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Brandavan Bairagi "krishna"
।।किसान-धरतीपुत्र।। खेतों में मेहनत करता है किसान। जैसे देश की सीमाओं पे डटा है जवान। सर्दी गर्मी वारिश कोई भी मौसम हो। कपता तपता पानी मे भीगे,रहता है पसीना-पसान। फसलों को पालता सम्भालता देख-देख मुस्काता किसान। देता हम सब को अन्न का दाना। बहुत कठिन है फसल उगाना। उसने ही धरती माँ को पहचाना। सबको इक दिन मिट्टी में मिल जाना। उसकी गर्जन से काँपे सत्ता शत्रु और मित्र। है किसान ये कहलाता धरती पुत्र। बृन्दावन बैरागी "कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" ।।धरती-पुत्र।। #Happy
।।धरती-पुत्र।। #Happy
read moreArora PR
मैं मथा टेकता आया हू. इस धरती को. क्योकि मैं भी तो इसी धरती. की धूल हू सर से पाँव तक मैं इस धरती से. साये की तरह जुडा हू ©Arora PR धरती पुत्र
धरती पुत्र #कविता
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चुन चुन कर उसके घावों में नमको का छिड़काव हुआ है हर चुनावी घोषणा पत्रो में किसानों का इस्तेमाल हुआ है हर नेता किसान होने का भरता रहता दम्भ फिर भी उसका शिकार हुआ है मुश्किलो में करता पैदावार उसको भी सियासतों ने पेशेवरों के हाथ नीलाम किया है हको की छेड़ता जंग सड़को पर आ खड़ा है उसकी आवाज दबाने सियासतों ने खोदे गड्ढे पुलसिया इंतजाम किया है धरती पुत्र का सरकारों ने ये कैसा अपमान किया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" धरती पुत्रों का सरकारों ने अपमान किया है #farmersprotest
धरती पुत्रों का सरकारों ने अपमान किया है #farmersprotest
read moreNitish Sagar
हास्य कवि शंभू शिखर जी की एक कविता "हम सौ पर भारी एक पड़े हम धरती पुत्र बिहारी है" #nojoto #nojotohindi #hindi #poetry #kalakaksh Satyaprem
हास्य कवि शंभू शिखर जी की एक कविता "हम सौ पर भारी एक पड़े हम धरती पुत्र बिहारी है" #Nojoto #nojotohindi #Hindi #Poetry #kalakaksh Satyaprem
read moreसंगीत कुमार
Black हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमनायक। संस्कृति के तू रखवाले। जग के तू पालनकर्ता ।। आपदा में तुम हीं दिखते। सुखदा में भी तेरा नाम।। हे श्रमिक श्रमनायक। खेत-खलिहान में तू ही दिखते। कल-कारखानो में भी तू ही बसते।। नगर-नगर में तुम्हें ही पाते। जग के भर्ता पालनकर्ता।। हे श्रमिक श्रमनायक। आँसू पीड़ा दुःख का जीवन। पर सबको को बरसाते अमृत।। खुद हलाहल पी कर भी। जीवन सुखद बनाते हो। हे श्रमिक श्रमनायक। ©संगीत कुमार #Morning हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमना
Ravi Shankar Kumar Akela
किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #Parchhai किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात ग