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Ujjawal Abhishek

भागे हिरण - भटके राम। #राम #हिरण #भटकना #yqdidi

Preeti Karn


   हां मैं अधूरी हूँ 
कहां ढूंढ पाइ हूं  खुद में खुद को
 मैं   कस्तूरी हूं.....
मैं जीती रही हूं पर सुनती कहां हूं खुद की
सबके संग बह जाती हूं सबके रंग रंग जाती हूं
कभी लौट कहां पाती हूँ ठहर कहां जाती हूं
बंध जाती हूं बेड़ियों से जंजीरों से
बाधाओं से बंधनों से खोखले रिवाजों से
दबाने वाली आवाजों से
राह में पड़ी मुश्किलों से
कहां कुचल पाती हूं
आगे निकल पाती हूं कहां जी पाती हूं 
अपनी सोच  
बस सोचती हूं
 हां मैं अधूरी हूं ....कहां ढूंढ पाइ हूँ
मैं  कस्तूरी हूँ।
                      प्रीति #कस्तूरी#हिरण#नाभि#सुगंध
#अहसास#yqdidi

Tikam Bauddh

Dr Manju Juneja

शिव महापुराण से ली गई एक बहुत ही प्रचलित कथा है 
एक बार  भील जाती का परिवार था वो भील पशुओं का वध कर अपने परिवार का पेट पालता था ।र्क़ दिन घर पर खाने को कुछ नही बचा बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे भीलनी ने भील से कहा कि  बच्चों के लिए खाने का इंतजाम करो।भील सुबह उठकर जंगल मे आ गया उस दिन कुदरती शिवरात्रि थी। जंगल मे एक सरोवर था भील ने उस सरोवर में स्नान किया पीने के पानी का पात्र भी भर लिया थोड़ी देर इधर उधर देखा और फिर पास ही बेल के पेड़ पर छुप कर बैठ जैसे ही कोई जानवर आएगा वो उस पर निशाना साध देगा ।थोड़ी देर बाद उसे वहा हिरनी नजर आयी उसने तीर से निशाना लगाया निशाना लगाते हुए कुछ बेल पत्र शिवलिंग पर गिर गए और पानी भी छलक गया ।इससे भील की प्रथम पहर की पूजा हो गई ।जैसे ही हिरनी को मारने लगा हिरनी ने कहा कि मैं अपने पति  बहन और बच्चों को बता कर आती हूँ नही तो वो परेशान हो जायेगे।भील को उस पर विशवास नही हो रहा था तो भीलनी ने भगवान का वास्ता दिया कि मैं उन्हें बता कर लौट आऊंगी ।भील इंतजार करने लगा इतने में हिरनी की बहन उसे ढूंढती हुई वहा आ गई भील ने फिर से निशाना साधा फिर से बेल पत्र नीचे बने शिवलिग पर जा गिरे और जल की बूंदे भी गिर गई।भील की दूसरे पहर की पूजा हो गई । भील ने जैसे ही तीर उसे मारने के लिए निकाला तो हिरनी बोल उठी मैं अपनी बहन और बच्चों से आखिरी बार मिल लू तुम फिर चाहे मुझे मार देना उसने आग्रह किया वो भी चली गईं ।भील अब इंतजार करने लगा ।कुछ काल बाद वहाँ हिरन आ  गया  जैसे ही वो तीर   हिरन पर चलाने लगा उसके तीसरे पहर की पूजा हो गई ।
हिरण ने भी भील को कहा कि मैं अपने परिवार से आखिरी बार मिल आऊँ ,फिर तुम मेरा शिकार कर लेना ।भील के ऊपर से भी अब अज्ञान का पर्दा हटने लगा था ।हिरण अपने परिवार के पास पहुचा  तब  हिरण कहने लगा कि मैं भील के पास जा रहा हूँ ।हिरण के पीछे हिरणी उसकी बहन बच्चे सभी पीछे चलने लगे और भील के पास पहुच गए ।भील ने तरकश से तीर निकाला तभी पत्ते शिवलिंग पर जा गिरे भील की चौथे पहर ही भी पूजा हो गयी ।इधर हिरण कहने लगा कि मुझ पर बाण चलाओ सभी कहने लगे नही मुझ पर बान चलाओ ।इतने में शिवजी साक्षात रूप में प्रकट हो गए उन्होंने भील की पूजा से प्रसन्न होकर उसे काफी सारा खाने का सामान ओर धन दिया और भील से वचन लिया कि वो किसी जीव का शिकार नही करेगा ।भोले बाबा सच मे बहुत भोले है 
शरण मे आने वाले का करते हैं उद्धार
सबके भोले भरते हैं भंडार

©Dr Manju Juneja #शिवमहापुराण #शिव #भोले #भील #हिरण #तीर #शिवलिंग #nojotohindi #nojotostory 

#Light

no writings

कुछ कुछ चल 1

वक़्त ने भी दिया है कुछ कुछ 
चल बिना पीठ के मत रेंग 
चल ले चाल हिरण की ही 
इस ज़िन्दगी में भी कितनी ही
योनियों से जीवित ही 
अब गुज़र जा 
पहले पीठ पर सख्ती का 
आँचल में छुपा हुआ 
माता के आँचल में 
फिर रेंग बिना मजबूत पीठ की 
फिर वक़्त ने तरस खा दिया 
हिरण की कोमल पीठ थमा  
अब तू शेर का भाजन 
न बनने को 
hittika #nojotohindi #hindipoetry 1st part

Dushyant Allahabadi Sheetanshu Dwivedi

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शहद सी मीठी लगे मगर बात खारी कहे। 
तुम हिरण तुम परी तुम मोरनी मेरा मन बारी-बारी है
घने जुल्फ है शेरनी सी अदा
दिल कहे कर ले इससे इश्क की खता
आकाश में सूर्य और चन्द्र बतियाते है जब
हम चुपके से ख्यालों में तुझे छूकर चले आते हैं तब
माना की तू न परी न तेरी अदा कातिल है
मगर सच है तेरा न सानी कोई न तेरे काबिल है
तेरी आँखों मुझसे कुछ तो इशारे करे
तू जरा सलीके से अपने आप को संवारा करे
हम हर्फ़ की दुनिया के एक मुसाफिर
तू बस मेहमान समझ न की मुजाहिर
ये बात और है तेरा मेरा ताल्लुक नहीं
और इस ताल्लुक पे मुझे ताज्जुब नहीं
धीरे धीरे दोस्ती की चल तैयारी करे
बाते अपनी एक दूजे से बारी बारी करे
लब गाल आँख जुल्फ और ये नजाकत
तुझे भूलने की अब न है हिमाकत
जो कुछ कहा बस यही दोहराता रहता हूँ
दूर हूँ तुमसे बहुत पर पास बुलाता रहता हूँ
लफ्जों से तु मुझको सयानी लगे
मगर हरकतों से बचकानी लगे
जो जो कहा वही फिर से कहूंगा
जैसा हूँ मैं वैसा रहूंगा
शहद सी मीठी लगे मगर बात खारी कहे। 
तुम हिरण तुम परी तुम मोरनी मेरा मन बारी-बारी है


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