Find the Latest Status about गुड्डी गिलहरी की ग़ज़ल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गुड्डी गिलहरी की ग़ज़ल.
kumar vishesh
कहानी बेचारी गिलहरी एक गिलहरी हालात से टूटी थी उसकी हर शाम रो रो के फूटी थी एक पेड़ पर उसका आशियाना था जो काफी पुराना था जंगल में मंगल था हरे भरे पेड़ों से उसकी हर रोज मुलाकात होती थी बरसात तो साहब वहां रोज होती थी कुदरत का कहर देखिए अपने बच्चों के संग गिलहरी घूमने क्या निकली कि किसी आसमां में बिजली चमकने लगी बादलों से बूंदें टपकने लगी धरा पर पानी इतना बिखर गया हर खेत जंगल तालाब बन गया गिलहरी की उम्मीद में भी सैलाब बन गया अपने बच्चों की चिंता होने लगी मन ही मन में रोने लगी हे कुदरत तूने क्या कर दिया धरा पर पानी रोज भरता है आज आंखों में भी पानी भर दिया लोग कहते हैं कि तू पत्थर का है आज तूने यह भी साबित कर दिया तभी एक बचपन की एक हकीकत सामने आई हमने किसी की मदद की थी वो रंग लाई एक बड़ा सा पेड़ सैलाब में बहता आ रहा था गिलहरी तुम चिंता मत करो यह कहता आ रहा था उसे देख गिलहरी की उम्मीद जागी वो एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर अपने बच्चों को लेकर भागी अपने बच्चो को सैलाब से पार कर गई खुद पानी की धार में बह गई दोस्तो यह कहानी कैसी लगी हमें सब की मदद करनी चाहिए बिहार में आई बाढ़ से जो मुसीबत लोगों पर आई है उसके लिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए बेचारे गिलहरी
बेचारे गिलहरी
read moreAnamika Gupta
ग़ज़ल मुहब्बत का' होगा असर धीरे धीरे। ज़माने को' होगी ख़बर धीरे धीरे॥ जो' करके गए थे मुहब्बत का' वादा, वो' होते गये बेख़बर धीरे धीरे। सनम जब से तुम बेवफा हुए हो , मुहब्बत के' सूखे शजर धीरे धीरे। तरन्नुम मे' मैंने ग़ज़ल जब पढ़ी तो , हुई मस्त महफ़िल, नगर धीरे धीरे। जिधर देखिए अब दरिंदे खड़े हैं , बशर हो रहा जानवर धीरे धीरे । सभी के लिए अनु दुआ माँगती है, मिले सबको शुहरत मगर धीरे धीरे। --अनामिका "अनु" गया , बिहार शायरी की ग़ज़ल
शायरी की ग़ज़ल
read moreDushyant Allahabadi Sheetanshu Dwivedi
इकदम सच है मुझको तुम अच्छी लगती हो प्यारी सी होती है जैसे बिल्ली लगती हो।। नटखट सी पागल सी इक कोरे कागज सी बचपन वाली वो कट्टी मिल्ली लगती हो ।। मेरे अंदर इक बच्चा रहता है शायद मुझको उस जैसी प्यारी बच्ची लगती हो ।। झूठे जीवन में कुछ सच्चे रिश्तों जैसी मां यारों बहनों जैसी अच्छी लगती हो ।। दर्द वही राग वही द्वेष वही करना क्या मुझको ग़ज़लों जैसी सच्ची लगती हो ।। ( अपनी नटुल्ली बहन रिधिमा( मूसू) दो भूत वंशिका (नूर) छवि( नरगिस)) के लिए ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreAdbhut Alfaz
जो है मेरे ख़िलाफ़ उसी की तरफ़ एक लड़की है ज़िन्दगी की तरफ़ छुप गया है ग़लत पता दे कर वक़्त रहता नहीं घड़ी की तरफ़ अपनी अपनी पड़ी है हर ग़म को दिल में कोई नहीं किसी की तरफ़ नन्हे मुन्ने अँधेरे तकते हैं आँखें मल मल के रौशनी की तरफ़ ! #NojotoQuote #ग़ज़ल
Saumendu Vardhan
बात सीधे ही दिल की बताया करो ज़िन्दगी मुख़्तसर है न ज़ाया करो बात कुछ देर की है अगर 'और है' नींद मत रात भर की उड़ाया करो रोज़ रिश्ते नये तुम बना तो रहे यह कि दिल से इन्हें फिर निभाया करो दिल कहेगा भी गर मैं न आऊँगा यूँ गा ब गा बेसबब बस बुलाया करो कुछ न क्यों मिल रहाक कोशिशों का सिला 'मालवी 'जोर पूरी लगाया करो सर्वाधिकार सुरक्षित सौमेन्दु वर्धन मालवीय #NojotoQuote ग़ज़ल
ग़ज़ल
read more