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Heer
दोस्ती प्यार रिश्ते सब झूठे है इस जगत के, मतलब के सब साथी है। समय बतलाता है कौन अपना कौन पराया।। माया का सब खेला है भईया, केवल एक ईश है सच्चा। भरम में मत रहना ए बंदे, झूठा जग का झूठा मेला, झूठा सब जग का खेला। अंत समय कोई काम न आए, ना ही कोई साथ जाए। आत्मा को परमात्मा से जोड़े, खुद को करले ईश को प्यारा। ©Heer #sad_quotes #जीवन का कड़वा सत्य #स्वीकार कर ले ओ बंदे #नाहक ही क्यों फिरे जगत में #माया जाल है ये जग #ईश्वर को प्राप्त कर ले तू #खुद को कर उ
Dpoonam4
White part-3 दूसरी ओर मायावी जो कि प्यार का दुश्मन है, वो अपनी माया से प्रेम विवाह करने वालों का पता लगा रहा होता है। ©Dpoonam4 #Sad_Status #माया #horror #suspense #Stories
#Sad_Status #माया horror #suspense #Stories #Life
read moreRajkumar Siwachiya
White बेरा न क जगाह क रूप म जामै रय देश बिना का रोग लिया रय भोग न हम तो भोग ना पाए पर भोग न हमको भोग लिया किते बनकय रूई डूबे पानी म रय पानी को हमने सोख लिया किते बनकय संत महात्मा हमनय छोड़ मोह माया को जोग लिया ✨🙂✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ ©Rajkumar Siwachiya किते बनकय संत महात्मा हमनय छोड़ मोह माया को जोग लिया ✨🙂✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ #good_night #rajkumarsiwachiya #oyedesi #haryanv
किते बनकय संत महात्मा हमनय छोड़ मोह माया को जोग लिया ✨🙂✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ♠️ #good_night #rajkumarsiwachiya #oyedesi haryanv #Poetry #Haryana #Haryanvi #bhiwani #Loharu #JhumpaKalan #Jhumpa_Kalan
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के #कविता
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कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । #कविता
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कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।। ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा । वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के
कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के #कविता
read moreअदनासा-