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@thewriterVDS
मिर्ज़ा ग़ालिब - हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन हमारे जैब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तुजू क्या है रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है - मिर्ज़ा ग़ालिब ©@thewriterVDS #kitaab #मिर्ज़ाग़ालिब #गजल
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read moreSeema Sharma
पूछते है वो की गालिब कौन है लगता है इश्क की गलियों से गुजरें नही वो , कहते है मोहब्बत की है उन्होंने मगर लगता है तड़पकर प्यार करने की हद तक पहुंचे नही वो। महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine #mywritingmywords #mywritingmythoughts Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine #mywritingmywords #mywritingmythoughts Collaborating with YourQuote Didi
read moreSikandar ( Firaq Kherwari )
शायरे-आज़म ग़ालिब के बारे मे कुछ कहने की मेरी औक़ात नहीं । शेरो-सुख़न की दुनियाँ मे , मिली किसी को ऐसी शोहरत की सौगात नहीं। फिर भी उन्हीं के चन्द अशआर के ज़रिए, उन्हें ख़िराज़े-अक़ीदत पेश करता हूँ :- ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विशाले-यार होता । ग़र और जीते रहते, यही इन्तज़ार होता। ये मसाइले-तसव्वुफ , ये तेरा बयान"ग़ालिब", तुझे हम वली समझते , जो न बादाख़्वार होता। ये कहाँ की दोस्ती है , कि बने हैं दोस्त नासेह, कोई चारासाज़ होता , कोई ग़म-ग़ुसार होता। हुए हम जो मर के रुसवा, हुए क्यों न ग़र्क़े-दरिया, न कभी जनाज़ा उठता , न कहीं मज़ार होता। --- और अब ग़ालिब की नज़र मे , विशाले-यार की अहमियत वेखिए --- तेरे वादे पे जिए हम , तो ये जान , झूठ जाना , के ख़ुशी से मर न जाते , ग़र एतबार होता ।। --* अगर आज ग़ालिब कहीं से नमूदार हो कर हमारी फितरते-ज़माना देखें, तो क्या कहेंगे-××× अच्छा हुआ जो ग़ालिब , तू आज ना हुआ । अज़मते-शेरो-सुख़न , यूँ बर्बाद ना हुआ। कपड़ों की तरह लोग, बदलते हैं हम सफर, अपनो से बिछड़ कर कोई भी, नाशाद ना हुआ। महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreGita Khanna
रूहानी जज़्बातों को अनकही ख़ूबसूरती से बयां किया है, वही अल्फ़ाज़ का शहंशाह.. महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreAahaan
Poochte hai voh ke ghalib kon hai? Ghalib idhar udhar dekhthe huwe, Miya batlaao inhe ke hum batlaaye kya? (~Mirza Ghalib) महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collaborating with Suraj Dhanvij
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collaborating with Suraj Dhanvij
read moreAnuj Jain
पूछते हैं वो कि ग़ालिब कौन है सूरज को दिया दिखाये बताओ कौन है महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreराjN
सबने सुन रखा है फिर भी मौन हैं दिल टूटने को हो या जुड़ने को हो "ग़ालिब" कहतें हैं सब आप ही रौन हैं महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreMayank Aggarwal
ज़िन्दगी के बहुत दर्द सहे हैं उसने.. यूँ ही नहीं लोग अपनी नज़्म में "ग़ालिब" करते. इतना बड़ा तो नहीं हूँ की उन्हें tribute दे सकूँ...बस जो दिल में आया कह दिया है. YourQuote Baba YourQuote Didi YourQuote Bhaijan #yqbaba #yqdidi #yqurdu #मिर्ज़ाग़ालिब #DarkMan #tribute
Manoj Srivastava
जिसके कलाम के आगे सारी दुनिया मौन है। महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
महान शायर #मिर्ज़ाग़ालिब (27 दिसम्बर 1797 - 15 फ़रवरी 1869) का आज जन्मदिवस है। ग़ालिब जो एक मिथक की सी हैसियत रखते हैं, उनकी शायरी का हर कोई दीवाना है। गुलज़ार साहब के मिर्ज़ा ग़ालिब सीरियल और जगजीत सिंह द्वारा गाई गई ग़ज़लों के हवाले से हम ग़ालिब को याद करते रहते हैं। आइए, आज उनको अपने अंदाज़ में याद करें। #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
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