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Mo k sh K an
तेरी प्रीत के रंग रंगा में उड़ता फिरूँ गुलाल महक उठा कस्तूरी बन कर थिरकूँ तेरी ताल सबा धूप की धानी ओढूं रंग इतर का आए खुद में देखूँ तुझको जैसे खड़ा ख़ुदा मुस्काए रोम रोम में नूर थिरकता ऐसा तेरा जमाल तेरी प्रीत के रंग रंगा में उड़ता फिरूँ गुलाल इश्क़ इबादत ज़रदोज़ी सा काढ़ा रुह के तार बूटे गुँचे खिले पश्म से कलफ़ हुआ हर बार करघा राँझा बन कर घूमे ऐसा तेरा कमाल तेरी प्रीत के रंग रंगा में उड़ता फिरूँ गुलाल मैं रहट का साज सुहाना धुन में तेरी चूर और वक़्त के बैल जुते हैं बन कर मेरा फ़ितूर लम्हे रोज ढले सदियों से, पल में बीता साल तेरी प्रीत के रंग रंगा में उड़ता फिरूँ गुलाल मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनवाँ @ गुलाल ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #main_raz_raz_hizr_manavaan #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #Nojoto #Hindi
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जीना चाहता हूँ मगर जिंदगी फ़ुर्सत नहीं देती मरना भी गवारा है मगर मौत इजाज़त नहीं देती बिछ गया हूँ सड़क सा अपने पैरों के नीचे औऱ ख़ुद से फ़ासले बढ़ते ही जा रहे हैं मगर @ अब खमोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #mikyupikyu #mokshkan #अब_खामोशी_को_कहने_दो #Nojoto #Hindi
Mo k sh K an
वो रातें रेजगारी सी मेरे ख़्वाब में खनकती हैं और मुझे सोने नहीं देती सिरहाने पर तेरा ज़िक्र मैंने उँगलियों से लिखा है और तकिए पर कई रात है जो सहर नहीं होती वो लिहाफ तेरी ख़ुश्बू से मोगरा हुआ है वो सलवटें तेरी तपिश से मोम हो गई है और मैं गुमशुदा सा तुझको तलाशता हूँ ना अपना पता मिलता है ना तेरी ख़बर आती है वो रातें रेजगारी सी मेरे ख़्वाब में खनकती हैं और मुझे सोने नहीं देती रातें रेज़गारी सी @ मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ ©Mo k sh K an #main_raz_raz_hizr_manavaan #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #mokshkan #mikyupikyu #Nojoto #Hindi
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बस ख़लिश ही रह गई हैं मेरे वजूद में जब याद सरकती है तो दम घुटता है कभी सोचा नहीं था, मैंने कि वो लोखंडवाला बैक रोड की वो चौड़ी सडक़ इतनी संकरी हो सकती है कि अकेले भी गुजरता हूँ जो जज़्बात छिल जाते हैं वो समंदर, वो सहील, वो उफनती लहरें कभी तकाज़ा भी नहीं करते और छोड़ जाते हैं मेरे सीने पर वो रेत जो तेरे पैरों में चस्पा हुआ करती थी सब कुछ बदल गया है भाटे के क़ुतुब जैसा बस ख़लिश ही रह गई हैं मेरे वजूद में जब याद सरकती है तो दम घुटता है मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनवाँ @ जब याद सरकती है ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #main_raz_raz_hizr_manavaan #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #Nojoto #Hindi
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चेहरे पर उतर आए हैं वक़्त के आबशार बालों की सफेदी कहती है कि शाम ढल रही है ना रंग, ना रोगन,ना इत्र की ख़ुश्बू ना ज़रदोज़ी कोई ना मलमली लिहाफ सिकुड़ गई है हसरतें सारी बारिशों में भीग कर कलफ़ पर ठहरी पशेमानी कहती है कि शाम ढल रही है रात की रसीद ले कर के फिर रहा हूँ ना जाने कब आँखों को अब सूद चुकाना हो नींदों की सुलह हो अब ख़्वाबों से कुछ ऎसी कि रात ना छूटे फिर ना सहर हो.... अब खमोशी को कहने दो @ उम्र ..दराज़ ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #ab_khamoshi_ko_kehne_do #अब_खामोशी_को_कहने_दो #Nojoto #Hindi
Mo k sh K an
सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है भक्ति तू, ममता तू मेरी, तू मुर्शीद ,तू पीर है तू ही नदिया, तू ही सागर ,तू सहील, तू तीर है दिया भी तू, बाती भी तू, तू चंदन, तू रोली है सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है तू रहबर है, राह भी तू है, तुझ तक चल कर जाना हैं खो कर शायद खुद को तुझ में ख़ुदा को मैंने पाना है खुली हथेली मन्नत की तू, भरे दुआ जो झोली है सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है सब फ़ानी है पानी है, बहना है बह जाना है राख़ हुआ जब मैं मुझमें बस तू ही रह जाना है ना जाने किसने यूँ मुझ में तू साँसों सी घोली है सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है सुबह सवेरे जाग के जब भी आँख ये मैंने खोली है अज़ानों की सरगम बन कर तू ही मुझ से बोली है उदासियाँ 3 मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ @ वज़द ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #main_raz_raz_hizr_manavaan #उदासियाँ_the_journey #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #Nojoto #Hindi
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नूर में तेरे ढल कर मुर्शिद महक रही है भोर और वज़द की सबा शाद है मेरे चारों ओर अज़ानों में घोल के शर्बत चहके तेरे नाम अरदसों की मिश्री मीठी तुझसे मेरे राम आज पतंग के चाल चाश्नी बाँध के तुझ से डोर नूर में तेरे ढल कर मुर्शिद महक रही है भोर इत्र धिक्र का साँसों में जो मनके बन कर चलता है और लहू भी रगों में मेरी तस्बीह बन कर ढलता है तू मिस्बाह जो मेरे दीन की ओर भी तू है छोर नूर में तेरे ढल कर मुर्शिद महक रही है भोर सज़दे में तुझको पाता हूँ तुझ में ही खो जाता हूँ तुझ से ही तो मैं चलता हूँ और तुझ तक ही जाता हूँ ना वक़्त की ज़िद है चलती ना दुनिया का जोर नूर में तेरे ढल कर मुर्शिद महक रही है भोर नूर में तेरे ढल कर मुर्शिद महक रही है भोर और वज़द की सबा शाद है मेरे चारों ओर उदासियाँ ३ @ मुर्शिद मेरे ©Mo k sh K an #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #उदासियाँ_the_journey #mokshkan #mikyupikyu #Nojoto #Hindi
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तू सुबह का सूरज मेरा तू ही पहली धूप रंग तेरा है सहर का सोना नूर है तेरा रूप तू बंदिश, तू राग ख़याल जो पंछी सुर में गाते हैं तेरी सबा से इत्र महकता गुल भी जब मुस्काते हैं तेरे ज़िक्र से दुआ बनी है साँस सुलगती धूप तू सुबह का सूरज मेरा तू ही पहली धूप तू फ़ाल्गुन की थाप थिरकती पैर समंदर करती है और धनक के सीने में भी आसमान तू भरती है तुझ से क़ामिल है ये मेरी थी क़ायनात जो चूप तू सुबह का सूरज मेरा तू ही पहली धूप मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ @ धूप ©Mo k sh K an #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #main_raz_raz_hizr_manavaan #mokshkan #mikyupikyu #Nojoto #Hindi
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कभी कभी लगता है तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ जो मैं आज एक लहर हूँ कल आसमाँ मैं हो लूँ कभी कभी लगता है तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ एक शाम ठहर जाऊँ फुर्सत सा तेरे बालों पर और सहर बन उतरूँ सूरज सा तेरे गालों पर जो रूह को जगा दे एक ऎसी नींद सो लूँ कभी कभी लगता है तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ घुल कर तुझ में सबा बनूँ मैं कुछ ऎसे मिल जाऊँ रेशा रेशा रेशम हो कर तुझ से ही सील जाऊँ फिर ख़्वाब शबनामों के पलकों पर आज बो लूँ कभी कभी लगता है तेरे शानों पर सर रख कर के मैं रो लूँ मैं ऱज़ ऱज़ हिज़्र मनावाँ @ कभी कभी ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #main_raz_raz_hizr_manavaan #मैं_ऱज़_ऱज़_हिज़्र_मनावाँ #Nojoto #Hindi
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शायद यही नियति है कि बुत बन जाओ और बैठने दो उन पंछियों को अपने ऊपर जो बीट किया करते हैं बस बुत बन जाओ और अपनी पथराई आँखों से निहारो निकलता दिन, ढ़लती शाम,बदलता वक़्त गुजरते लोग ठहरे जज़्बात ना धूप का शिकवा करो ना छावं का गिला ना जुगनुओं का सदक़ा करो ना तितलियों का ज़िक्र बस बुत बन जाओ शायद यही नियति है उदासियाँ 3 @ नियति ©Mo k sh K an #mokshkan #mikyupikyu #उदासियाँ_the_journey #Nojoto #Hindi