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Vik Pathak
उसकी मुस्कान और खूबसूरती में बड़ा सुरूर है, सफर मेरा उस तक पहुंचने का बस थोड़ा दूर है, छूने को करता है मन उस चांद को, उस मेहताब में बड़ा गुरूर है। नजाकत से ले आएंगे उस चांद को जमीन पर, फिदा है हम उसकी अदाओं पर, किस बात पर वह इतना मगरूर है। मेहताब
मेहताब
read moreM. A. Khan
चरागे अमन की लव पर शबाब आयेगा सितम गरों पे यक़ीनन अजाब आयेगा कदम न पीछे हटाना अय वतन की शाहीनों तुम्हारे दम से नया इन्कलाब आयेगा #शाहीन बाग़
#शाहीन बाग़
read morevivek Kumar srivastava
तुम आती रहीं जाती रहीं ख्वाब की तरह। महकाती रहीं जिन्दगी गुलाब की तरह।। सूरज की तरह उम्रभर जलता रहा मैं; मेरे डूबने पे आयी तुम मेहताब की तरह ✍✍✍ #nojoto#मोहब्बत#मेहताब
Ashok Sah
ख्वाब वो मेहताब का मेरी नींद का तू वो गहरा ख्वाब है, भूलना भी चाहूं पर तू बेशकीमती सवाब है, मैं भटकता राही तो रहनुमा तू है, तेरी रोशनी को तरसू वो लॉ तू है। सूरज सा तेज है तुझमें, पास आना भी चाहूं पर थोड़ा गुरूर है मुझमें, दूर जाने की ख्वाहिश तो ना थी, पर अमावस की रात की साज़िश कुछ और थी। तेरी बाहों में आ जाऊं या तुझे बाहों में भर लूं, या तुझसे दूर जाने का एक वादा कर लू, में तो एक ठहरा किनारा हूं, कहीं समन्दर ना बन जाना तू । बारिश की बूंद अगर मैं बन जाऊं, पनाह देना मुझे कहीं मैं बिखर ना जाऊं, अगर ना हो आसरा तो नदियों में प्रवाहित कर देना, या उन बंजर खेतों में मुझे सींच देना, लहलहाए जब फैसले तेरी कठोर धरती पे, गर्व होगा मुझे अपनी छोटी सी ज़िन्दगी में। ©अशोक साह ख्वाब वो मेहताब का
ख्वाब वो मेहताब का #कविता
read moreRana Hijab
मोहब्बत के फूल नफ़रत के बागों में कहां खिल पाते हैं , कुछ लोग ऐसे भी मिलते हैं ज़िन्दगी में जिनसे हम मिलके भी न मिल पाते हैं।। #फूल #खुशियां #नफ़रत #बाग़ #लोग
Ashok Sah
ख्वाब वो मेहताब का मेरी नींद का तू वो गहरा ख्वाब है, भूलना भी चाहूं पर तू बेशकीमती सवाब है, मैं भटकता राही तो रहनुमा तू है, तेरी रोशनी को तरसू वो लॉ तू है। सूरज सा तेज है तुझमें, पास आना भी चाहूं पर थोड़ा गुरूर है मुझमें, मंज़िल की तलाश में निकला मुसाफिर ही सही, पर अमावस की रात की साज़िश ही कुछ और थी। तेरी बाहों में आ जाऊं या तुझे बाहों में भर लूं, या तुझसे दूर जाने का एक वादा कर लू, में तो ठहरा एक किनारा हूं, कहीं समन्दर ना बन जाना तू । बारिश की बूंद अगर मैं बन जाऊं, पनाह देना मुझे कहीं मैं बिखर ना जाऊं, अगर ना हो आसरा तो नदियों में प्रवाहित कर देना, या उन बंजर खेतों में मुझे सींच देना । ©Ashok Sah ख्वाब वो मेहताब का #Eid-e-milad
Sumeet Kumar
पत्थर भी बह सके ऐसा ख्वाब देखा है, इस स्याह रात में भी मैंने आफ़ताब देखा है, हकीकत को मुझसे दुश्मनी है तो क्या हुआ, मैंने ज़हन में माशूक को भी मेहताब देखा है। -सुमीत #Dream #shayari #zindagi #moon #Sun #मेहताब #आफ़ताब #moonlight