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love you zindagi
सोचता हूं के फिर खिल जाऊं कलियों की तरह क्योंकि लगता है अब तुम नहीं मिलोगी अपनों की तरह।। @वकील साहब ©love you zindagi #Leave #अपने #बिछड़ना #कलियां #प्यार😍 #ब्रोकन
Ramkishor Azad
वो तो है चाहत की बगिया फूलों सी मुस्कान जो प्यारी, हर पल उनके भंवरा रखवाले कलियां फिर से खिल आई! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #खुशियां_अपनों_के_साथ #L♥️ve #शायरी #मोहब्बत #Trading #चाहत #बगिया #भंवरा #कलियां #मुस्कान एक अजनबी vimlesh Gautam Buddha https://youtube.com/@jindgikafasana6684 Anjali Maurya poonam Eesha vivekanand Pooja nama poonam Parul rawat Dayal "दीप, Goswami..
Kanchan Singla
अब भी नीला है आसमान जाना अब भी बागों में है वही फूल अब भी नदियों में बहता है वही नीर अब भी खिलती हैं कलियां वैसे ही अब भी गूंजती है कहीं कहीं वही खिलखिलाती हंसी।। ©Kanchan Singla #angrygirl #जाना #आसमान #नीला #हंसी #खिलखिलाना #फूल #नदियाँ #कलियां
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read morekavya soni
माना हर तरफ है अंधेरा भी गहरा हौंसले ना हार उम्मीदों की कलियां नई तू खिला मंजिलों की तरफ जो बढ़ाए कदम उसे सदा रोशन सवेरा है मिला ©kavya soni #उम्मीदों _की #कलियां #मोटिवेशनल
#उम्मीदों _की #कलियां #मोटिवेशनल
read moreSanjeev Jha
किसी के इजहार का इंतजार करते हैं क्या लगी हो प्यास, नदी की धार मुड़ती है क्या बेअक्ल कहेंगे लोग तुम्हें, यूं ही जो बैठे रहे भौरों के आगे कलियां गुनगुनाती हैं क्या ©संजीव #इजहार #इंतजार #प्यास #नदी #कलियां #raindrops
Harshit Singh
मैं बूंद हूं रिमझिम बारिश की तू गली है कोई बनारस की मैं तुझ पर ही गिर कर बह जाऊं तू जी भर के मुझे पी लेना मैं रंग भर दूं तेरे उपवन में तू कलियां कलियां खिल लेना कोई मोरनी दौड़ी आएगी झूम झूम कर नाचेगी और गाएगी तेरी गलियों की मिट्टी में है कोई जादू टोना सब पीरा दूर भगाए गी मैं बूंद हूं रिमझिम बारिश की तू गली है कोई बनारस की
read moreArshad Ayub
उसकी ख़ामोशी ने सब बयां कर दिया ये फूल, कलियां ये मौसम उदास लगते हैं तुम्हारे होने से हर फर्द, खाश़ लगते हैं अजब ये बात है, उनसे फासला है बहुत वो इतने दूर हैं, क्यूं फिर भी पास लगते हैं #फूल #कलियां #मौसम #Nojotoapp #NojotoappHindi #NojotoSayri Amaan😊Azmi unsunipoetry-021 dil.k.alfaz (-roYal) Mustajab Ahmed FAEEM ANSARI
#फूल #कलियां #मौसम app #NojotoappHindi #nojotosayri Amaan😊Azmi unsunipoetry-021 dil.k.alfaz (-roYal) Mustajab Ahmed FAEEM ANSARI
read morevidhi
याद आए हैं अहद-ए-जुनूं के खोए हुए दिलदार बहुत उन से दूर बसाई बस्ती जिन से हमे था प्यार बहुत इक इक कर के खिली थीं कलियां एक इक कर के फूल गए इक इक कर के हम से बिछडे़ बाग -ए -जहां मे यार बहुत हुस्न के जल्वे आम हैं लेकिन जौक -ए-नजारा आम नही इश्क बहुत मुश्किल है लेकिन इश्क के दावेदार बहुत जख्म कहो या खिलती कलियां हाथ मगर गुलदस्ता है बाग -ए-वफा से हमने चुने हैं फुल बहुत और खार बहुत जो भी मिला है ले आए है दाग -ए-दिल या दाग -ए-जिगर वादी वादी मंजिल मंजिल भटके है "सरदार" बहुत,, याद आए है अहद -ए-जुंनू के खोए हुए दिलदार बहुत,,
याद आए है अहद -ए-जुंनू के खोए हुए दिलदार बहुत,,
read moreHimanshu Chaturvedi
की उस सूरज कि पहली किरण सा सब कुछ रोशन कर जाने की... खुद की दुनिया में मस्त मगन होजाने की बारिश की पहली बूंदों की सी राहत दे जाने की बगिया में झूमते फूलों सा खिल जाने की या पंछी बन चहचहाने की... ...... बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी की नदिया बन खुद की राहें खुद ही बनाने की उस ऊंचे पर्वत सा आसमां छू आने की फिर बच्चा बन के बेफिक्री में खिलखिलाने की और कभी कभी नादां हो अपनी इक छोटी सी दुनिया बसा जाने की .......बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी की तितली बन खुद में रंगों को भर लाने की भंवरा बन के कलियां कलियां चुम आने की सूनी सुनसान राहों पर अकेली सड़कों सा पीछे जाने की यूं पंख फेला इस खुले गगनं में उड़ जाने की ....बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी....बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी की उस सूरज कि पहली किरण सा सब कुछ रोशन कर जाने की... खुद की दुनिया में मस्त मगन होजाने की बारिश की पहली बूंदों की सी राहत दे जाने की बगिया में झूमते फूलों सा खिल जाने की या पंछी बन चहचहाने की... ...... बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी की नदिया बन खुद की राहें खुद ही बनाने की उस ऊंचे पर्वत सा आसमां छू आने की
की उस सूरज कि पहली किरण सा सब कुछ रोशन कर जाने की... खुद की दुनिया में मस्त मगन होजाने की बारिश की पहली बूंदों की सी राहत दे जाने की बगिया में झूमते फूलों सा खिल जाने की या पंछी बन चहचहाने की... ...... बस इतनी सी ही तो ख्वाहिशें हैं मेरी की नदिया बन खुद की राहें खुद ही बनाने की उस ऊंचे पर्वत सा आसमां छू आने की #Hindi #hindiwriters #nojotohindi #khwahieshein
read morePandit Arpit Agnihotri
हम गलियां-गलियां घूम आएं, तुम न मिलीं हम कलियां-कलियां धूंड आएं, तुम न मिलीं