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Best ऊँचे Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ghumnam Gautam

Aprajita Jha

मैं सोच रहा था कि
अगर मैं मिल जाता किसी साधुओं की टोली में
बैठ कहीं ऊँचे पर्वत पर मैं भी ध्यान में लीन होता
रंग बिरंगे वस्त्र छोड़ भगवा  तन पर होता
हाथ में ले रुद्राक्ष की माला मैं भी राम नाम को जपता
एक अद्वितिय सा तेज मेरे भी मुख मण्डल पर होता
उससे ज्यादा जीवन में आनन्द भला क्या होता
मेरे वैरागी जीवन का सार बस यहीं होता
डाल देता मैं भी अपना जीवन उस निराकार की झोली में
काश मैं भी मिल जाता किसी साधुओ की टोली में #yqdidi #yqhindi #day50lockdown #साधु #lockdowndiary #वैरागी #ऊँचे #रातकाअफ़साना

kahaaniya

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तुम ठहरे ऊँचे खानदान के नवाब 
मुझ जैसी बददिमाग लड़की का साथ तुम्हे कँहा जेब (शोभा) देगा
जो मुझसे हो जाये कोई खता माफी तुमसे कहाँ हो पायेगी 
तुम बस जान पहचान में सजा छोटी कर देना
नही प्यार मत बताना बस अनजान ही बने रहना 
तुम ठहरे ऊँचे खानदान के नवाब 
मुझ जैसी बददिमाग लड़की का साथ तुम्हें कँहा जेब देगा #nojoto #nojotohindi #news #challenge #pyar  Arman Ankashi Ashishlodhi Lodhilodhi VISHNU JI THAKOR SACHIN CHHONKAR siLENT kniGHt DreaMER #

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 12 - भगवान ने क्षमा किया ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बरसा रहा था। नीचे की रेत में शायद चने भी भुन जायेंगे। अन्धड़ ने कहर बरसा रखी थी। एक-एक आदमी के सिर और कपड़ों पर सेरों रेत जम गयी थी। कहीं पानी का नाम भी नहीं था और न कहीं किसी खजूर का कोई ऊँचा सिर दिखायी पड़ रहा था। जमाल को यह सब कुछ नहीं सूझ रहा था। उसके भीतर इससे भी ज्यादा गर्मी थी। इससे कहीं भयानक अन्धड़ चल रहा था उसके हृदय में। वह उसी में झुलसा जा रहा था।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
12 - भगवान ने क्षमा किया

ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बरसा रहा था। नीचे की रेत में शायद चने भी भुन जायेंगे। अन्धड़ ने कहर बरसा रखी थी। एक-एक आदमी के सिर और कपड़ों पर सेरों रेत जम गयी थी। कहीं पानी का नाम भी नहीं था और न कहीं किसी खजूर का कोई ऊँचा सिर दिखायी पड़ रहा था। जमाल को यह सब कुछ नहीं सूझ रहा था। उसके भीतर इससे भी ज्यादा गर्मी थी। इससे कहीं भयानक अन्धड़ चल रहा था उसके हृदय में। वह उसी में झुलसा जा रहा था।

Kajalife....

# बहुत कम हैं ऐसे लोग जो अब भी इस शहर की चकाचौंध की बजाए चॉद की सफेंद रोशनी को देखना पसंद करते हो , खुद को सुकू उसे चॉद के जहां तले आकर मिलता हो ... ij....

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2 Years of Nojoto तुमसा अभी तक नही देखा ;
जो इन बडे - बड़े और ऊँचे - ऊँचे मकानों से परे होकर 
उस अनोखे चॉद को प्रेम करता हो , अपनें  हर किस्सें में ,
उसे शामिल करता हो!
 जो 
इस जगमगाती दुनिया की रोशनी की बजाए ,
चॉद की ठण्डी रोशनी में , उसे देखते अपनी रात बिताता हो.....
# ..... # बहुत कम हैं ऐसे लोग जो अब भी 
इस शहर की चकाचौंध की बजाए चॉद की सफेंद रोशनी को देखना पसंद करते हो , खुद को सुकू उसे चॉद के जहां तले आकर मिलता हो ...
#ij....

Ajay Panchal

#nfdajay

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देसो में सब से अच्छा हिन्दोस्तान मेरा 
रू-ए-ज़मीं पे जन्नत, जन्नत-निशान मेरा 
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा 

वो प्यारा प्यारा मंज़र, वो मोहनी फ़ज़ाएँ 
वो ऊँचे ऊँचे पर्बत वो दिल-फ़ज़ा गुफाएँ 
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा 

तीनों तरफ़ समुंदर, चौथी तरफ़ हिमाला 
है पासबान इस का, इस का बनाने वाला 
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा #nfdajay

अभिषेक सिंह

शहर हर तरफ भाग दौड़ मची है,

कागज के रंगीन टुकड़ो से ही ज़िंदगी घिरी है,

किसी को बात करने की फुर्सत नही,

कोई वक्त देने को तैयार नही,

ऊँचे मीनारे ऊँचे लोग भी दिखते है,

पर मदद करने वाले कहाँ मिलते है,

Akash

#OpenPoetry

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#OpenPoetry ये ऊँचे ऊँचे पेड़ो के बीच मे,कोहरे का दर्द 
कोई हमसे पूछो
वो बाल सवांरती हुई वही से निकलती हैं

Dheeraj Patidar

🙏🙏

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जलो तो उन लकड़ियों की तरह जो किसीकी ठंड भगाती हे।
किताबे ऐसी पड़ो जो सोने नहीं देती बल्कि दिन रात जगाती हे।
और सपने तो लोग अपने कद से भी ऊँचे ऊँचे देखते है।
इसलिए उम्मीदे वही अच्छी लगती हे जो अंत में खुशियो का रंग लगाती है। 🙏🙏

Drx. Mahesh Ruhil

B@++

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सपने तो ऊँचे ह मेरे 
पर मेहनत से हासिल करने ह,
मुकाम हासिल वो करना ह 
जहां कद घर वालो के मेरे से भी ऊँचे ह, 
पैसे की भूख नहीं ह 
प्यार से नाम कमाना ह,
ऊंचाई वो हासिल करनी ह 
जहां सबके दिलो पर छा जाना ह. B@++
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