Find the Best पीट Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about मार पीट की धारा,
Kartik
#पीट पीछे कौन क्या बोलता है👿 #फर्क नहीं पड़ता सामने☝️ #किसी का मुंह नही खुलता काफी है ©Kartik #attitude shayri
Dhaniram
"आओ चीर दो मेरा सीना! क्यों तलवार हो तुम ? ओह! तलवार नही शायद कटार हो तुम! हा हा हा... जाओ तुमसे नही हो पायेगा , पीट-पीट के तुम्हे शक्ल दिया है मेरे भाई ने वो अवतार हो तुम आओ चीर दो मेरा सीना! क्यों तलवार हो तुम ?" ओह ! तुम....
ओह ! तुम....
read moreSoni Singh
पंजाब के जलंधर में 6 साल की बच्ची से रेप बलात्कारी को लोगों ने मौके पर ही पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया कैसे रही सज़ा अब करो तुष्टीकरण.
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 3 - दाता की जय हो! कुएँ पर रखा पत्थर पानी खींचने की रस्सी से बराबर रगड़ता रहता है और उस पर लकीरें पड़ जाती हैं; इसी प्रकार कोई एक ही शब्द बराबर रटा करे तो उसकी जीभ पर या मस्तिष्क पर कोई विशेष लकीर पड़ती है या नहीं, यह बताना तो शरीरशास्त्र के विद्वान का काम है। मैं तो इतना जानता हूँ कि जहाँ वह नित्य बैठा करता था, वहाँ का पत्थर कुछ चिकना हो गया है। श्रीबांकेबिहारीजी के मन्दिर के बाहर कोने वाली सँकरी सीढी के ऊपर वह बैठता था और एक ही रट थी उस
read moreSunil kumar whatsaap 07348424298
👍अगर आप शादी शुदा है तो अपनी पत्नी को सुनाये, मेरी तरह आधे शादी है तो अपनी GF को सुनाये ज़िन्दगी भर ख़ुश रहेंगे !👍 अपग्रेड version 👌मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, तुम apple की मोबाइल हो , मैं चोगा वाला फ़ोन प्रिये, तुम 5 स्टार होटल हो , मैं ढाबे वाले की चाय प्रिय, तुम हैदराबादी बिरयानी हो मैं कंकड़ वाली भात प्रिय, मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, तुम BMW की मॉडल, मैं ट्रैक्टर-टाली जैसा हूँ, तुम हीरोइन सी सुंदर, मैं नवाज़ुद्दीन की गली हूँ , तुम कोमल कंचन काया हो, मैं बबूल की झाड़ प्रिय, तुम नीम की पतली टहनी हो , मैं बरगद का हूं पेड़ प्रिय। मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, तुम दिल्ली की रहने वाली, मैं U.P का देशी छोरा हूँ, तुम इंडिया गेट की शांति हो, मैं उत्तर प्रदेश का दंगा हूँ , तुम AK47 जैसी, मैं तो एक देशी कट्टा हूँ ! तुम मुम्बई की चका-चौध, मैं बिहार की रेलम-रेल प्रिय, मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, तुम पिज़्ज़ा बर्गर खाने वाली, मैं वड़ा पाव का भूखा हूँ, तुम सॉफ्ट ड्रिंक पीने वाली, मैं नींबू-पानी सोडा हूँ, तुम B-tech की टॉपर हो, मैं हुवा मैट्रिक fail प्रिय मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, तुम अप्सरा सी सुंदर ,मैं शनि देव सा काला हूँ , तुम दुर्गा की मूरत जैसी , मैं भोले नाथ गजेडी हूँ , तुम चाँद सी सुंदर दिखती हो, मैं अमोस्या की रात प्रिय, मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय, इसी तरह छुप-छुप कर, हमअपनी love-स्टोरी बढाएंगे, एक दिन तेरे डैडी, सक्ति कपूर बन जायेगे, गधे की तरह पीट-पीट कर भेजवा देंगे वो जेल प्रिय, मुश्किल है अपना मेल प्रिय, ये प्यार नही है खेल प्रिय,👌 आगे और राम कथा सुननी है तो कमेंट कर !☺️☺️1☺️ #NojotoQuote
आयुष पंचोली
युवा पीढ़ी की क्रान्तिकारी सोच बड़ी ही लाजवाब हैं, कुछ हुआ गलत तो बदल लिया dp और लगा कर मोमबत्ती, करते बहुत गजब का चमत्कार हैं। बातें करते हैं इंसानियत की, और करते खुद ही इंसानियत को शर्मसार हैं। जवाब होता हैं पास इनके हर बात का, मगर जवाब होता नही खुद के सच्चे होने के सवाल का। "आयुष पंचोली" ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote युवा पीढ़ी की क्रान्तिकारी सोच बड़ी ही लाजवाब हैं, कुछ हुआ गलत तो बदल लिया dp और लगा कर मोमबत्ती, करते बहुत गजब का चमत्कार हैं। बातें करते हैं इंसानियत की, और करते खुद ही इंसानियत को शर्मसार हैं। जवाब होता हैं पास इनके हर बात का, मगर जवाब होता नही खुद के सच्चे होने के सवाल का। देसी वस्तुएँ और देसी खाना इन्हें भाता नही,
युवा पीढ़ी की क्रान्तिकारी सोच बड़ी ही लाजवाब हैं, कुछ हुआ गलत तो बदल लिया dp और लगा कर मोमबत्ती, करते बहुत गजब का चमत्कार हैं। बातें करते हैं इंसानियत की, और करते खुद ही इंसानियत को शर्मसार हैं। जवाब होता हैं पास इनके हर बात का, मगर जवाब होता नही खुद के सच्चे होने के सवाल का। देसी वस्तुएँ और देसी खाना इन्हें भाता नही, #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 16 – भाग्य-भोग 'भगवन! इस जीव का भाग्य-विधान?' कभी-कभी जीवों के कर्मसंस्कार ऐसे जटिल होते हैं कि उनके भाग्य का निर्णय करना चित्रगुप्त के लिये भी कठिन हो जाता है। अब यही एक जीव मर्त्यलोक से आया है। इतने उलझन भरे इसके कर्म है - नरक में, स्वर्ग में अथवा किसी योनि-विशेष में कहाँ इसे भेजा जाय, समझ में नहीं आता। देहत्याग के समय की इसकी अन्तिम वासना भी (जो कि आगामी प्रारब्ध की मूल निर्णायिका होती है) कोई सहायता नहीं देती। वह वासना भी केवल देह की स्
read moreRaj Sargam
Impossible अगर हम चाहते हैं कि हमारी प्रतिभा सितारों जैसी आभायमान हो और हर व्यक्ति हमें एक विशेष ओहदे पर विराजमान देखे।तो इसके लिये सर्वप्रथम हमें लोहे जैसा बनना होगा,जिसे पहले समय की तपिश में जल के लाल होना पड़ेगा,उसके बाद वक्त के हथौड़े की चोट सहनी पड़ेगी।इस प्रकार जब हम समय की प्रयोगशाला में उसकी परखनली से होकर गुज़रेंगे तो स्वभाविक रूप से हमें सफलता का मीठा रस पीने मिलेगा।क्योंकि इस तमाम प्रक्रिया के दौरान मालिक हमें वो रूप प्रदान करता है जिसकी लालसा लिये हम अपने कार्य का श्रीगणेश करते हैं।जिस प्रकार एक लोहार गर्म लोहे को पीट-पीट कर उसे अपनी इच्छा अनुरूप आकार में ढाल देता है।ठीक उसी प्रकार हम भी स्वयं के परिश्रम और प्रभु के सहयोग से अपने अनुरूप ढल जाते हैं। #nojotohindi#MeriKalamSeRajSargam#सफलता
Fateh Chauhan
कौन आपको गुस्सा दिलाता है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? कोई पेड़ या पौधा, भौंरा या कीड़ा... दूसरों को मारने की साजिश में नहीं लगा रहता। वे अपने अंदर तनाव नहीं पालते। इसलिए वे अपनी प्रकृति के अनुसार पूर्ण रूप से काम करते हैं।
कौन आपको गुस्सा दिलाता है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? जब भी हमें गुस्सा आता है, हम यह पूरे स्पष्ट रूप से जान रहे होते हैं, कि हमें गुस्सा किसकी वजह से आया है। क्या सचमुच हमारी सोच सही होती है? कोई पेड़ या पौधा, भौंरा या कीड़ा... दूसरों को मारने की साजिश में नहीं लगा रहता। वे अपने अंदर तनाव नहीं पालते। इसलिए वे अपनी प्रकृति के अनुसार पूर्ण रूप से काम करते हैं।
read moreAman Birendra Jaiswal
आओ नफ़रत करें, क्या रखा है भाईचारे में जला दो न मुझे सिर्फ मकान ही क्यों मेरा घर भी जला दो पीट पीट कर खत्म कर दो, उस पुलिस वाले को जो बस संविधान और देश #Poetry #Aarakshan
read more