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Best फसलों Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shashi Bhushan Mishra

#फसलों का श्रृंगार है तू# #कविता

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White कुनबे  का  सरदार  है  तू, 
लाखों दिल का प्यार है तू,

गज़ल  कही  है  रूमानी, 
धड़कन की झंकार है तू,

दिखलाई  दे  दूर  तलक, 
ताक़तवर  मीनार  है  तू,

करे  सुरक्षा  सरहद  की, 
इक  अभेद्य दीवार है तू,

प्यास बुझाए प्यासों की, 
मीठा जल  रसधार है तू,

तप्त धरा का जनजीवन, 
सावन माह  फुहार  है तू,

'गुंजन'  रब  से  वाबस्ता,
फसलों  का  श्रृंगार है तू,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ• प्र•

©Shashi Bhushan Mishra #फसलों का श्रृंगार है तू#

Geekenchemicals

#किसान भाइयों आज के समय में हम सभी अपने #फसलों का #उत्पादन अच्छे तरीके से करना चाहते है। इसके लिए जरुरी है की आप अपने फसलों का नियमित रूप से देखभाल करें और इसमें लगने वाले #कीड़ों ,रोगों , #खरपतवार, कवक का भी विशेष रूप से ध्यान रखें क्योंकि यही है जो आपके फसलों को पूरी तरह से तबाह कर देती। लेकिन अब से इन्हें खत्म करने के लिए घबरानें की जरूरत नहीं है क्योंकि आपका सच्चा साथी GEEKEN CHEMICALS आपके साथ है। जो फसलों में लगने वाले इस तरह के हानिकारक कीटों को पूरी तरह से खत्म करता है और बेहतर उत्पाद #विचार

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 #किसान भाइयों आज के समय में हम सभी अपने #फसलों का #उत्पादन अच्छे तरीके से करना चाहते है।  इसके लिए जरुरी है की आप अपने फसलों का नियमित रूप से देखभाल करें और इसमें लगने वाले #कीड़ों ,रोगों , #खरपतवार, कवक  का भी विशेष रूप से ध्यान रखें क्योंकि यही है जो आपके फसलों को पूरी तरह से तबाह कर देती।  लेकिन अब से इन्हें खत्म करने के लिए घबरानें की जरूरत नहीं है क्योंकि आपका सच्चा साथी GEEKEN CHEMICALS आपके साथ है।  जो फसलों में लगने वाले इस तरह के हानिकारक कीटों को पूरी तरह से खत्म करता है और बेहतर उत्पाद

बाबा ब्राऊनबियर्ड

Mantri Ji कुर्सी ही तो है थारा जनाजा तो नहीं,,
कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते।
🌾
#FarmersProtest
#फसलों के लिये नसलों के लिये..❣️
#Pintu meeL #WForWriters

unknown

हे! उमड़ते हुए #मेघों.. तुम्हारा अंदाज़ इस #मौसम में ही क्यूँ बदलता है??

जरा थाम लो इन बूँदों को #हिन्दुस्तान का पेट इन्हीं #फसलों से पलता है।।

©Nishank Pandey #rain

C2

hey guyz pls read it and raise ur hand for help for others .its time to feel the situation of farmers.#farming #poorfarmer #devasted #Helpless #floodandfarmer #Kisan #Fasal #lovepoetry #poetrypassion #Help #currentissue #unite #raiseurvoice #poem

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"बदहाल किसान"
फसलों की बदहाली कैसे मनाऊँ दिवाली
कैसे मनाऊँ दिवाली कोई तो सुने मेरी बदहाली
हो गया घर मेरा खाली खेत मेरा खाली
बह गया सबकुछ न बची एक भी थाली
थोड़ा ही सबकुछ था मेरा वो भी नष्ट हो गया सारा
अब उत्साह खुशी न रही दिवाली की
बस पीड़ा है फसल बर्बादी की , हां बस चिंता है अगली बुआई की
न कुछ नया लाएगी न लछ्मी* घर आएगी
न नए  वस्त्र आएंगे न घर सजेंगे
बस दिए जलेंगे वो भी कहीं पानी से भरे होंगे
खेतों में मेरा सोना था धनतेरस का गहना था
सोच फसलों की चमक चौदस का रूप निखरा था
न अब हरे खेत पीले होंगे न हम चांदी पहने होंगे
न थाल पूरी सजेगी जो इस बार अन्न-धनलछ्मी* न घर आएगी
साल के खास दिन भी खुशियों के बजाय
कहीं अकेले कोने में आंसूओं की बाढ़ होगी
न बैलों के गले में घंटियों की झंकार होगी
इस बार गोवर्धन तेरी पूजा बैंड बाजे बिन उदास होगी
माफ करना मुझे ओ मेरी बहना-२
इस भाई-दूज तेरी आस न पूरी होगी
हिम्मत हारे बैठा निराश इस भाई को तेरी जरूरत होगी-२ hey guyz pls read it and raise ur hand for help for others .its time to feel the situation of farmers.#farming #poorfarmer #devasted #helpless #floodandfarmer #kisan #fasal #lovepoetry #poetrypassion #help #currentissue #unite #raiseurvoice

sudhanshuydv

एक देश का अन्नदाता हैं 
तो दूजा दुश्मनों से लौहा मनवाता हैं ...

एक बुढ़ापे में सिँचे फसलों को 
तो दूजा अपनी सम्पूर्ण जवानी देश को दे जाता हैं...

दोनों का जुड़ाव धरती है 
दोनों की माता धरती हैं ...

एक ठिठुरती सर्दी में फसलों को पानी देता हैं 
हाँ मेरा देश हैं महफूज़ सदा 
क्योंकि रातो में जाग वहां कोई पहरा देता हैं ...

एक भोजन देने वाला हैं
दूजा प्राणो का रखवाला हैं ..

दोनों लाल इस धरती के 
कहां देश इनके कर्ज से मुक्त होने वाला है ...


2nd Prime Minister of India 

लाल बहादुर शास्त्री जी 🙏🙏🙏 #लालबहादुरशास्त्री

꧁༃ शिवम् लोधा ༃꧂

हम करते ही नहीं हैं प्रार्थनाएँ कि हमारे पड़ौस का बीमार बच्चा हो जाए चंगा चहकता चिड़ियों सा और खेलने लगे आँगन में अपने, ताकि हमारे आँगन भी

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  हम करते ही नहीं हैं प्रार्थनाएँ
कि हमारे पड़ौस का
बीमार बच्चा
हो जाए चंगा
चहकता चिड़ियों सा
और खेलने लगे
आँगन में अपने,
ताकि हमारे आँगन भी

Prashant Singh

किसान Pinky Kumari #कविता

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मेरे देश की धरती, सोना उगले

धरती का सीना चीर किसान
पीला सोना उगाता है।
तन का पसीना बहा के किसान
रक्त को पानी बना फसलें उगाता है।
खेतों में खड़े फसलों की बालियां 
हवा में समृद्धि की गाना सुनाती हैं।
खेतों की जमीन जोत जोत
मिट्टी को हलवा सा बनाता है।
नन्हे मुन्ने बीज पौधों को रोप रोप
धरती का श्रृंगार करते हैं।
पत्थर सी बंजर भूमि
बाग बगीचे बनाते है।
मिट्टी में पैसों को डाल
अन्न के रूप में देशभक्ति उगाते हैं।
विपत्तियों के कालचक्र बाढ़ सुखाड़ बनके 
किसान कहां डर के बैठ जाते हैं।
मर जाता है अन्नदाता भी कभी
जब अन्न को भोजन नहीं समझा जाता है।
सर्वजन सुखाय प्रायः किसान राष्ट्रभक्त कहलाता है
जाने कितने कीट पतंग चूहे उसका अन्न खाता है।
बिकती हैं अन्न की बोरियां कूड़े के भाव लगते हैं
सड़क समाज बाजार पर प्रायः किसान बोझ सा लगता है।

नंगे पांव सर पर गामछी
सादा जीवन सुखा आहार।
दुर्दशा में है आज किसान
बन गया है राजनीति का अचार।
अभाव सदा इनके चौखट पलता है
बैंकों की नजर में सदा खटकता रहता है।
मकर संक्रांति लोहड़ी वैशाखी
जब लाए घर खुशहाली।
बसंत पंचमी उगड़ी गुडी पड़वा
समृद्धि की है निशानी।
देख तमाशा दुनिया की फसलों का पर्व सब मनाते हैं
जब धरती से उगले सोना, हो गए तीज त्यौहार पर्व मेला।
हर मौसम की मार सह पीला सोना काटता है
देख तमाशा विधाता की फिर भी किसान भूखा सोता है। किसान Pinky Kumari

Jawed Ansari

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फसलों का एहसास तब हुवा मुझे
फसलों का एहसास तब हुवा 
जब मैंने कहा ठीक हूँ
 और आपने मान भी लिया।
तुझसे लिपट कर रो सकें सहूलत से
राब्ता तो इतना जरूर रखना था हमें
हाथ मिला कर चल देना 
ये कोई मुलाकात 
तो नहीं मेरे दोस्त।

Harshit Singh

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किसान भूखों के लिए भगवान हूं मैं 
 हां " किसान"  हूं मैं
मेहनत और पसीने से सींचा हूं अपने फसलों को
जैसे कोई शायर लिख रहा होगा गजलों का....
कड़ाके की धूप ,कप कपाती ठंड सब सहना पड़ता है
अपने फसलों की रखवाली के लिए रात दिन 
खेतों में रहना पड़ता है
  हम दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं
जब यह मौसम हमसे नाराज हो जाते हैं
भूखों के लिए भगवान हूं मैं 
हां " किसान " हूं मैं
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