Nojoto: Largest Storytelling Platform

New गूंगा बहरा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about गूंगा बहरा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गूंगा बहरा.

Stories related to गूंगा बहरा

    LatestPopularVideo

Hilal Hathravi

सच लिखना, कहना और दिखाना
गुनाह है इस दौर में,

झूठ ने सच को
दबा दिया है इस दौर में।

डर ने तुम्हें कायर अंधा गूंगा
बहरा बना दिया है इस दौर में।

मिलोगे आंखें कैसे तुम अपनी नस्लों से,
तुम्हें नपुंसक बना दिया गया है इस दौर में।

सच लिखना, कहना और दिखाना
गुनाह है इस दौर में।

~हिलाल हथ'रवी









.

©Hilal Hathravi #कायर #गूंगा #बहरा #नपुंसक

Sunil itawadiya

बुरे वक़्त का लम्हा हूँ, अंधा, गूंगा, बहरा हूँ…...!!! #cinemagraph #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #Mahi

read more
हम दरिया हैं हमारे साथ बह कर देखो,
दो चार दिन हमारे साथ रहकर देखो,
हमारा संचालन कैसा है यह आपको पता लग जाएगा,
एक बार आपके घर का संचालन देकर तो देखो,
🤗🤗🤸🙄 बुरे वक़्त का लम्हा हूँ,
अंधा, गूंगा, बहरा हूँ…...!!!


#cinemagraph
#yqbaba #yqdidi #yqbhaijan 
#mahi

Ajit Kumar

# मणिपुर हिंसा-कल तक केवल अँधा राजा,अब गूंगा बहरा भी है स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचायेंगे सुनो द्रौपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद

read more

SHAYARI BOOKS

ये किस तरह का पहरा हुआ है सारा शहर गूंगा बहरा हुआ है। ये गुलाब बासी हैं या फिर कहीं रंग का खुशबू से झगड़ा हुआ है। न समझो

read more
ये  किस तरह  का पहरा हुआ है 
सारा  शहर  गूंगा  बहरा  हुआ है। 

ये  गुलाब  बासी  हैं या फिर कहीं 
रंग  का  खुशबू से झगड़ा हुआ है। 

न  समझो  कि बहुत मायूस हूँ मैं 
रिश्ता खुद से अभी गहरा हुआ है। 

दीवार , छत  तो  दुरुस्त हैं घर के 
इक  रिश्ता  ज़रा  बिखरा हुआ है। #NojotoQuote ये  किस तरह  का पहरा हुआ है 
सारा  शहर  गूंगा  बहरा  हुआ है। 

ये  गुलाब  बासी  हैं या फिर कहीं 
रंग  का  खुशबू से झगड़ा हुआ है। 

न  समझो

haneefshikohabadi | ~हनीफ़ शिकोहाबादी

एक बार फ़िर से...एक दर्द आज के माहौल पे...बेटियों के साथ ऐसा क्यूँ होता है??क्यों??? #बेटी #बेटी_बचाओ 1#safety #मेरी_अपनी_ग़ज़ल सीने में ल #SAD #kavishala #gazal #nojotohindi #हनीफ़_शिकोहाबादी✍️ #दुःख

read more
  एक बार फ़िर से...एक दर्द आज के माहौल पे...बेटियों के साथ ऐसा क्यूँ होता है??क्यों???

#बेटी #बेटी_बचाओ #1#safety 

#मेरी_अपनी_ग़ज़ल

सीने में ल

haneefshikohabadi | ~हनीफ़ शिकोहाबादी

सीने में लगा #ज़ख़्म बड़ा गहरा है, एक दर्द है जो दिल में ठहरा है !! कभी #निर्भया, कभी #आसिफ़ा, क्यूँ बेटियों पे होता ये हमला है...?? कभी तेज़ाब #Books #SAD #kavishala #आजकाशब्द #हनीफ़_शिकोहाबादी✍️ #क़लम_ए_ख़ास #asifa #NusticeforAsifa😢😢 #JusticeforAsifa😢😢

read more
 सीने में लगा #ज़ख़्म बड़ा गहरा है,
एक दर्द है जो दिल में ठहरा है !!

कभी #निर्भया, कभी #आसिफ़ा,
क्यूँ बेटियों पे होता ये हमला है...??

कभी तेज़ाब

रजनीश "स्वच्छंद"

बुरा क्यूं मान गए।। हमने तो बताई बात, आदम की सच्ची जात। बुरा क्यूं मान गए।। इज़्ज़त भी हुई तमाम, नँगे सब सरे हमाम। #kavita #कविता

read more
बुरा क्यूं मान गए।।

कविता।।

©रजनीश "स्वच्छंद" बुरा क्यूं मान गए।।

हमने तो बताई बात,
आदम की सच्ची जात।
बुरा क्यूं मान गए।।

इज़्ज़त भी हुई तमाम,
नँगे सब सरे हमाम।

Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा #मोटिवेशनल

read more
White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जा

Mili Saha

हास्य कविता पत्नी से पीड़ित एक मासूम पति की, है यह कहानी, मैं बेचारा हूँ शांत सरोवर और मेरी धर्मपत्नी सूनामी, कुछ बोलूँ तो दिक्कत गर न बोलू #Trending #poem #kavita #nojotopoetry #nojotohindi #Comdey #sahamili

read more

संजय श्रीवास्तव

गूंगा

read more
गुंगे बहरों की भीड़ 
देख देख कर! 
शायद मै भी गूंगा बहरा 
होने लगा हुँ 
कितने अत्याचार 
सहा है देखा है 
बस दर्द समेट कर 
जीने लगा हुँ
रिश्तों को बचाने की 
चाहत 
संबधो की गरमाहट 
रोक लेती थी 
हर उस प्रतिकार को 
जिसे करना था 
पर क्या था 
जो मेरे अंदर ही 
कुलबुलाता रहा 
हर अत्याचार को क्युँ 
मै झुठलाता रहा! 
हाँ मै दोषी हुँ 
हर उस अत्याचार का
जो मैने देख कर भी 
अनदेखा किया है 
घुट घुट कर जिया ह़ुँ
पर कब तक 
गूँगा बहरा रहुंगा !
कब तक अत्याचार सहुंगा 
नहीं नहीं अब और नही 
अब गूंगा बहरा नहीं हुँ 
संजय श्रीवास्तव गूंगा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile