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Parasram Arora
देख चुका हूं मै गांधी भगतसिंह और सुभाष को कबाड़ी क़े कचरे मे से झांकते हुए कितनी सस्ती हुईं हैँ हमारी भावनाये और राष्ट्र भक्ति अच्छा होता अगर वे टँगी रहतीं कुछ दिन और प्रेरणा की दीवारों पर ताकि ढका रहता हमारा राष्ट्रप्रेम कुछ दिन और कबाड़ी क़े कबाड़खाने मे आने से पहले राष्ट्र प्रेम.........
राष्ट्र प्रेम.........
read morewritar ShivendraSinghsonu
पक्षपात ये शूरवीर की भाषा है समय कठिन , पर कुछ आशा है कोई आँख दिखाए, ये मंज़ूर नहीं अब राहे मंजिल से दूर नहीं शेर गर्जना दिखलाओ दूध छठी का याद दिलाओ पक्षपात करता है कौन देखते , कौन यहाँ रहता है मौन सच्चाई छिपती न अब 56 इन्च के सीने में श्रृंगार कहूँ करूण कहूँ या वीर छिपा हो सीने में धमकी कोई ऐटम की दे ,तो खून फड़कने लगता है ज्वालामुखी के लावा सा क्षत्रिय भड़कने लगता है समय गुजारे मांद मे जो, मैं कोई बूढ़ा शेर नहीं राजनीति हो लाशो पर ,ये देश मेरा कमज़ोर नहीं धर्म ज्ञान की भाषा से न कोई पड़ोसी समझेगा यद्यपि हम सम्मान करेंगे उल्टा हमसे उलझेगा खत्म अब करो वार्तालाप ,खत्म करो वाणी का शोर दिखलादो, मोदी योगी जी, कि भारत मे ज़िन्दा हैं शेर ©writar ShivendraSinghsonu राष्ट्र प्रेम #WForWriters
राष्ट्र प्रेम #WForWriters
read moreऋषभ गौड़
तुम संग बीता हर एक क्षण अद्भुत अनुभव है तुम्हारे तत्सम सौंदर्य वर्णन का प्रत्येक शब्द तद्भव है स्पर्श तुम्हारा दे सकता है मुरझाए सुमनों को नवजीवन तुम्हारा शब्द शब्द अमृत है प्रत्येक भाव उत्सव है #कविता #प्रेम
कविता प्रेम
read moreऋषभ गौड़
तुम संग बीता हर एक क्षण अद्भुत अनुभव है तुम्हारे तत्सम सौंदर्य वर्णन का प्रत्येक शब्द तद्भव है स्पर्श तुम्हारा दे सकता है मुरझाए सुमनों को नवजीवन तुम्हारा शब्द शब्द अमृत है प्रत्येक भाव उत्सव है #कविता #प्रेम
कविता प्रेम
read moreआयुष AYUSH
लहरों पर बैठ कर तु बंशी बजाता जा, गीत कोई प्यार का सबको सुनाता जा, डोलने दे तन को मेरे डोलने दे मन को मेरे छोड़ गया साथी जो उसको बुलाता जा | लहरो पर बैठ कर तु बंशी बजाता जा | - आयुष #प्रेम #कविता
Sarita Sawant
किती रंग या प्रेमाचे अनोखे राग,मोह,लोभ सारेच यात सारखे असावे निष्पाप,निःस्वार्थ प्रेम जमीन आसमानासारखे न बोलता,न सांगता कळावे मनातले गुज नात्या पलीकडचे #प्रेम #कविता