Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लेखक दुष्यंत कुमार Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लेखक दुष्यंत कुमार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लेखक दुष्यंत कुमार.

    LatestPopularVideo

vivek singh

#दुष्यंत कुमार

read more

Shekhar Chandra Mitra

दुष्यंत कुमार

read more

विद्यार्थी राहुल

#दुष्यंत कुमार

read more
कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिए, 
कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए!

यहाँ दरख़्तों के साए में धूप लगती है,
चलों यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए!

न हो क़मीज़ तो पाँव से पेट ढक लेंगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए! 

ख़ुदा नहीं न सही आदमी का ख़्वाब सही, 
कोई हसीन नज़ारा तो है नज़र के लिए! 

वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता, 
मैं बे-क़रार हूँ आवाज़ में असर के लिए!

तिरा निज़ाम है सिल दे ज़बान-ए-शायर को, 
ये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए! 

जिएँ तो अपने बग़ैचा में गुल-मुहर के तले,
मरें तो ग़ैर की गलियों में गुल-मुहर के लिए!

●दुष्यंत कुमार
(1 सितंबर1933-30 दिसंबर 1975) #दुष्यंत कुमार

Mohd asif

दुष्यंत कुमार

read more

विद्यार्थी राहुल

#दुष्यंत कुमार

read more
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, 
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए!

आज ये दीवार पर्दों की तरह हिलने लगी, 
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए! 

हर सड़क पर हर गली में हर नगर हर गाँव में, 
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए! 

सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मिरा मक़्सद नहीं, 
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए! 

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए!

● दुष्यंत कुमार
(1 सितंबर1933-30 दिसंबर 1975) #दुष्यंत कुमार

विद्यार्थी राहुल

#दुष्यंत कुमार

read more
होने लगी है जिस्म में जुम्बिश तो देखिए, 
इस पर कटे परिंदे की कोशिश तो देखिए! 

गूँगे निकल पड़े हैं ज़बाँ की तलाश में,
सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिए! 

बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन,
सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिए !

उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें, 
चाक़ू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए !

जिस ने नज़र उठाई वही शख़्स गुम हुआ 
इस जिस्म के तिलिस्म की बंदिश तो देखिए!

दुष्यंत कुमार
(1 सितंबर 1933- 30दिसंबर 1975)
 #दुष्यंत कुमार

विद्यार्थी राहुल

#दुष्यंत कुमार

read more
होने लगी है जिस्म में जुम्बिश तो देखिए, 
इस पर कटे परिंदे की कोशिश तो देखिए! 

गूँगे निकल पड़े हैं ज़बाँ की तलाश में,
सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिए! 

बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन,
सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिए !

उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें, 
चाक़ू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए !

जिस ने नज़र उठाई वही शख़्स गुम हुआ 
इस जिस्म के तिलिस्म की बंदिश तो देखिए!

दुष्यंत कुमार
(1 सितंबर 1933- 30दिसंबर 1975) #दुष्यंत कुमार

B.Bhushan

#दुष्यंत कुमार

read more

भारद्वाज

#दुष्यंत कुमार

read more
चलो कुछ गुनगुना के देखें ये शायद रात
कट जाए
ठिठुरते जिस्म की सिहरन जरा सी और
घट जाए

अब अपने मेहरबाँ से छेड़ करना भी
ज़रूरी है
भले भी शख़्सियत अपनी कई टुकड़ों मे
बँट जाए

खुदा का शुक्र है हर आदमी अब सोचता
तो है
अगर ये नींव कापें और ये दीवार हट
जाए
#दुष्यंत कुमार#पुण्यतिथि #दुष्यंत कुमार

Shekhar Chandra Mitra

दुष्यंत कुमार

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile