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Govind Singh
सिकन्दर द महान बेसक लगभग पूरा जीतकर न गया हो किन्तु संसार में उसका मरने के बाद भी नाम है । ©Govind Singh #सिकन्दर द महान #nojatohindi
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read moreआलोक अग्रहरि
दे चुका हो जो धोखा उसपे विश्वास नही होता। खुदा की नजर में कोई असमान नही होता।। आलोक हर कोई नही बन सकता यहां सिकंदर, क्योंकि हर किसी का ह्रदय पत्थर-सा नही होता। ©आलोक अग्रहरि #सिकन्दर
Ajay Amitabh Suman
Poetry #gazal #Alexander #Aurangzeb #गज़ल #अल्फाज़ #सिकन्दर #औरंगजेब हुकुमत की जंग में रिश्ते, नाते , सच्चाई, जुबाँ की कीमत कुछ भी नहीं होती । सिर्फ गद्दी हीं महत्त्वपूर्ण है। सिर्फ ताकत हीं काबिले गौर होती है। बादशाहत बहुत बड़ी कीमत की मांग करती है। जो अपने रिश्तों को कुर्बान करना जानता है , वो ही पूरी दुनिया पे हुकूमत कर पाता है । औरंगजेब, सिकन्दर, अशोक इत्यादि इसके अनेक उदाहरणों में से एक है । ये महज इत्तिफाक नहीं है कि पूरी दुनिया का मालिक अक्सर अकेला हीं होता है। #कविता
read moreRicha Gupta ( भोर )
हर बार जीतने वाला सिकन्दर नहीं हुआ करता , कहाँ पर हारना है ये जानने वाला भी सिकन्दर होता है... #हार
रजनीश "स्वच्छंद"
सिकन्दर रोता है।। क्यूँ आज समंदर रोता है, मुंह ढांक ये अंदर रोता है। किस हार का डर है मन मे बसा, जो आज सिकन्दर रोता है। विजय पताका गाड़ धरा, क्या मिला नहीं क्या छूट रहा। क्या आस लगाए बैठा था, पल पल भर्रा जो टूट रहा। नीयति मोड़ वो आया था, संतोष विजय का रहा नहीं। मन हारे ही मन की हार रही, किस्सा ये किसी ने कहा नहीं। है काल-सर्प का दंश अमोघ, विष चढ़ा जो फिर ये उतरता नहीं। ये मूषक नहीं दीमक भी नहीं, कतरा कतरा ये कुतरता नहीं। है दम्भ अविलम्ब यौवन छूता, बालक शैशव का बोध नहीं। बस धन जीता नर जीता नहीं, वैभव तो रहा आमोद नहीं। हर एक सिकन्दर से कह दो, कभी दया पराजित नही रही। ये मनुज भाव मनुहार विधा, अपयश से शापित नहीं रही। काम क्रोध और तम-वृति, मानव जीवन परिहार्य रही। दया भाव श्रृंगरित आत्मा, हर एक युग मे अनिवार्य रही। नर हो जो नर का भाव पढ़े, वो किस्सा ही अमर होता है। किस हार का डर है मन मे बसा, जो आज सिकन्दर रोता है। ©रजनीश "स्वछंद" सिकन्दर रोता है।। क्यूँ आज समंदर रोता है, मुंह ढांक ये अंदर रोता है। किस हार का डर है मन मे बसा, जो आज सिकन्दर रोता है। विजय पताका गाड़ धरा,
Ankitmotivation06
"ऐ मुकद्दर के सिकन्दर मुझ पर एक एहसान करना, मेरे दोस्त के मुकद्दर में सिर्फ मुस्कान लिखना, दर्द की परछाई भी उस पर न पड़े, चाहे तो उसके मुकद्दर में मेरी जान लिखना।" Ankitmotivation06 ऐ मुकद्दर के सिकन्दर... #ऐ #मुकद्दर #सिकन्दर #एहसान #दोस्त #मुकद्दर #मुस्कान #दर्द #परछाई #मुकद्दर #जान #लिखना #mydearfriend #friend #bond #nojoto #nojotonews #nojotopost #nojotos #Quotes #thoughts #instagram #post #poem #poetry #status #Stories #Shayari Follow me Vallika Poet Sangeeta Rubeena Bano Payal Singh shivu_writes
ऐ मुकद्दर के सिकन्दर... #ऐ #मुकद्दर #सिकन्दर #एहसान #दोस्त #मुकद्दर #मुस्कान #दर्द #परछाई #मुकद्दर #जान #लिखना #mydearfriend #Friend #Bond nojoto #nojotonews #nojotopost #nojotos #Quotes #Thoughts #Instagram #post #poem #Poetry #status #Stories #Shayari Follow me Vallika Poet Sangeeta Rubeena Bano Payal Singh shivu_writes
read moreRakesh Kumar Dogra
वोट की चोट औरचोट की वोट जो जीते वही सिकन्दर होता है। जैसे डार्विन और बन्दर में बन्दर, 'आप' का पुर्खा होता है। हम उसे 'सिकन्दर' ही क्यों माने जैसे बन्दर पर ये ज़माना एक मत कहाँ होता है। ये जो अतिक्रमणियों ने रास्तों के नाम बदले थे क्यों बदले थे? क्योंकि इतिहास में बहुत कुछ मिटाना होता है। इसे कहते हैं कि ऐसे ही नामोनिशान मिटता है एक अदद कौशिश है दर्द तो होता है जब इतिहास पलटता है History repeats itself दर्द तो होता है जब इतिहास पलटता है।
History repeats itself दर्द तो होता है जब इतिहास पलटता है।
read moreRajesh Raana
बीते सारे मंज़र याद आएंगे , चाकू छुरे खंज़र याद आएंगे । दुनिया झोली में लेकर चलने वाले , पीर फ़क़ीर कलंदर याद आएंगे। हम तो ठहरे बेघर मुहाज़िर लोग , हमको भी अपने घर याद आएंगे। एक घूंट में दरिया को पीने वाले , प्यासे को समंदर याद आएंगे । जीत लो दुनिया तुम सारी पर तय है , हारने वालें सिकन्दर याद आएंगे। - राणा © बीते सारे #मंज़र याद आएंगे , #चाकू #छुरे #खंज़र याद आएंगे । #दुनिया #झोली में लेकर चलने वाले , #पीर #फ़क़ीर #कलंदर #याद आएंगे। हम तो #ठहरे #बेघर #मुहाज़िर लोग , हमको भी अपने #घर याद आएंगे।
संदीप दहिया
तू मान सिकन्दर बात मेरी और बढ़ता चल, उथला समुन्द्र सामने दूर दूर नही मंजिल फिर भी लड़ता चल, ये मंथन का दौर है अमृत भी तु ही पायेगा तू मथता चल, जो आज सागर की लहरों से जूझेगा, कल इतियास उसी को बुझेगा तो वक्त की धार बदलता चल।। लहरें जो शोर सुनाती हैं तुझे अपनी और बुलाती हैं इन लहरो मैं शामिल होकर चल। चल चल के राह तुझको बुलाती हैं, ये पगडंडी जो खुद को मंजिल बताती है इससे न विचलित हो तू और अकड़ता चल।। जीवन राह मुश्किल है सही, पर संघर्ष विराम को समय नही ,तू गति पकड़ता चल। जिसने आज अगर आराम किया तो कल किसने प्रणाम किया, तू झंझावातों में उलझता चल, चल चल के इतिहास याद करेगा तुझे, वर्तमान की दशा दिशा बदलता चल।। motivational words ##सिकन्दर
motivational words ##सिकन्दर
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