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Best ऊँगली Shayari, Status, Quotes, Stories

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Mukesh Poonia

#uskaintezaar फिर यूं हुआ #सब्र की #ऊँगली पकड़कर हम, इतना चले की #रास्ते हैरान रह गए। #विचार

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Nehu Gambhir

Ajayy Kumar Mahato

#आप चाहते तो हमसे, #अकेले में भी पूछ सकते थे। अगर ज़रा सी #फ़िकर होती हमारी, तो, यूँ बीच चौराहे सब #ऊँगली न उठाते।। 🙏🙏🙏 #nojotowriters Writer #ajaykumarmahato #Question #Sawal #apjabdulkalam dipesh suman sanju Jhon Kandari ✔️ Akash Rathod pankeet #शायरी #NojotoWriter

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आप चाहते तो हमसे,
अकेले में भी पूछ सकते थे।
अगर ज़रा सी फ़िकर होती हमारी,
तो, यूँ बीच चौराहे सब ऊँगली न उठाते।।
🙏🙏🙏

©Ajayy Kumar Mahato #आप चाहते तो हमसे,
#अकेले  में भी पूछ सकते थे।
अगर ज़रा सी #फ़िकर होती हमारी,
तो, यूँ बीच चौराहे सब #ऊँगली न उठाते।।
🙏🙏🙏

#nojotowriters #NojotoWriter #ajaykumarmahato #Question #Sawal 
#apjabdulkalam  dipesh suman sanju  Jhon Kandari ✔️ Akash Rathod pankeet

Asha...#anu

चलकर हमारे ही नक्शेकदम,
हमे ही उपदेश देते है, 
पकडकर ऊँगली सहारे की,
ऊँगली हम पर उठाते है।
बैठे हमारे अरमानो के आशियाने में 
हमसे ही अरमानो का पता पूछते है। #ऊँगली 

#shadesoflife

$ubha$"शुभ"

READ HERE👇👇👇👇.. यहाँ हर #शख्स कहता है कि #जमाना #खराब है। खुद से पूछो नसों में दौड़ती कौन सी #शराब है। कहते फिरते हैं सब सभी से ये #गलत वो गलत , पर #खुद से सही रखता कोई कितना #हिसाब है। चाहते हैं सभी कि हर कोई #सच के रास्ते पे चले, #जवाब #इंसान #पत्थर #आसां #इल्ज़ाम #बेहिसाब #इज़्तिराब #ऊँगली #Uशुभ #ओछा #बनावटीपन

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यहाँ हर शख्स कहता है कि जमाना खराब है।
खुद से पूछो नसों में दौड़ती कौन सी शराब है।

कहते फिरते हैं सब सभी से ये गलत वो गलत ,
पर खुद से सही रखता कोई कितना हिसाब है।

चाहते हैं सभी कि हर कोई सच के रास्ते पे चले,
पर खुद न चल के औरों को चलाते बेहिसाब हैं।

इंसान इतना ओछा हो चुका है बनावटीपन में,
के हर बात का जवाब ही पत्थर का जवाब है।

दूसरों पे ऊँगली उठाना तो होता है बहुत आसां,
खुद के सर लगे इल्ज़ाम तो माथे पे इज़्तिराब है। READ HERE👇👇👇👇..
यहाँ हर #शख्स कहता है कि #जमाना #खराब है।
खुद से पूछो नसों में दौड़ती कौन सी #शराब है।

कहते फिरते हैं सब सभी से ये #गलत वो गलत ,
पर #खुद से सही रखता कोई कितना #हिसाब है।

चाहते हैं सभी कि हर कोई #सच के रास्ते पे चले,

Shubham Tiwari

#parivar #Merikhanni nojoto Bizzy Boyfire Saleha ashfaq Sanjay Verma Bhavesh Jaat #कविता

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मेरे संघर्ष की कहानी चलते चलते समय के पहिए  बदल गये 
हम जवानी की दहलीज़ पर खड़े हो गये 
आँखों से छलकते आँसू अब आँखों से दूर हो गये 
मजबूरी ने हमको कमज़ोर कर दिया 
दुनिया से लड़ने के जुनून से दूर हो गये 
हम जवानी की दहलीज़ पर खड़े हो गये 
               
                                                         वक़्त की ज़ंजीरो से दूर बचपन से ना जाने कब दूर हो गये अब तो लोग पल पल के हिसाब के लिए खड़े हो गये 
                             ऊँगली पकड़ के चलाने बाले माँ बाप ऊँगली के एक गेज़िट(मोबाइल) में समेट कर रह गये ।
                   “अब हम जवानी की दहलीज़ में खड़े हो गये “
बचपन के गिली डंडा ,चोर पुलिस का शोर  ट्राफिक के शोर से बदल गया ,में ख़ुद के लिए काम दूसरों के लिए जवाबदेह हो गया 
ज़ोर से लगते ठाहके अब झूठी मुस्कान में बदल गये ।
                     हम जवानी की दहलीज़ में में खड़े हो गये 

माँ बाप की नोकझोक से चिडेने वाले दुनिया के नोकझोक को सुलजाने लगे 
                ज़िंदगी की दोड मे बचपन से दूर हो गये 
               अब हम जवानी की दहलीज़ में खड़े हो गये #parivar
#merikhanni 
#nojoto
 Bizzy Boyfire Saleha ashfaq  Sanjay Verma Bhavesh Jaat

Raushan_rosi

कैसे सफल न होगा वो इंसान 
 माँ को करें जो इतना सम्मान

कभी माँ ऊँगली पकड़ के चलना सिखाया
अब माँ को वो ऊँगली पकड़ के चलाया #modi_g #सम्मान #jaihind #माँ #mywords #alfaaz #dil #yehsaas #sirftum #dard #wordsporn #shayari #kahani

beyond infinity खुद से खुद तक का सफर

बचपन और मेला  पापा की ऊँगली पकड़ के देखा है मेला ,
रंग बिरेंगे गुब्बारे , स्वाद से भरे पकवान प्यारे प्यारे,
कही ढपली बजाता बन्दर ,कही भालू बहुत सारे,
सब कितना अच्छा था ,
जब तक पापा की ऊँगली को पकड़ा था ,
ऊँगली छूटी ,
मेला ,मेला ना रहा ,
सब वही था , देख अकेला मैं रहा ,
बनंद अब डराता था , भालू मुझे ऑंखें दिखाता था ,
गुब्बारे बेरंग हो गए , फीके हो गए पकवान अब ,
खड़ा हुआ आज भी सोचा हूँ,
ख़ुशी वो मेले की थी ,
या 
मैं खुद को महफूज़ पाता था,
जब जब ऊँगली मेरी वो हाथ थाम जाता था ।। #mela

@alfaaz_a_sargam_2000

@SARGAM तन्हा ज़िन्दगी Shubh Jain😎 Renuka Singh Mamta Priya @SARGAM माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया । पिता ने सर का बोझ बनाया उन्होने मुझसे प्यार जताया । गुरू ने मुझको शिक्षा देकर दुनिया में सम्मान दिलाया । माँ-बाप की सेवा में हैं सब तीर्थों का फल हैं चरणों में संसार । गुरू की सेवा से यस मिले और होय दुनिया में सम्मान । जो भी करता ये करेगा दुनिया में होगा बड़ा नाम। माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़कर चलना सिख #कविता

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बचपन और लोरी                                                                         @SARGAM 
माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया ।
पिता ने सर का बोझ बनाया उन्होने मुझसे प्यार जताया ।
गुरू ने मुझको शिक्षा देकर दुनिया में सम्मान दिलाया ।
माँ-बाप की सेवा में हैं सब तीर्थों का फल हैं चरणों में संसार ।
गुरू की सेवा से यस मिले और होय दुनिया में सम्मान ।
जो भी करता ये करेगा दुनिया में होगा बड़ा नाम।
माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़कर चलना सिखाया ।
पिता ने सर का बोझ बनाया उन्होने मुझसे प्यार जताया ।
माँ-बाप से बढ़कर कुछ भी नही है जग करेगा गुणगान ।
गुरू का कहना जो मानते मिले सफलता अपार ।
करते जो सेवा माँ-बाप की वो दुखी नही संतान ।
माँमाँ-बाप और गुरू बिना सब ही बेकार जगत में ..सब है बेकार ।
माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़कर चलना सिखाया ।
पिता ने का बोझ बनाया उन्होने मुझसे प्यार जताया ।
@SARGAM_SUBHASH_CHANDRA_BAGHEL 
NAIMISHARANYA MISRIT TIRTH SITAPUR U.P. 
(+91  9455751412  ,  8299012710) @SARGAM  तन्हा ज़िन्दगी Shubh Jain😎 Renuka Singh Mamta  Priya                                                                         @SARGAM 
माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया ।
पिता ने सर का बोझ बनाया उन्होने मुझसे प्यार जताया ।
गुरू ने मुझको शिक्षा देकर दुनिया में सम्मान दिलाया ।
माँ-बाप की सेवा में हैं सब तीर्थों का फल हैं चरणों में संसार ।
गुरू की सेवा से यस मिले और होय दुनिया में सम्मान ।
जो भी करता ये करेगा दुनिया में होगा बड़ा नाम।
माँ ने मुझको सेयापाला ऊँगली पकड़कर चलना सिख

Manish R. 'राही'

पापा आप के होने से ख्वाब तो बड़े थे
पर उन्हें पूरा कर सकने की उम्मीदें भी बड़ी थी
तब हर सफर पर चलने से पहले मंजिल की फिक्र तो होती थी पर सफर में लड़खड़ाने पर ऊँगली को थाम लेने का भरोसा भी साथ रहता था
तब ख्वाब हमारे कितने भी अधूरे क्यूँ न हों
आपका साथ होने से वो भी पूरे हो जाते थे
कभी-कभी तो यूँ लगता है कि
वो वक्त कल ही तो गुजरा है
जब मैं अपने सहारे की ऊँगली थाम सहारा बनता था
तब कितनों कि अरमानों को कंधों पर बिठाए
घुटनों पर मैं चलता था
कई तरह के सपनों से बोझिल
पलकों के बीच मैं पलता था
हर सुबह मैं नए ख्वाबों के पिछे
भागता फिरता रहता था
लेकिन दिल को सुकुन तब ही आता था
जब शाम को आप घर लौट के आते थे
जमाने की तमाम खुशियों को
उस एक थैले में समेट लाते थे
आज भले ही दुनियादारी की सीढ़ियों पर दौड़ता भागता फिरता हुँ
बड़े लोगों के बीच रहते रहते 
बातें भी बड़ी करता हुँ
मगर ये दिल आज भी बच्चा है
किसी कोने से जरा सा कच्चा है
आज भी ख्वाब मुसलसल देखता हुँ मैं
पर वो उम्मीदें वो सहारे सब बात पुराने हो चले हैं
जीने के नए-नए बहाने हो चले हैं #papa
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