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Best बैठना Shayari, Status, Quotes, Stories

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Chandan Kumar

#दुनिया में सबसे ज़्यादा #फ़ायदे का सौदा #बुजुर्गों के पास #बैठना है,चंद #लम्हों में वो आपको बरसों का #तजुर्बा दे देते हैं! #Gandhi Anchal godiyal ( shine लेखिका ) Priya Godiyal pg komal sindhe Tanu pal Aditya Divya Amiya #Life_experience

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दुनिया में सबसे ज़्यादा फ़ायदे का सौदा बुजुर्गों के पास बैठना है,चंद लम्हों में वो आपको बरसों का तजुर्बा दे देते हैं।

©Chandan Kumar #दुनिया में सबसे ज़्यादा #फ़ायदे का सौदा #बुजुर्गों के पास #बैठना है,चंद #लम्हों में वो आपको बरसों का #तजुर्बा दे देते हैं!

#Gandhi  Anchal godiyal ( shine लेखिका ) Priya Godiyal pg komal sindhe Tanu pal Aditya Divya Amiya

Hiren. B. Brahmbhatt

सा, रे, ग, म हमें जब जिंदगी ,
                  सिखा रही थी ,
     हम ही थे जो सारे ग़म,
                    लैकर बैठ गये #लैकर #बैठना

KK Mishra

#DaughtersDay

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#DaughtersDay   😘🧘🏻‍♂🧘🏻‍♀🌅जब रोते हुए संसार मे आई, 
मुसकुराती माँ ने गोद लिया ।
 जब रोते हुए ससुराल मे आई,
 मुसकुराती सासु माँ ने गले लगाया।
 माँ ने जीवन दिया, सासु माँ ने जीवनसाथी दिया।
 उठना, बैठना, चलना, माँ ने सिखाया, सलीके से उठना,बैठना,चलना सासु माँ ने सिखाया। माँ ने घर का काम सिखाया
सासु माँ ने घर चलाना सिखाया। 
माँ ने कोमल कली सा रखा, सासु माँ ने विशाल वृक्ष सा बनाया।
 माँ ने सुख से जीना सिखाया, सासु माँ ने दुखः  
 मे भी जीना सिखाया। 
माँ ईशवर समान है, तो सासु माँ गुरु समान है।
🥰🥰😇🥰🥰
🧘🏻‍♂🙏 *औरत मोहताज नहीं किसी गुलाब की...*
*वह खुद बागबान है इस कायनात की🌹💞*

R.K.

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रोने से कुछ हासिल नही होता,
तू रोते बैठना मत,
कुछ करने से ही मंजिल मिलती है,
तू चुप बैठना मत।
-R.K.

Ritiksha Soni

aakhir sasu maa bhi maa hi hoti he

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जब रोते हुए संसार मे आई, 
मुसकुराती माँ ने गोद लिया ।
 जब रोते हुए ससुराल मे आई,
 मुसकुराती सासु माँ ने गले लगाया।
 माँ ने जीवन दिया, सासु माँ ने जीवनसाथी दिया।
 उठना, बैठना, चलना, माँ ने सिखाया, सलीके से उठना,बैठना,चलना सासु माँ ने सिखाया। माँ ने घर का काम सिखाया
सासु माँ ने घर चलाना सिखाया। 
माँ ने कोमल कली सा रखा, सासु माँ ने विशाल वृक्ष सा बनाया।
 माँ ने सुख से जीना सिखाया, सासु माँ ने दुखः  
 मे भी जीना सिखाया। 
माँ ईशवर समान है, तो सासु माँ गुरु समान है।
🥰🥰😇🥰🥰 aakhir sasu maa bhi maa hi hoti he

karan Choudhary

#Poetry #poem

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घर की यादें 
जो हम कभी भी भूल नहीं पाते
याद आते हैं घर के सारे रिश्ते नाते.... 
वो दोस्तों के साथ बिताया हर लम्हा याद आता हैं 
जब भी याद आता हैं दिल को बहुत तड़पता हैं....
जब भी याद करता हु आँख मेरी भर आती हैं 
क्या करू घर की याद रोज़ आती हैं... 
वो माँ के हाथ का खाना ,जो बन गया हैं मेरे लिए एक सपना 
क्यूंकि अब हमें खाना है मेस का खाना.... 
दादीजी का लाड प्यार ,लगता था बेशुमार
क्यूंकि घर मे पड़ती थी कभी कभी मार....  
घर में पापा का बुलाना 
जैसे हर वक़्त दिल का घबराना....
पहले छोटी बहन के साथ लड़ाई 
फिर साथ मैं बैठ कर पढाई....  
पापा का हर छोटी छोटी पे समझाना 
मम्मी का हाथ उठाना.... 
वो दादीजी के हाथ की टमाटर की सब्जी 
बना देती थी वो जब भी होती थी मेरी मर्ज़ी.... 
वो मम्मी के हाथ के छोले भठूरे 
जिनके बिना छुट्टी के दिन थे अधूरे.... 
वो पापा का रात को मिठाई लाना 
हमेशा दिल को खुश कर जाना.... 
वो ताईजी ताऊजी का आवाज़ लगाना 
जैसा उनका दिल से बुलाना... 
वो गर्मियों की छुट्टी मैं नानी के घर जाना 
वरना जाके दूकान पे बैठना.... 
सुबह सुबह कामवाली की सारे गली मोहल्ले की बाते 
जैसे हर कोई उसी को आके सारी बाते बताते.... 
वो बाइक पे घूमना 
चार दोस्तों के साथ मिल बैठना.... 
स्कूल मैं हमेशा मस्त रहना 
टीचर्स के साथ अच्छा व्हायवर बनाना.... 
रात को आइसक्रीम लाना
ओर पुरे परिवार का साथ बैठ के खाना....
तारख मेहता का उल्टा चश्मा देखना 
ओर फिर पापा के साथ एक ही थाली मैं खाना खाना... 
मम्मी का यह रिश्ता देखना 
गुस्से मैं आके मेरा टीवी  टीवी का रिमोट फेकना.... 
कभी कभी घर में अकेले रहना 
फ़ालतू मैं बैठ के बोर होना.... 
पापा का घर के बाहर से आवाज़ लगाना 
दिल को ख़ुशी मिलना.... 
दादीजी करती थी बालो मैं मालिश 
याद आती हैं घर की वो बारिश.... 
बारिश के टाइम गरमा गर्म पकोड़े बनाना 
और फिर पापा को बुलाना और सबका साथ मैं खाना.... 
मेहमानो का घर आना 
उनको बहार से सम्मान दिलाके लाना... 
जाते जाते उनका पैसे देके जाना 
और सर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद देना....  #poetry

Saurav K. Jha

ऐ किस्मत! जागने वाली रात दे मुझे!!

अपने स्थूल चरमराई ज़ज़्बातों को पन्नों पर उतार न सकूँ तो...

कम से कम उसके बारे में सोच-सोचकर चुपचाप बैठे रात ही गुज़ारता रहूँ। #रात #सोचना #चुपचाप #बैठना #गुज़ारा

Rakesh Kumar Dogra

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ऊपरवाला 
 ए खुदा जब से मेरे तार तुझसे जुड़े हैं,
मोह भंग सा हो गया हम न जाने कहाँ चल पड़े है।

वो सब सोच के रखता है किसी सोची समझी साज़िश की तरह पहले से। 
जिसे तुम आदत समझते हो वो उसके हुक्म का हिस्सा हो पहले से।

बचपन से तुम्हारा वो एक ही तकिया, क्लास में उसी सहेली के साथ बैठना 
और रेस्तरां मे कोने की वही तिकोनी-टेबल पर बैठना।

यही  सोच के रखा था खुदा ने भी कि एक दिन  उसी तकिये में मुंह छुपाकर रोना है, 
उसी सहेली के पास वो सारे राज़ दफ्नाने पड़ेंगे और रेस्तरां के उसी कोने वाली तिकोनी-टेबल पर अकेले तन्हाई के लम्हें एक कोल्ड काफी के साथ ठण्डे बस्ते में डालने पड़ेगें।

मुझसे जब खुदा ने फेहरिस्त मांगी अपनी priorities की 
हमने भी आदतन एक दो तीन पर
१ गम लिखा फिर
२.शराब लिखी  और 
तीसरा उसकी मर्ज़ी पर  छोड़ दिया  ।
और इसी तीसरी choice पर उस त्रिनेत्र से तार जुड़े।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 3 - दाता की जय हो! कुएँ पर रखा पत्थर पानी खींचने की रस्सी से बराबर रगड़ता रहता है और उस पर लकीरें पड़ जाती हैं; इसी प्रकार कोई एक ही शब्द बराबर रटा करे तो उसकी जीभ पर या मस्तिष्क पर कोई विशेष लकीर पड़ती है या नहीं, यह बताना तो शरीरशास्त्र के विद्वान का काम है। मैं तो इतना जानता हूँ कि जहाँ वह नित्य बैठा करता था, वहाँ का पत्थर कुछ चिकना हो गया है। श्रीबांकेबिहारीजी के मन्दिर के बाहर कोने वाली सँकरी सीढी के ऊपर वह बैठता था और एक ही रट थी उस

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11

।।श्री हरिः।।
3 - दाता की जय हो!

कुएँ पर रखा पत्थर पानी खींचने की रस्सी से बराबर रगड़ता रहता है और उस पर लकीरें  पड़ जाती हैं; इसी प्रकार कोई एक ही शब्द बराबर रटा करे तो उसकी जीभ पर या मस्तिष्क पर कोई विशेष लकीर पड़ती है या नहीं, यह बताना तो शरीरशास्त्र के विद्वान का काम है। मैं तो इतना जानता हूँ कि जहाँ वह नित्य बैठा करता था, वहाँ का पत्थर कुछ चिकना हो गया है। श्रीबांकेबिहारीजी के मन्दिर के बाहर कोने वाली सँकरी सीढी के ऊपर वह बैठता था और एक ही रट थी उस

TOLCNR_Keep_Smile

मृत्यु की गोद में हर किसी को बैठना हैं, 
फ़र्क बस इतना-सा ,  
किसी को पहले औ' किसी को बाद में  बैठना हैं।  #NojotoQuote 💀 
#life
#death 
#nojoto
#nojotohindi
#tolcnrkeepsmile
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