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Best कुचल Shayari, Status, Quotes, Stories

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तुषार"आदित्य"

कदमों में दिल रखा था कुचल कर गया। वो मेरी सब उम्मीदों को तोड़ कर गया। #कदमों #दिल #रखा #कुचल #उम्मीदें #तोड़ #कर #गया

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कदमों में दिल रखा था कुचल कर गया।
वो मेरी सब उम्मीदों को तोड़ कर गया। कदमों में दिल रखा था कुचल कर गया।
वो मेरी सब उम्मीदों को तोड़ कर गया।
#कदमों #दिल #रखा  #कुचल 
#उम्मीदें #तोड़ #कर #गया

Shashank Rastogi

मुझे लगा कोई ना कोई तो होगा
इस टूटे दिल को जोड़ने वाला
लेकिन जो भी आया
वो तो इसे कुचल कर और चकनाचूर कर गया
कमबख्त यह तो पूरा का पूरा शहर ही बेवफा निकला
 #शहर #बेवफा #कुचल #चकनाचूर #कोई

Jiten rawat

#परवाह नहीं तुम्हें जराभी #रिश्तों को तोड़ कर, #खेल उम्दा खेला है #तुमने #दिलों को #तोड़ कर। कोई #चलता है रिश्ते को #पैरों से #कुचल कर हम #रखते हैं रिश्ते अपने दिल में संभाल कर। #शायरी

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परवाह नहीं तुम्हें जराभी रिश्तों को तोड़ कर,
खेल उम्दा खेला है तुमने दिलों को तोड़ कर।
कोई चलता है  रिश्ते को  पैरों से  कुचल कर
हम रखते हैं रिश्ते अपने दिल में संभाल कर। #परवाह नहीं तुम्हें जराभी #रिश्तों को तोड़ कर,
#खेल उम्दा खेला है #तुमने #दिलों को #तोड़ कर।
कोई #चलता है  रिश्ते को  #पैरों से  #कुचल कर
हम #रखते हैं रिश्ते अपने दिल में संभाल कर।

Amit Saini

#incompletelove #कुचल दिया प्यार का रास्ता

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तेरे नैनों से मेरे नैनो का टकराना 
एक गुनाह हो गया
 मारा पिटा मुझे मेरे अपने ही लोगों ने 
यहां प्यार करना सजा हो गया #incompletelove #कुचल दिया प्यार का रास्ता

Jiten rawat

#ज़ुल्म_सहते_क्यों_हो #ज़ुल्म के #ख़िलाफ़ #आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो? लड़ने  की  ताक़त  है  तुझ  में, फिर  डरते  क्यों  हो? तुम्हे मालूम है #कमजोरों को #कुचल दिया जाता है, फिर   तुम,   कमज़ोर   बनकर   रहते   हो  क्यों ? #ख़ुद #कविता #NojotoWriter #भरोसा #nojotopoerty #गैरों #बढ़ो #लड़ो #nojotowriterjitenrawat #संघर्ष  #इंसान 

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#ज़ुल्म_सहते_क्यों_हो?

ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो?
लड़ने  की  ताक़त  है  तुझ  में, फिर  डरते  क्यों  हो?

तुम्हे मालूम है कमजोरों को कुचल दिया जाता है,
फिर   तुम,   कमज़ोर   बनकर   रहते   हो  क्यों ?

लड़ो, संघर्ष  करो,आगे  बढ़ो,पीछे  रहते क्यों  हो ?
ख़ुद पे भरोसा करो, गैरों पे भरोसा करते क्यों हो ?

ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो?
तुम इंसान  हो,फिर इंसानों  से इतना  डरते हो क्यों ? #ज़ुल्म_सहते_क्यों_हो

#ज़ुल्म के #ख़िलाफ़ #आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो?
#लड़ने  की  #ताक़त  है  तुझ  में, फिर  डरते  क्यों  हो?

तुम्हे मालूम है #कमजोरों को #कुचल दिया जाता है,
फिर   तुम,   कमज़ोर   बनकर   रहते   हो  क्यों ?

Azeem Khan

# खुदा हैं लोग # by# Ahmad Salman poetry#

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Trust me खुदा हैं लोग गुनाह और सबाब देखते हैं ।

हम तो रोज ही रोजे हिसाब देखते हैं ।

इतना ना कुचल - कुचल कर फुटपाथ को चलो ।

रात को मजदूर यहां ख़्वाब देखते हैं ।



by # Ahmad Salman # खुदा हैं लोग # by# Ahmad Salman poetry#

Roopanjali singh parmar

ये तीन कहानियां ज़रूर पढ़िए🙏 (1) सोचिए ज़रा.... आपकी नई-नई शादी हुई और बहुत प्यारी सी लड़की को आपने पत्नी के रूप में पाया। शादी के दो-तीन साल बाद आपकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। बहुत मासूम, बहुत प्यारी बेटी। बिल्कुल परियों की तरह दिखने वाली। जो आपकी जान बन चुकी है। पूरे घर की रौनक है वो और सबकी लाडली। आप हर वक्त उसे गोद में लेकर घूमते हैं, और ग़ुरूर से सबको बताते हैं कि ये आपकी बेटी है। धीरे-धीरे आपकी बेटी बड़ी हुई.. उसने चलना सीखा, बोलना सीखा.. उसने आपको पहली बार कहा 'पापा'.. आप खुशी से चहक रहे ह #विचार #रूपकीबातें

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इस आईने में खुद को देखें

(कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) ये तीन कहानियां ज़रूर पढ़िए🙏
(1)
सोचिए ज़रा....
आपकी नई-नई शादी हुई और बहुत प्यारी सी लड़की को आपने पत्नी के रूप में पाया। शादी के दो-तीन साल बाद आपकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। बहुत मासूम, बहुत प्यारी बेटी। बिल्कुल परियों की तरह दिखने वाली। जो आपकी जान बन चुकी है। पूरे घर की रौनक है वो और सबकी लाडली।
आप हर वक्त उसे गोद में लेकर घूमते हैं, और ग़ुरूर से सबको बताते हैं कि ये आपकी बेटी है।
धीरे-धीरे आपकी बेटी बड़ी हुई.. उसने चलना सीखा, बोलना सीखा.. उसने आपको पहली बार कहा 'पापा'..
आप खुशी से चहक रहे ह

Nishant Nissu

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यूँ कुचल कुचल के न चलो फुटपाथ को यहाँ रात को गरीब अपने सपने संजोता है

Dilkash Rijwa

गरीब लोगो की दिल की आवाज़ दिलकश रिजवा के संग #विचार

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कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना...

यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं... गरीब लोगो की दिल की आवाज़ दिलकश रिजवा के संग

❤️ Ek number

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कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना
यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं.
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