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Dr Manju Juneja
निरंतर प्रयास और मन की शक्ति से ही, निरन्तर प्रयास और मन की शक्ति से आप कुछ भी कर सकते ।निरन्तर प्रयास आपको आगे की अग्रसर करता है।निरन्तर प्रयास के लिए मन की शक्ति का होना बहुत जरूरी है।कहते भी है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।अगर आपका मन हार गया है तो आप कुछ भी नही कर सकते।जो आप आगे की ओर अग्रसर हो रहे हैं, तो आपकी यात्रा रूक जाएगी। कोई भी काम है, चाहे लिखना हो ,गाना हो चाहे चित्रकला हो नृत्य हो अगर हम निरन्तर प्रयास नही करेंगे ,तो धीरे धीरे सब छूटता जाएगा।निरंतर प्रयास से जब एक रस्सी सिल पर अपना निशान छोड़ सकती है, तो हम क्यूँ नही कर सकते। हाथ पर हाथ धरने से बेहतर है प्रयास करना।हाथ पर हाथ धरने से हमे कुछ भी हांसिल नही होता।अगर जिंदगी में मुक़ाम को पाना चाहते हो तो मन से कभी मत हारना, कि मुझसे ये कार्य नही होता, मैं ये कैसे करूंगा ।जहा ये बात मन मे आती है, हम वही बिखर जाते हैं।जो हमारे अंदर की ऊर्जा होती है ,वो कम होने लगती है। धीरे- धीरे हम निढ़ाल हो जाते और कुछ भी करने का मन नही करता।इसलिये मन को हमेशा मजबूत रखे।मन मजबूत, हमारी सोच से होता है।इसलिये कोशिश करे, कोई नकारात्मक ऊर्जा मन मे ना लाए। अगर आपने मन से ठान लिया है कि मुझे सगीत या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना है ,तो प्रयास जारी रखे ।आपको आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। बस अपने मन की लगाम को हमे कसना है । मन बावरा मन पागल, मन के घोड़े दौड़ते चहु ओर। मन हराये चित को भी , मन का कोई ना ठौर । ©Dr Manju Juneja रुक जाना नही तू कहीं हार के ,काँटो पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही... ओ राही ..ओ राही...... #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
रुक जाना नही तू कहीं हार के ,काँटो पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही... ओ राही ..ओ राही...... #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
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निरंतर प्रयास और मन की शक्ति से ही, निरन्तर प्रयास और मन की शक्ति से आप कुछ भी कर सकते ।निरन्तर प्रयास आपको आगे की अग्रसर करता है।निरन्तर प्रयास के लिए मन की शक्ति का होना बहुत जरूरी है।कहते भी है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।अगर आपका मन हार गया है तो आप कुछ भी नही कर सकते।जो आप आगे की ओर अग्रसर हो रहे हैं, तो आपकी यात्रा रूक जाएगी। कोई भी काम है, चाहे लिखना हो ,गाना हो चाहे चित्रकला हो नृत्य हो अगर हम निरन्तर प्रयास नही करेंगे ,तो धीरे धीरे सब छूटता जाएगा।निरंतर प्रयास से जब एक रस्सी सिल पर अपना निशान छोड़ सकती है, तो हम क्यूँ नही कर सकते। हाथ पर हाथ धरने से बेहतर है प्रयास करना।हाथ पर हाथ धरने से हमे कुछ भी हांसिल नही होता।अगर जिंदगी में मुक़ाम को पाना चाहते हो तो मन से कभी मत हारना, कि मुझसे ये कार्य नही होता, मैं ये कैसे करूंगा ।जहा ये बात मन मे आती है, हम वही बिखर जाते हैं।जो हमारे अंदर की ऊर्जा होती है ,वो कम होने लगती है। धीरे- धीरे हम निढ़ाल हो जाते और कुछ भी करने का मन नही करता।इसलिये मन को हमेशा मजबूत रखे।मन मजबूत, हमारी सोच से होता है।इसलिये कोशिश करे, कोई नकारात्मक ऊर्जा मन मे ना लाए। अगर आपने मन से ठान लिया है कि मुझे सगीत या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना है ,तो प्रयास जारी रखे ।आपको आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। बस अपने मन की लगाम को हमे कसना है । मन बावरा मन पागल, मन के घोड़े दौड़ते चहु ओर। मन हराये चित को भी , मन का कोई ना ठौर । ©Dr Manju Juneja #निरन्तर #पर्यास #मनकीशक्ति #अग्रसर #कोशिश #मुकाम #thoughtoftheday #positivequotes #Motivatinal # #AdhureVakya
Sheel Sahab
अच्छे कार्य निरंतर करते रहिए, सामाजिक हित के कार्य निरंतर करते रहिए, कोई आपका सम्मान करे या ना करे.. ईश्वर आपका सम्मान अवश्य करेंगे. #निरन्तर #ravinandantiwari #pariagarwal #sunilkumarsharma
आयुष पंचोली
"दशावतार" जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं।
जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं। #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual #dashavtaar
read moreAjay Keshari
जिंदगी चलती #निरन्तर, ये कहां रुकती कभी.! मंज़िलों की चाह में, चलती ही रहती उम्र भर.! चाहतों का सिलसिला, होता नही कभी ख़त्म है.! चाहतें ही जीने का, देती हमें है हौसला.! हौसला हरदम बनाए, रहती हमें गतिमान है.! #अजय57 #हौसला
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 15 - तामस त्याग नियतस्य तु संन्यास: कर्मणो नोपपद्यते। मोहात्तस्य परित्यागस्तामस: परिकीर्तितः।। (गीता 18।7)
read moreSHAYARI BOOKS
नित्य हूँ निरन्तर हूँ, शान्ति रूप मैं शंकर हूँ! भक्त हूँ भगवान हूँ, शक्तिपति शक्तिमान हूँ! जगत का आधार हूँ, निराकार में साकार हूँ! रूद्र हूँ महाकाल हूँ, मृत्यु रूप विकराल हूँ! नित्य हूँ निरन्तर हूँ, शान्ति रूप मैं शंकर हूँ! ॐ नमः शिवाय! #NojotoQuote नित्य हूँ निरन्तर हूँ, शान्ति रूप मैं शंकर हूँ! भक्त हूँ भगवान हूँ, शक्तिपति शक्तिमान हूँ! जगत का आधार हूँ, निराकार में साकार हूँ! रूद्र हूँ महाकाल हूँ, मृत्यु रूप विकराल हूँ!
नित्य हूँ निरन्तर हूँ, शान्ति रूप मैं शंकर हूँ! भक्त हूँ भगवान हूँ, शक्तिपति शक्तिमान हूँ! जगत का आधार हूँ, निराकार में साकार हूँ! रूद्र हूँ महाकाल हूँ, मृत्यु रूप विकराल हूँ!
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 11 - जिज्ञासु 'प्रकृति भी भूल करती है।' अपने आप डाक्टर हडसन कह रहे थे। उन्होंने साबुन से हाथ धोये और आपरेशन-ड्रेस बदलने लगे। 'जड़ नहीं जड़ तो कभी भूल नहीं करता। उसमें भूल करने की योग्यता ही कहां होती है। मशीन तो निश्चित ही कार्य करेगी।' आज जिस शव का डाक्टर ने आपरेशन किया था, उसने एक नयी समस्या खड़ी कर दी। बात यह थी कि जिस किसी का भी वह शव हो इतना तो निश्चित ही था कि उसने अपनी लगभग साठ वर्ष की आयु पूर्ण की है और उसका शरीर सिद्ध करता है कि
read moreBhaskar Anand
धागे जब सज कर प्रेम का रंग लेती तो स्वरूप कुछ जज्बातों सा सवंर जाती आहिस्ता आहिस्ता उस धागों का स्वरूप जब रिश्तों के कलाईयों पर अपना उपस्थिति रखता तो सम्बन्धों के स्वरूप सहजता के साथ मुस्काती और जब वो सम्बन्धें, अभिव्यक्त होता तो आपक्ता का नया उत्कर्ष होता दो चेहरे मुश्काते, खिलखिलाते
read moreप्रभाकर "प्रभू"
:- कविता -: उधेश्य हो, बस चलना निरन्तर। दुर्गम हो, या सुगम, पथ पर।। हो शहर, गांव, या जंगल। भले हो, कुछ अमंगल।। चल कभी ना, यूँ डर कर। #Poetry
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