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Piyush Shukla

मेरी बेटी जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©पीयूष राज #कविता #whenIpendown

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जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो
घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो
तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में
फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो

©Piyush Shukla मेरी बेटी 

जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो
घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो
तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में
फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो

©पीयूष राज

Piyush Shukla

अनबुझी सी पहेली हुयी ज़िन्दगी धूप है तो कहीं छाँव भी ज़िन्दगी जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी ©पीयूष राज #Life #lifequotes #जीत #हारजीत #whenIpendown #Flower

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zindagi  अनबुझी सी पहेली  हुयी  ज़िन्दगी
धूप है तो कहीं  छाँव भी  ज़िन्दगी
जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम
जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी

©Piyush Shukla अनबुझी सी पहेली  हुयी  ज़िन्दगी
धूप है तो कहीं  छाँव भी  ज़िन्दगी
जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम
जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी

©पीयूष राज

#life #lifequotes #जीत #हारजीत #whenipendown  #Flower

Piyush Shukla

घाव सबको दिखाया नही जा सका दर्द भी तो छुपाया नही जा सका सारे हमको बताते थे अपना मगर सबको अपना बनाया नही जा सका #मुक्तक #घाव #दर्द #whenIpendown

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घाव  सबको दिखाया नही  जा सका
दर्द  भी  तो  छुपाया  नही जा  सका
सारे  हमको  बताते थे  अपना  मगर
सबको अपना बनाया नही  जा सका

©Piyush Shukla घाव  सबको दिखाया नही  जा सका
दर्द  भी  तो  छुपाया  नही जा  सका
सारे  हमको  बताते थे  अपना  मगर
सबको अपना बनाया नही  जा सका

#मुक्तक #घाव #दर्द #whenIpendown

Piyush Shukla

जीत जो भी मिली हार से ही मिली सूखते फूल से खिल रही हर कली जिसको समझा किसी काम का ही नही उसके बिन ज़िन्दगी फिर नही है चली #whenIpendown #muktak

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जीत  जो  भी   मिली  हार  से   ही  मिली
सूखते   फूल  से   खिल   रही   हर  कली
जिसको समझा  किसी काम का  ही नही
उसके बिन  ज़िन्दगी  फिर  नही  है  चली

©Piyush Shukla जीत  जो  भी   मिली  हार  से   ही  मिली
सूखते   फूल  से   खिल   रही   हर  कली
जिसको समझा  किसी काम का  ही नही
उसके बिन  ज़िन्दगी  फिर  नही  है  चली

#whenIpendown #muktak

Piyush Shukla

ग़ज़ल पराये काम को कोई कहाँ अपना बताता है कमाई हाथ की हो तो मज़ा कुछ और आता है महज यूँ धार छूने से नही मिलते कभी मोती जो टकराता है लहरों से समंदर को झुकाता है #शायरी #whenIpendown

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पराये  काम  को  कोई   कहाँ  अपना  बताता  है
कमाई  हाथ  की हो  तो मज़ा  कुछ और आता है

महज  यूँ  धार  छूने से  नही  मिलते  कभी  मोती
जो  टकराता  है लहरों  से  समंदर को झुकाता है

बिछाये  राह में  औरों  के जो  हर रोज़  ही  काटें
कहाँ फिर नींद  को उसकी  सुकूं या चैन भाता है

सियासत में नही मंजूर था जो कल तलक उसको
सियासतदार  होते  ही   उसे   अच्छा   बताता  है

©Piyush Shukla ग़ज़ल

पराये  काम  को  कोई   कहाँ  अपना  बताता  है
कमाई  हाथ  की हो  तो मज़ा  कुछ और आता है

महज  यूँ  धार  छूने से  नही  मिलते  कभी  मोती
जो  टकराता  है लहरों  से  समंदर को झुकाता है

Piyush Shukla

एक मतला एक शेर जहाँ से शोर आता है वहाँ कोई नही रहता बहुत मासूम दिल मेरा किसी से कुछ नही कहता मुझे आया सिखाने पैंतरे कल तैरने के वो गया जो छोड़ कर मुझको नदी में डूबता बहता ©पीयूष राज #allalone #whenIpendown

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जहाँ  से  शोर  आता  है  वहाँ  कोई  नही  रहता
बहुत मासूम दिल मेरा किसी से कुछ नही कहता
मुझे   आया   सिखाने  पैंतरे  कल तैरने   के  वो
गया जो छोड़ कर मुझको  नदी  में  डूबता बहता

©Piyush Shukla एक मतला  एक शेर

जहाँ  से  शोर  आता  है  वहाँ  कोई  नही  रहता
बहुत मासूम दिल मेरा किसी से कुछ नही कहता
मुझे   आया   सिखाने  पैंतरे  कल तैरने   के  वो
गया जो छोड़ कर मुझको  नदी  में  डूबता बहता

©पीयूष राज

Piyush Shukla

रात काली सही पर गुज़र जाएगी भोर की धूप खुशियों को भर लाएगी दे रही है जो दुनिया मुझे गालियां कल वही मेरे गीतों को दोहराएगी ©पीयूष राज #मुक्तक #whenIpendown

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Piyush Shukla

ग़ज़ल उसके होंठों पे नाम आया है यानि इल्ज़ाम फिर लगाया है दूर जाने का मन तो उसका था बेवफा पर मुझे बताया है #allalone #whenIpendown

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उसके  होंठों पे  नाम आया है
यानि इल्ज़ाम फिर लगाया  है

दूर जाने का मन तो उसका था
बेवफा   पर   मुझे  बताया   है

अब मिलेंगे न हम कभी फिर से
उसने  वादा  यही  निभाया   है

सामने   आ   गये   वो  नज़रे   के
दिल ने धड़कन को फिर बढ़ाया है

उसका चहरा लिया था हाथों में
के  किसी  ने  तभी  जगाया  है

वो किताबें वो फूल खुशबू  सब
जाके  गंगा  में  अब  बहाया  है

बीते  कल  के  ख़्याल  ने फिर से
दिल  में  तूफान  इक  उठाया  है ग़ज़ल

उसके होंठों पे नाम आया है
यानि इल्ज़ाम फिर लगाया है

दूर जाने का मन तो उसका था
बेवफा पर मुझे बताया है

Piyush Shukla

प्रेम के बस तलबगार हम ही रहे फिर भी पीड़ा के हकदार हम ही रहे जो कहानी अधूरी रही प्रेम की उस कहानी के किरदार हम ही रहे ©पीयूष राज #alone #whenIpendown #प्रेम #अकेलापन

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प्रेम  के  बस  तलबगार हम  ही  रहे
फिर भी पीड़ा के हकदार हम ही रहे
जो   कहानी  अधूरी  रही  प्रेम   की
उस कहानी  के किरदार हम ही  रहे

©पीयूष राज प्रेम  के  बस  तलबगार हम  ही  रहे
फिर भी पीड़ा के हकदार हम ही रहे
जो   कहानी  अधूरी  रही  प्रेम   की
उस कहानी  के किरदार हम ही  रहे

©पीयूष राज

#alone #whenIpendown #प्रेम #अकेलापन

Piyush Shukla

यूँ कहाँ चल दिये छोड़ कर घोंसला तुमको रखना ही होगा अभी हौंसला हाल नाज़ुक हैं ये भी समझते हैं पर खुदकुशी तो नही आखिरी फैसला ©पीयूष राज #whenIpendown #Suicide #आत्महत्या #हौंसला #Broken

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