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Atul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/6/2022”📝* *📙“रविवार”💫* हमारे “देश” में विभिन्न प्रकार के “लोग” रहते हैं,अलग-अलग “जातियां”,अलग-अलग “धर्म”,अलग-अलग “भाषाएं”, किंतु यदि हम सोचे कि इस देश को कैसे “कल्याण” की ओर ले जाए,कैसी इसका “विकास” किया जाए तो हमें “साथ” आना ही होगा, जैसी “पांच उंगलियां” साथ आकर “मुट्ठी” बनती है, आपकी जो भी “भाषा” है,जो भी आपका “धर्म” है,जो भी “जाति” है वो “उचित” है, लेकिन सभी “धर्मों” से ऊपर एक “धर्म” होता है वह है “इंसानियत का धर्म”,“मानवता का धर्म”, आवश्यक है कि आप अपनी “कर्मभूमि” से,अपनी “धरा” से जुड़े रहे,“साथ रहे” तभी “देश का विकास” होगा, तभी ये “तरक्की” भी अवश्य करेगा, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/6/2022”📝* *📙“रविवार”💫* *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”*
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“5/6/2022”📝* *📙“रविवार”💫* *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”* #Thoughts #“मानवता #“साथ #“कल्याण” #“अलग #“इंसानियत #“कर्मभूमि” #“देश
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📚 *“सुविचार"*📝 🖊️*“3/5/2022”*🖋️ ✍🏻*“मंगलवार”*📘 हमारे “देश” में विभिन्न प्रकार के “लोग” रहते हैं,अलग-अलग “जातियां”,अलग-अलग “धर्म”,अलग-अलग “भाषाएं”, किंतु यदि हम सोचे कि इस देश को कैसे “कल्याण” की ओर ले जाए, कैसे इसका “विकास” किया जाए तो हमें “साथ” आना ही होगा, जैसी “पांच उंगलियां” साथ आकर “मुट्ठी” बनती है, आपकी जो भी “भाषा” है, जो भी आपका “धर्म” है,जो भी “जाति” है वो “उचित” है, लेकिन सभी “धर्मों” से ऊपर एक “धर्म” होता है वह है “इंसानियत का धर्म”,“मानवता का धर्म”, आवश्यक है कि आप अपनी “कर्मभूमि” से, अपनी “धरा” से जुड़े रहे,“साथ रहे” तभी “देश का विकास” होगा, तभी ये “तरक्की” भी अवश्य करेगा, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“3/5/2022”*🖋️ ✍🏻 *“मंगलवार”*📘 *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”*
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“3/5/2022”*🖋️ ✍🏻 *“मंगलवार”*📘 *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”* #Thoughts #“मानवता #“साथ #“कल्याण” #“अलग #“इंसानियत #“कर्मभूमि” #“देश
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌲*“25/12/2021”*🎄 🎁*“शनिवार”* 🎊 हमारे “देश” में विभिन्न प्रकार के “लोग” रहते हैं,अलग-अलग “जातियां”,अलग-अलग “धर्म”,अलग-अलग “भाषाएं”, किंतु यदि हम सोचे कि इस देश को कैसे “कल्याण” की ओर ले जाए,कैसे इसका “विकास” किया जाए तो हमें “साथ” आना ही होगा, जैसे “पांच उंगलियां” साथ आकर “मुट्ठी” बनती है, आपकी जो भी “भाषा” है,जो भी आपका “धर्म” है, जो भी “जाति” है वो “उचित” है, लेकिन सभी “धर्मों” से ऊपर एक “धर्म” होता है वो है “इंसानियत का धर्म”,“मानवता का धर्म”, आवश्यक है कि आप अपनी “कर्मभूमि” से,अपनी “धरा” से जुड़े रहे,“साथ रहे” तभी “देश का विकास” होगा,तभी ये देश “तरक्की” भी अवश्य करेगा, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌲 *“25/12/2021”*🎄 🎁 *“शनिवार”* 🎊 *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌲 *“25/12/2021”*🎄 🎁 *“शनिवार”* 🎊 *#“हमारा देश”* *#“विभिन्न प्रकार के लोग”* #Thoughts #MerryChristmas #“विकास” #“मानवता #“साथ #“कल्याण” #“अलग #“इंसानियत #“कर्मभूमि” #“देश
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_*📝“सुविचार"*📝_ _🌼 *“23/8/2021”*🖋️ _ 🌫️_*“सोमवार”*_🌥️ “सागर की लहरें” “तट” से टकराकर “पत्थरों” से टकराकर उनका “आकार” ही बदल देती है, “कटीले नुकीले पत्थर” इन पर घिसघिस कर इन्हें “गोल” बना देती है,किंतु ये “सागर की लहरें” इनका “आकार” कभी नहीं बदला, क्योंकि यह “बिखर” कर भी “जुड़ना” जानती है देखिए “वाद-विवाद”,“तर्क-वितर्क”, “मतभेद” ये जीवन का “अभिन्न अंग” है, किंतु इन्हें कभी “मन” में प्रवेश न करने दे, यदि “मन में प्रवेश” कर भी जाए तो वहां उन्हें “वास” न करने दे,इन्हें निकाल फेंके, “वाद-विवाद”,“तर्क-वितर्क”, मतभेद इन्हें “जीवनभर” साथ लेकर मत चलिएगा, यदि साथ चलना है तो सबको साथ लेकर चलिए, “लहरों की भांति” , “एकता(संगठन)” में विश्वास रखिए, साथ मिलकर आगे बढ़ोगे तो दूर तक पहुचोगे, अन्यथा सिर्फ “दूर की सोच” ही रखकर ही रह जाओगे, और “दूर की सोच” अच्छी नहीं होती है _*अतुल शर्मा🖋️📝*_ ©Atul Sharma _*📝“सुविचार"*📝_ _🌼 *“23/8/2021”*🖋️ _ 🌫️_*“सोमवार”*_🌥️ #“सागर की लहरें” #“तट”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📙*“15/7/2021”*📚 ✨*“गुरुवार”*🌟 “मनुष्य” सदा “बड़ा मनुष्य” बनना चाहता है, सदैव इसी की “कल्पना” करता है, किंतु प्रश्न ये है कि मनुष्य बड़ा कब बनता है ? जब वो “धनी” बन जाए या फिर उसके पास “मान(सम्मान)” हो, वो अधिक “रूपवान” हो,या “अधिक शक्तिशाली” हो,मनुष्य “बड़ा मनुष्य” तब बनता है जब वो “संकट के समय” किसी के साथ खड़ा रहे,तो सर्वप्रथम ये सीखे,देखिए हनुमान जी श्रीराम के लिए इतने बड़े है क्योंकि वो सदैव सुख-दुःख में “श्रीराम” के साथ खड़े थे, यदि आप भी “जीवन” में बड़ा बनना चाहते है,तो किसी के साथ उसके “दुःख के समय” में, उसके “संकट के समय” में उसका “साथ निभाइए” और उसके “साथ खड़े” रहिए, ये मन सदैव “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“15/7/2021”*📚 ✨*“गुरुवार”*🌟 #“मनुष्य” #“बड़ा मनुष्य”
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