Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best सैकड़ों Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best सैकड़ों Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 4 Followers
  • 12 Stories

Md Adnan Rabbani

Adnan Rabbani's Shayari • क्या #कुवत है #सुनो #फ़क़त मेरे नाम में। मैं #रोज सूरज से #आँख #मिलाता हूँ शाम में।। रोज #सैकड़ों #सन्देश आता है। बहुत #मशरूफ़ रहता हूँ आजकल काम में।। ए हुब्बाब तू #ख्वाब देख #शहंशाही का। नही #लगता है एक पैसा भी इस काम में।। #Comedy

read more
क्या कुवत है सुनो फ़क़त मेरे नाम में।
मैं रोज सूरज से आँख मिलाता हूँ शाम में।।



रोज सैकड़ों सन्देश आता है।
बहुत मशरूफ़ रहता हूँ आजकल काम में।।



ए हुब्बाब तू ख्वाब देख शहंशाही का।
नही लगता है एक पैसा भी इस काम में।। Adnan Rabbani's Shayari • क्या #कुवत है #सुनो #फ़क़त मेरे नाम में।
मैं #रोज सूरज से #आँख #मिलाता हूँ शाम में।।

रोज #सैकड़ों #सन्देश आता है।
बहुत #मशरूफ़ रहता हूँ आजकल काम में।।

ए हुब्बाब तू #ख्वाब देख #शहंशाही का।
नही #लगता है एक पैसा भी इस काम में।।

कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

बिन फेरे हम तेरे -3 "बिन फेरे हम तेरे -3" कल टटोला जब खुद को सैकड़ों गड्डों में सैकड़ों वीरानियाँ मिली,,,,,,,,, ठंड से ख़ुश्क पड़ गए है गड्डों में ख्वाहिशें मुझे खोदी जा रही थीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, आज इन गड्ढों में फुरसत से बैठ के ख़्वाहिशों की खोदी हुई मिट्टी और खुशफैमियों का लेप बनाके भरना शुरू किया,,,,,,,,,,,,

read more
"बिन फेरे हम तेरे -3"

कल टटोला जब खुद को सैकड़ों गड्डों में सैकड़ों वीरानियाँ मिली,,,,,,,,,
ठंड  से ख़ुश्क पड़ गए है गड्डों में ख्वाहिशें मुझे खोदी जा रही थीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,   

           आज इन गड्ढों में फुरसत से बैठ के ख़्वाहिशों की खोदी हुई मिट्टी और खुशफैमियों का लेप बनाके भरना शुरू किया,,,,,,,,,,,,

      इक गड्ढे में था इक दोस्त पुराना जिसे अब उसके सच्चे दोस्त मिल गए थे ,,,,,,,,,भर डाला उसे के उसकी तलाश ख़त्म ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

इक गड्ढे में रख्खी थी ख्वाहिश गले लगने की टूट के रोना था और ये कहना था कि अब मैं हूँ ........ पर अब पापा नहीं हैं ............................,,,,,,,,,,,,,,

कुछ गड्डों में ख़्वाहिश थी दुनिया घूमने की मैंनें गूगल मेप पे इनको दुनिया दिखा दी ,,,,,,,,,,,,,,

कुछ गद्दों में मिली बचपनें की ख्वाहिशें जिनको कभी सेना में जाना था , ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
                               तो कभी तारों के पीछे जा के देखना था कि ये कौन सी रस्सी से लटकते रहते हैं ,,,,,,,,,,,,,,
 
 इक गद्दा था जिसमें से पानी भी रिस रहा था पास जाके देखा तो इक ख़्वाहिश रो रही थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
   
   ,,,,,,,कि चलो देर से सही तुमने अपने बदन पे पड़ चुके गड्डों के लिए वक़्त तो निकाला वो पानी नहीं खुशी के आँसू थे उसके पगली के ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सुनो तुम भी हो इन गड्डों में, कई परतें हटानी पड़ी मुझको इस ख़्वाहिशों वाली मिट्टी की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

 तब जा के तुम तक पहुँच सका इसको मैंनें उन तमाम लम्हों से भर डाला शायद थे हमारे या न मेरे न तेरे बिन फेरे हम तेरे बिन फेरे हम तेरे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

©️✍️ सतिन्दर 
15.01.19 #NojotoQuote बिन फेरे हम तेरे -3
                    "बिन फेरे हम तेरे -3"

कल टटोला जब खुद को सैकड़ों गड्डों में सैकड़ों वीरानियाँ मिली,,,,,,,,,
ठंड  से ख़ुश्क पड़ गए है गड्डों में ख्वाहिशें मुझे खोदी जा रही थीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,   

           आज इन गड्ढों में फुरसत से बैठ के ख़्वाहिशों की खोदी हुई मिट्टी और खुशफैमियों का लेप बनाके भरना शुरू किया,,,,,,,,,,,,


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile