सूने आलम में लफ्ज़ अपने ही शोर करते है.. ये कैसा सफर है...और चलना है कब तक... मंजिल खो गयी इसकी फिर भी कदम चलते हैं... भीड़ कितनी है..मगर है हर कोई अपरिचित... जाने क्यों फिर भी... लोग मेरे साथ चलते हैं.... अब कोई मुस्कुराहट इन लबों तक नहीं आती... फिर भी रह रह के ये लब है जो अब भी हिलते हैं... कौन था अब तलक साथ तेरे जो है छूट गया... लफ्ज़ टूटे हुए हैं मगर ...मुझसे प्रश्न करते हैं... क्या कोई उम्मीद टूटी है...जो दिल में अब तक थी.. या बेवजह ही इस खण्डर के पत्थर हिलते हैं... किसको पूछूँ ...जवाब भी तो कोई देगा नहीं... सूनी बस्ती है.. यहाँ अब कहाँ लोग बसते हैं.. एक रोज आएगी बहार लौट के मेरे आँगन भी... इसी उम्मीद पर ए अरमान....सफर करते हैं.... #सफर
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