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Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“14/5/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*💫 #“जीवन” #“महत्वपूर्ण वस्तु” #Thoughts #“करूणा” #“प्रेम” #“सम्मान” #“आनंद” #“भाव” #“मित्रता” #“मातृत्व” #“भावनाओं

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️*“14/5/2022”*📚 
📘*“शनिवार”*💫 

“जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कौनसी है ?
“घर”,“वाहन”,“स्वर्ण”,“धन”... 
यदि मैं आपको “सत्य” बताऊं तो “जीवन” 
में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कोई है ही नहीं,
यदि कुछ “महत्वपूर्ण” है 
तो वो है “भाव”...जैसे “करूणा”,“मित्रता”,“मातृत्व”,“वात्सल्य”,
और “अधिक महत्वपूर्ण” “प्रेम”
अपने इस “जीवन” में यदि आप अपने इस समस्त “जीवन” को “वस्तुओं का खेल” बनाकर रख देंगे तो “जीवन” में “आनंद” नहीं रहेगा,
अपने इस जीवन को “भावनाओं का घर” बनाइए, 
और महत्वपूर्ण बात यह भी है की 
“भावनाओं की कदर” भी कीजिए 
और एक दूसरे का “सम्मान” भी कीजिए,
ये सदैव “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“14/5/2022”*📚 
📘 *“शनिवार”*💫 

#“जीवन” 

#“महत्वपूर्ण वस्तु”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“1/3/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 #“विष” #“अमृत” #Thoughts #“वस्तु” #“भाव” #“सहायता #“प्रसन्न #“समुंद्र #“आवश्यकता #“बांटना

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“1/3/2022”*📚
🖋️ *“मंगलवार”* 🌟

“विष” और “अमृत”...
“समुंद्र मंथन” किया गया तब भी 
इन दोनों की ही प्राप्ति हुई,
पहले “विष” मिला और फिर “अमृत”,अब जो यह “विष” जो है यह “अमृत” से कई “अधिक शक्तिशाली” है,
और इसलिए कई अधिक “घातक” भी,
अब समझते है कि “विष” क्या है ?
कोई भी “वस्तु” या “भाव” यदि “मात्रा से अधिक” आपके पास हो,“आवश्यकता से अधिक” आपके पास हो 
तो वह आपके लिए “विष” बन सकता है,
चाहे वह “धन” हो,“शक्ति” हो,“मान” हो आदि इत्यादि,
“मां पार्वती” यह देख समझ गईं कि “भगवान शिव” के लिए “विष” “घातक” साबित हो सकता है इसलिए उन्होंने अपने “हाथों” से “भगवान शिव”का “गला” पकड़ लिया 
और “विष” गले में ही रोक लिया। विष के कारण 
“भगवान शिव” का गला “नीला” हो गया और 
इसलिए उन्हें “नीलकंठ” कहा जाने लगा,
यदि आपके पास कुछ भी ऐसा है जो “मात्रा से अधिक” है तो उसे “बांटना” सीख जाइए,और यदि आपने “बांटना” सीख लिया तो यही भी “विष” आपके लिए “अमृत” बन जाएगा और उनके लिए भी “अमृत” बन जाएगा 
जिन्हें “सहायता की आवश्यकता” है,
इसलिए “बांटना सिखिए” 
और सदैव “प्रसन्न” रहना सिखिए...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“1/3/2022”*📚
🖋️ *“मंगलवार”* 🌟

#“विष”

#“अमृत”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“21/1/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 *#“भाव”* *#“सीमा”* #Thoughts #“प्रेम” #“सहायता” #“प्रेरणा” #“दुर्बल” #“शस्त्र”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“21/1/2022”*📚
🖋️*“शुक्रवार”* 🌟

प्रत्येक “भाव” के “वेग” की एक “सीमा” होती है जिसे लांघना नहीं चाहिए,
उस “सीमा” को सदैव स्मरण रखना चाहिए,
आप हम कभी-कभी जिनसे “प्रेम” करते है 
उनकी “सहायता” करते करते
 हम उन्हें “दुर्बल” बना देते है,
यह कभी नहीं होना चाहिए,
जिनसे भी आप “प्रेम”करते है,
उनकी “सहायता” किजिए कि
 वो उनके लिए “प्रेरणा” बन सके,
अन्यथा यह “सहायता” नहीं होगी,
यह उनके लिए “शस्त्र” बन जाएगी,
इसलिए किसी की “हद” से ज्यादा 
“सहायता” भी मत करो, 
कि वो ही आपका “नुकसान” पहुंचाए,
*अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“21/1/2022”*📚
🖋️*“शुक्रवार”* 🌟

*#“भाव”* 

*#“सीमा”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“2/1/2022”*🎉 🎁 *“रविवार”* 🌟 *#“प्रेम और घृणा”* *#“समान शब्द”* #Thoughts #“मन #“भाव” #“2½ #“घृणा #“एक

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*✍🏻“सुविचार”*📚 
🎊*“2/1/2022”*🎉 
🎁*“रविवार”* 🌟

“प्रेम” और “घृणा”...
दोनों समान “शब्द” है कैसे ?
देखिए दोनों में “2½ अक्षर” है
,दोनों में वो “भाव” है जो हमारे “मन” से है,
अब दोनों भाव से जुड़े “व्यक्ति” 
हमारे लिए “महत्वपूर्ण” है अंतर बस इतना है,
“प्रेम” को मिलता है “सम्मान” 
और “घृणा” को मिलती है “उपेक्षा”,
ऐसा क्यों ?
क्योंकि “प्रेम” वो “भाव” है जहां “व्यक्ति” सबकुछ दे देना चाहता है,वहीं “घृणा” ऐसा “भाव” है 
जहां “व्यक्ति” सबकुछ “पा लेना” चाहता है,
सबकुछ “जीतना” चाहता है फिर भी “प्रेम का ये भाव” आपको कभी “हारने” नहीं देता है और 
“घृणा का ये भाव” आपको
 कभी “जीतने” नहीं देता है
 क्या करेंगे आप...? 
“एक ही जीवन” है इसे “घृणा” के साथ 
“व्यतीत” करना “पंसद” करेंगे या “प्रेम के साथ”, 
मैं तो “प्रेम” को ही चुनूंगा... और आप 
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 
🎊*“2/1/2022”*🎉 
🎁 *“रविवार”* 🌟

*#“प्रेम और घृणा”*

*#“समान शब्द”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/12/2021”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“प्रेम”* *#“भाव”* #Thoughts #“समर्पण” #“चयन” #“भाग्य” #“निर्धारण”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“24/12/2021”*📚
🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟

देखिए “प्रसाद” जो है वो सभी को दिया जाता है 
किंतु इसका “उपयोग” कैसे करना है 
यह व्यक्ति पर “निर्भर” करता है 
आपको एक उदाहरण देता हूं “दो व्यक्ति” है 
दोनों को मैंने एक-एक “माटी का ढेर” दिया 
उसका वह क्या करते है ? 
एक व्यक्ति उसके “छोटे-छोटे गोले” बनाता है 
और आते जाते “व्यक्तियों” पर वह “गोले” “फेंक कर” मारता है,“हंसी मजाक” करता है,उनके “वस्त्र” “गंदे” कर देता है,उसे यह करके बड़ा “आनंद” आता है 
और वही “दूसरा व्यक्ति” वह उस “माटी के डर” से अपने लिए एक “झोपड़ी” बनाता है,वही “झोपड़ी” जो उसे “धूप”,“वर्षा” “तूफान” में उसकी “रक्षा” करेगी,अब समझे आप यह “भाव” अत्यंत महत्वपूर्ण होते है, “प्रेम” में भी इस “भाव” का होना अत्यंत आवश्यक है,“प्रेम” चाहे “प्रेमिका” से हो,“मित्र” से हो, “माता-पिता” से हो,“भाई-बहन” से हो,
“पत्नी” से या किसी और से भी हो,स्मरण रखिएगा... 
“प्रेम” भावी है 
जो आपका “भाग्य” भी “निर्धारित” करता है...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“24/12/2021”*📚
🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟

*#“प्रेम”* 

*#“भाव”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“18/7/2021”*📚 ✨ *“रविवार”*🌟 #“जीवन” #“महत्वपूर्ण वस्तु” #Quotes #“करूणा” #“प्रेम” #“सम्मान” #“आनंद” #“भाव” #“मित्रता” #“मातृत्व” #“भावनाओं

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“18/7/2021”*📚
✨*“रविवार”*🌟

“जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कौनसी है ?
“घर”,“वाहन”,“स्वर्ण”,“धन”...
 यदि मैं आपको “सत्य” बताऊं तो “जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कोई है ही नहीं,
यदि कुछ “महत्वपूर्ण” है तो वो है “भाव”,
“भाव”जैसे “करूणा”,“मित्रता”,“मातृत्व”,“वात्सल्य”,
और “अधिक महत्वपूर्ण” “प्रेम”
अपने इस “जीवन” में यदि आप अपने इस समस्त “जीवन” को “वस्तुओं का खेल” बनाकर रख देंगे तो “जीवन” में “आनंद” नहीं रहेगा,
अपने इस जीवन को “भावनाओं का घर” बनाइए, 
और महत्वपूर्ण बात यह भी है 
कि “भावनाओं की कदर” भी कीजिए और एक दूसरे का “सम्मान” भी कीजिए,
ये मन सदैव “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“18/7/2021”*📚
✨ *“रविवार”*🌟

#“जीवन” 

#“महत्वपूर्ण वस्तु”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“1/7/2021”*🖋️ ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“विष” #“अमृत” #“वस्तु” #“भाव” #“सहायता #“प्रसन्न #“समुंद्र #“आवश्यकता #“बांटना

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️*“1/7/2021”*🖋️ 
✨*“गुरुवार”*🌟

“विष” और “अमृत”...
“समुंद्र मंथन” किया गया 
तब भी इन दोनों की ही प्राप्ति हुई,
पहले “विष” मिला और फिर “अमृत”,अब जो यह “विष” जो है यह “अमृत” से कई “अधिक शक्तिशाली” है,
और इसलिए कई अधिक “घातक” भी,
अब समझते है कि “विष” क्या है ?
कोई भी “वस्तु” या “भाव” यदि “मात्रा से अधिक” आपके पास हो,“आवश्यकता से अधिक” आपके पास हो तो वह आपके लिए “विष” बन सकता है,
चाहे वह “धन” हो,“शक्ति” हो,“मान” हो आदि इत्यादि,
यदि आपके पास कुछ भी ऐसा है जो “मात्रा से अधिक” है तो उसे “बांटना” सीख जाइए,और यदि आपने “बांटना” सीख लिया तो यही भी “विष” आपके लिए “अमृत” बन जाएगा और उनके लिए भी “अमृत” बन जाएगा जिन्हें “सहायता की आवश्यकता” है,इसलिए “बांटना सिखिए” और सदैव “प्रसन्न” रहना सिखिए...
*“अतुल शर्मा”🖋️📘*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“1/7/2021”*🖋️ 
✨ *“गुरुवार”*🌟

#“विष”

#“अमृत”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“3/4/2021”*🌟 🖋️ *“शनिवार ”*✨🖊️ #“प्रसन्न” #“शुभ अवसर” #Quotes #“सफलता” #“अवसर” #“भाव” #“मुंह #“मिठास” #“मीठे

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“3/4/2021”*🌟
🖋️*“शनिवार ”*✨🖊️

जब भी हम “प्रसन्न” होते है 
कोई भी “शुभ अवसर” होता है हम “सफलता” प्राप्त करते है हम सर्वप्रथम 
अपनो का “मुंह मीठा” करते है 
और अच्छा ही है,
किंतु ये “मिठास” केवल “मिठाई” बांटी नहीं होती है क्योंकि ये “स्वाद” नहीं एक “भाव” है इसलिए जब भी “मिठाई” बाटें तो उस भाव से बांटे,“मीठे व्यवहार” से सबके “मन” को प्रफुल्लित करे,इसलिए “मिठाई बांटने वाले” का 
“व्यवहार” भी मीठा होना आवश्यक है 
लोग आपको“जीवनभर” स्मरण रखेंगे 
न रहेगी कोई “कटुता” न रहेगी कोई “शत्रुता”,
ऐसे ही आपको एक और “अवसर” मिल जाएगा अपनो में “मिठास” बांटने का,
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“3/4/2021”*🌟
🖋️ *“शनिवार ”*✨🖊️

#“प्रसन्न” 

#“शुभ अवसर”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“11/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“विषपान” #“देवो के देव महादेव” #“अच्छे #“अमृतपान” #“राहू” #“भाव” #“शुद्ध

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*📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“11/3/2021”*🖋️
✨ *“गुरुवार”*✨

क्या कभी आपने सोचा है 
कि “विषपान” करने के पश्चात भी “महादेव” “देवो के देव महादेव” कहलाए 
और “अमृतपान” करने के पश्चात भी 
“राहू” और “केतु” “असुर” ही कहलाए...क्यों ?
इसका कारण है “भाव”...आपके “कर्मो” के पीछे जो “भाव” है वो “अत्यंत महत्वपूर्ण” है,यदि आपके “कर्मों” के पीछे आपका “भाव” उचित हो तो “श्राप” भी “वरदान” में परिवर्तित हो सकता है और यदि आपके “कर्म” के पीछे आपका “भाव” “अनुचित” हो तो “वरदान” को “श्राप” का रूप लेने में “अधिक समय” नहीं लगता,तो “शुद्ध मन” से “अच्छे कर्म” करे और “कर्मों” के पीछे “भाव” उचित रखें...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“11/3/2021”*🖋️
📘✨ *“गुरुवार”*✨📙

#“विषपान” 

#“देवो के देव महादेव”


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