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Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📚 📖*22/6/2022*🖋️ 🖊️*“बुधवार”*📘 देखिए जब यह “लोभ” आपके “जीवन” में आता है तो जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते है चाहे “धन” हो,“मान” हो, उसे प्राप्त करने के लिए “व्यक्ति” किसी भी “हद” तक जाने को “बेताब” हो जाता है यदि व्यक्ति “धन प्राप्त” करना चाहता है तो वह “अधर्म की रास्तें” पर भी चला जाता है और यदि “मान(सम्मान)” प्राप्त करना चाहता है तो वह “दूसरों को नीचा” भी दिखाने लग जाता है, अंत में आपको यह “एहसास” अवश्य होगा कि यदि मैं “कम प्राप्त” कर लेता तो “प्रेम” से प्राप्त कर लेता, तो मेरा यह “जीवन” और भी “सुखी” होता, देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में कब “प्रवेश” कर जाए यह आपको भी पता नहीं रहता, इसलिए इस “लोभ” को पहचानिए और इसे तुरंत अपने “जीवन” से निकाल दीजिए, जो भी प्राप्त करना है उसे “प्रेम” से प्राप्त कीजिए “जीवन” “सुखमय” होगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 📖 *22/6/2022*🖋️ 🖊️ *“बुधवार”*📘 #“मनुष्य” #“लोभ”
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*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“13/6/2022”📝* *📙“सोमवार”💫* देखिए इस “जीवन” में कुछ “प्राप्त करना” “अनुचित” नहीं है, किंतु “सबसे अधिक” मैं ही प्राप्त करूं, मुझे और चाहिए,मैं ही “अधिक” प्राप्त करूं ये “लोभ” है... और जब यह “लोभ” आपके “जीवन” में आता है तो जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते है चाहे “धन” हो,“मान” हो, उसे प्राप्त करने के लिए “व्यक्ति” किसी भी “हद” तक जाने को “बेताब” हो जाता है यदि व्यक्ति “धन प्राप्त” करना चाहता है तो वह “अधर्म की रास्तें” पर भी चला जाता है और यदि “मान(सम्मान)” प्राप्त करना चाहता है तो वह “दूसरों को नीचा” भी दिखाने लग जाता है, अंत में आपको यह “एहसास” अवश्य होगा कि यदि मैं “कम प्राप्त” कर लेता तो “प्रेम” से प्राप्त कर लेता, तो मेरा यह “जीवन” और भी “सुखी” होता, देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में कब “प्रवेश” कर जाए यह आपको भी पता नहीं रहता, इसलिए इस “लोभ” को पहचानिए और इसे तुरंत अपने “जीवन” से निकाल दीजिए, जो भी प्राप्त करना है उसे “प्रेम” से प्राप्त कीजिए “जीवन” “सुखमय” होगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“13/6/2022”📝* *📙“सोमवार”💫* #“मनुष्य” #“लोभ”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“24/3/2022”*📚 📘*“गुरुवार”*🌟 देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में आता है तो जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते है चाहे “धन” हो,“मान” हो, उसे प्राप्त करने के लिए “व्यक्ति” किसी भी “हद” तक जाने को “बेताब” हो जाता है यदि व्यक्ति “धन प्राप्त” करना चाहता है तो वह “अधर्म की रास्तें” पर भी चला जाता है और यदि “मान(सम्मान)” प्राप्त करना चाहता है तो वह “दूसरों को नीचा” भी दिखाने लग जाता है, अंत में आपको यह “एहसास” अवश्य होगा कि यदि मैं “कम प्राप्त” कर लेता तो “प्रेम” से प्राप्त कर लेता, तो मेरा यह “जीवन” और भी “सुखी” होता, देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में कब “प्रवेश” कर जाए यह आपको भी पता नहीं रहता इसलिए इस “लोभ” को पहचानिए और इसे तुरंत अपने “जीवन” से निकाल दीजिए, जो भी प्राप्त करना है उसे “प्रेम” से प्राप्त कीजिए “जीवन” “सुखमय” होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“24/3/2022”*📚 📘 *“गुरुवार”*🌟 #“लोभ” #“धन”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“17/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 जब तक हम इस “संसार” में जीवित है, हमारे साथ “सबकुछ” रहता है, हमारा “धन”,हमारी “सुख-सुविधाएं”, हमारे “मित्र”,हमारा “परिवार”, ये “समाज” ये सब हमारे साथ रहते है, जिस दिन हम इस “संसार” से चले जाएंगे, इन में से कोई हमारे “साथ” नहीं आता, न “धन”,न “सुख-सुविधाएं”,न “संपत्ति”,ये लोग ये “समाज” सिर्फ “श्मशान” तक ही साथ आ पाते है, उसके पश्चात हमारे “साथ” कुछ आ पाता है तो वो है केवल हमारा “धर्म”, और इस “संसार” में जो हम “नाम बनाकर” छोड़ जाते है, और वो होता है केवल “कर्मो” द्वारा, इसलिए इस “संसार” में आप जबतक “जीवित” है और यदि कुछ “अर्जित” करना चाहते है, “धर्म अर्जित” किजिए,“धर्म के विषय में स्पष्टता” अर्जित किजिए और “कर्म” अर्जित किजिए, यही आपका “भूतकाल” होगा यहीं आपका “भविष्यकाल” होगा, और यहीं सबको “प्रेरणा” प्रदान करेगा,और किसी के लिए “प्रेरणा” बनना यह बहुत “बड़ी बात” है *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“17/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“संसार” #“धन”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“15/2/2022”*📚 🖋️*“मंगलवार”* 🌟 “अर्थ” अर्थात दूसरा “पुरूषार्थ”(परिश्रम) इस “अर्थ” का “तात्पर्य” अधिकतर लोग “धन” समझ लेते है, किंतु यदि “अर्थ” का तात्पर्य केवल “धन” है तो ये अत्यंत “नुकसानदेह” है, तो “अर्थ” का “अर्थ” क्या है ? अर्थ वो जो हमारे “जीवन” के लिए आवश्यक है जो हमें “सुख” दे सके,“शांति” दे सके, क्योंकि वो ही तो सबसे अधिक “मूल्यवान” है, हमारे “माता-पिता”,“मित्र”, “संबंधी”,“गुण”,“पुण्य”,“ज्ञान” इन सब से मिलकर “अर्थ” बनता है, और सही मायने में यही “जीवन” का “अर्थ” भी तो है, तो इसलिए “धन” अवश्य कमाईए लेकिन “धन कमाने” की “व्यस्तता” में इन सभी से “दूरी” न मत बनाइए, अपने “परिवार” को,अपने “दिल” के करीब के “संबंधियों” को भी समय दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“15/2/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 #“अर्थ” #“पुरूषार्थ”(परिश्रम)
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📓*“4/2/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 जीवन में “कमाना” क्या होता है ? अधिकतर लोग कहते है कमाना अर्थात “धन” या “संपत्ति”, और क्या ही “अर्जित” करते है, अब प्रश्न यह है कि ऐसा क्या है जो “वास्तविक रूप” से अर्जित करने योग्य है, वो है “व्यवहार” और “ज्ञान” और “संतोष”, क्योंकि जब आप इस “संसार” से चले जाएंगे तो आपकी “धन” या “संपत्ति” आपको “विदा” करने नहीं आएगी,आपको “विदा” करेंगे आपके अपने, जिनके साथ आपका “व्यवहार” था,इस “संसार” में कई सारे “मनुष्य” “धन अर्जित” कर सकते है, “श्रेष्ठ मनुष्य” तो वो है जो “व्यवहार”,“ज्ञान” और “संतोष” प्राप्त करता है और इसे सब में “बांटता” है, तो आप भी यही किजिए ये “मन प्रसन्न” अवश्य रहेगा, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“4/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“कमाना”* *#“धन” या “संपत्ति”*
Atul Sharma
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“1/11/2021”*📝 🪔*“सोमवार”*✨ *इस “संसार” में जिन “व्यक्तियों” को आवश्यकता से अधिक “धन” प्राप्त है* *उन्हें ये कभी नहीं भूलना चाहि कि उनके ऊपर एक बहुत बड़ा “दायित्व” है* *संसार में “असमानता” को मिटाकर “समानता” को स्थापित करने का “दायित्व”,* *अपने “लोभ” को भुलकर उनकी “सहायता” करना* *जिनके पास “जीवन” में ऊपर उठने के लिए “साधन” नहीं,“अवसर” नहीं व “संसाधन” नहीं है...* *उनकी “मदद” करके या उन्हें “प्रेरित” करके हम “इंसानियत” और “मानवता” को इस संसार में बढ़ा सकते है,* *🖋️अतुल शर्मा📝...📚📖* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“1/11/2021”*📝 🪔 *“सोमवार”*✨ #“संसार” #“धन”
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“1/11/2021”*📝 🪔 *“सोमवार”*✨ #“संसार” #“धन” #“सहायता #“मानवता” #“इंसानियत” #“दायित्व” #“समानता #“प्रदर्शित
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 महाभारत के समय में “पांडव” बड़े “कुशल” थे, बड़े “शक्तिशाली” थे, युधिष्ठिर ने अपने “परिश्रम” से कुछ इस प्रकार “ज्ञान” प्राप्त किया कि “संसार” उसे “धर्मराज युधिष्ठिर” कहने लगे, देखा जाए तो पांडवों के पास सब कुछ है किंतु जब बात आए और “धन” पाने की, तो “युधिष्ठिर” जो “पांडवों” में “श्रेष्ठ” थे, शेष सभी पांडवों के साथ द्यूत(जुए) का ये खेल बैठे, न केवल इसमें केवल “धन”,“विवेक” और “धर्म” हार गए, बल्कि इसमें अपनी “ग्रहलक्ष्मी द्रौपदी” को भी हार गए, कारण क्या है ? “भूल” गए एक सरल सी बात कि इस संसार में “मान” और “सफलता”... “परिश्रम” और “कर्म” से पाए जाते है, “द्यूत(जुए)” का ये खेल ये तो “भाग्य” पर ही चलता है, अब संसार में दो मार्ग है संसार में एक “मार्ग” वो जहां “कर्म” और “परिश्रम” से आप अपना भाग्य स्वयं रचते है एक मार्ग वो जहां ये “भाग्य” एक क्षण में आपको “बना” सकता है या फिर आपको “मिटा” भी सकता है, आप कौनसा “मार्ग” चुनेंगे, चयन आपका है, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“परिश्रम” #“ज्ञान”
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*📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“29/8/2021”*🖋️ 📘 *“ रविवार”*✨ इस “संसार” के सबसे “महत्वपूर्ण तत्व” कौनसे है ? पहला है “समय” जन्म से लेकर मृत्यु तक का ये पहलू यही तो “जीवन” है दूसरा है जीवन जिसमें हम “समय का उपयोग” करते है, “श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कार्य” करने का प्रयास करते है, वर्षो से चलती आ रही ये “परम्परा”,ये “संस्कृति” इसे आप आगे ले जाने का “प्रयास” करते है, इस संसार में एक “योगदान” देने का प्रयास करते है, तीसरा तत्व है “धन” ... ये “धन” जो हर एक व्यक्ति अर्जित करने का प्रयास करता है अब इन तीनों तत्वों में “समानता” है, चाहे “धन” हो,“समय” हो या हो “जीवन”, और वो समानता ये है कि आप यदि इसकी “गणना” करने लगोगे तो ये “कम” होने लगता है, यदि आप इसका “उपयोग” करोगे तो ये बढ़ने लगता है, इसे “संगृहीत” करके रखने का प्रयास करोगे तो ये हाथ से निकल जाता है, किंतु आप इसे “संभालना” सीख जाओगे, यदि ऐसा कार्य करोगे जिसमें संसार के साथ साथ आने वाली “पीढ़ी” का भी “लाभ” हो, यदि कुछ सीखना है तो “संभालना” सीखिए, “गणना” करना या “संग्रहित” करना ही क्यों? _*अतुल शर्मा🖋️📝*_ ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“29/8/2021”*🖋️ 📘 *“ रविवार”*✨ #“संसार” #“महत्वपूर्ण तत्व”
*📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“29/8/2021”*🖋️ 📘 *“ रविवार”*✨ #“संसार” #“महत्वपूर्ण तत्व” #“जीवन” #“प्रयास” #“धन” #“समय” #“परम्परा” #“अर्जित” #“संभालना”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“17/8/2021”*🖋️ 📘*“मंगलवार”*📙 ये “जीवन” किस पर चलता है ? “धन” पर,“वैभव” पर,“श्वास” पर...नहीं ये “जीवन” चलता है “विश्वास” पर... “विश्वास स्वयं पर” “विश्वास” हमारे “अपनों पर”, किंतु जब ये ही “विश्वास” टूट जाता है तो “मनुष्य” का “ह्रदय” टूट जाता है, तत्पश्चात वो कुछ कर ही नहीं पाता है, अब ऐसे में क्या करें ? “तीन कार्य” है जो आप कर सकते हैं, पहला कार्य “प्रेम”,जो आपसे प्रेम करते है या जिनसे आप प्रेम करते है,“भूल” जो भी हुई हो तो “क्षमा” मांगने में कभी “संकोच” मत किजिए, दूसरा कार्य है “विश्वास”, जो आपसे “प्रेम” करते है आप पर “विश्वास” करते है उनका विश्वास कभी मत तोड़िए, तीसरा कार्य है “आस” जो आपसे “प्रेम” करते है आप पर “विश्वास” करते है, उनकी “आस” आप से जुड़ी है उनसे कभी कुछ मत छिपाइए, ये “तीन कार्य” किजिए आप “जीवन” में “प्रसन्न” अवश्य रहेंगे... *अतुल शर्मा🖋️📝* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“17/8/2021”*🖋️ 📘 *“मंगलवार”*📙 #“जीवन” #“धन”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“17/8/2021”*🖋️ 📘 *“मंगलवार”*📙 #“जीवन” #“धन” #“प्रेम” #“विश्वास” #“क्षमा” #“एहसास” #“प्रसन्नता” #“वैभव” #“आस”
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