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Divyanshu Pathak
विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीति! बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति। आज मृत्यु का भय मानवता को पुनः स्थापित करने में सफल रहा है। पत्रकार,पुलिस, डॉक्टर्स, नर्स, पटवारी, वोलेंटियर्स के साथ भामाशाहों के, उदात्त व्यवहार ने देश के लोगों को टूटने से बचाया और हिम्मत भी दी। मैं सहृदय उनको नमन करता हूँ। आज से दो माह पूर्व के प्रशासन की अपेक्षा आज का प्रशासन तुलनात्मक दृष्टि से, जनमानस के ज्यादा क़रीब हुआ है। #शुभरात्री #पाठकपुराण के साथ #coronavirus #21_दिन_का_लॉक_डाउन रहा और फिर #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और अब #lock_down_3 के साथ आम जनता को थोड़ी सहूलियत मिली है। #शराब और #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा का प्रभाव कहीं हमें ले न डूबे इसलिए सावधानी के साथ ही बचा जा सकता है। सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें। जय हिंद जय भारत। 🙏😊🙏
#शुभरात्री #पाठकपुराण के साथ #coronavirus #21_दिन_का_लॉक_डाउन रहा और फिर #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और अब #lock_down_3 के साथ आम जनता को थोड़ी सहूलियत मिली है। #शराब और #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा का प्रभाव कहीं हमें ले न डूबे इसलिए सावधानी के साथ ही बचा जा सकता है। सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें। जय हिंद जय भारत। 🙏😊🙏
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बीज बोने और फल आने में एक काल चाहिए। प्रतीक्षा के लिए धैर्य और पालन-पोषण के लिए परिश्रम और स्नेह चाहिए, प्रार्थना चाहिए। माननीय प्रधामंत्री जी ने पूरे देश के नागरिकों की कोरोना विषाणु से सुरक्षा के लिए इसी उम्मीद के साथ लॉक डाउन के माध्यम से 22 मार्च को इसकी नींव रखी। सुप्रभातम साथियो मैं शब्दों के साथ न्याय करने की कोशिश करूँगा। समूचा विश्व इस समय #कोरोना_वायरस की चपेट में है। #विज्ञान_का_ताण्डव कहें इसे या प्रकृति का कोप इसने मानव जीवन की गति को प्रभावित किया है। भारत सरकार और देश के कई राज्यों ने तत्परता दिखाकर देशभर में 500 संक्रमित लोगों के सामने आते ही #21_दिन_का_लॉक_डाउन घोषित कर दिया। अब पूरा देश कोरोना महामारी से युद्ध करने हेतु तैयार हो रहा था। लॉक डाउन के शुरुआती दिनों में हमने विषाणु की फैलाव श्रंखला को तोड़ा। हमारा देश इस महामारी को बहुत जल्द ही
सुप्रभातम साथियो मैं शब्दों के साथ न्याय करने की कोशिश करूँगा। समूचा विश्व इस समय #कोरोना_वायरस की चपेट में है। #विज्ञान_का_ताण्डव कहें इसे या प्रकृति का कोप इसने मानव जीवन की गति को प्रभावित किया है। भारत सरकार और देश के कई राज्यों ने तत्परता दिखाकर देशभर में 500 संक्रमित लोगों के सामने आते ही #21_दिन_का_लॉक_डाउन घोषित कर दिया। अब पूरा देश कोरोना महामारी से युद्ध करने हेतु तैयार हो रहा था। लॉक डाउन के शुरुआती दिनों में हमने विषाणु की फैलाव श्रंखला को तोड़ा। हमारा देश इस महामारी को बहुत जल्द ही #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है
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ज़िन्दगी ग़लतियों का पुलिंदा सा है। सीख लेकर चले जो चुनिंदा सा है। वक़्त के हाथ की कठपुतली बने जो! उनसे उनका ख़ुदा भी शर्मिंदा सा है। आप सभी साथियों को मेरा प्रणाम ... आज कुछ लिखने का मन नही हो रहा था। किन्तु 14 अप्रैल देशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। शून्य से अनन्त तक जाने का पथ संचलन कर्ता #आर्यभट्ट के साथ भारतीय संविधान को अस्तित्व में लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदरणीय बाबासाहब अम्बेडकर जी की जयंती भी। मेरी ओर से संपूर्ण भारतीय जनमानस को हार्दिक शुभकामनाएं। #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है आप भी हो जाइए क्योंकि हमारे प्रधान सेवक 3 मई तक इसके सख़्ती से पालन करने की कह चुके हैं। : भारतीय जनम
आप सभी साथियों को मेरा प्रणाम ... आज कुछ लिखने का मन नही हो रहा था। किन्तु 14 अप्रैल देशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। शून्य से अनन्त तक जाने का पथ संचलन कर्ता #आर्यभट्ट के साथ भारतीय संविधान को अस्तित्व में लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदरणीय बाबासाहब अम्बेडकर जी की जयंती भी। मेरी ओर से संपूर्ण भारतीय जनमानस को हार्दिक शुभकामनाएं। #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है आप भी हो जाइए क्योंकि हमारे प्रधान सेवक 3 मई तक इसके सख़्ती से पालन करने की कह चुके हैं। : भारतीय जनम #जयश्रीकृष्ण #coronavirus #पाठकपुराण #विज्ञान_का_ताण्डव #21_दिन_का_लॉक_डाउन
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आज हमें, प्रकृति ललकार रही है। पुकार भी रही है। वही हमारी मां भी है। हमने जो उसका अपमान किया, उसके लिए क्षमा मांगते हुए जीवन की नई डगर पकड़ें। जहां न जाति, न समाज। सब अपने-अपने घरों के भीतर। बाहर हम एक पेड़ के पत्ते। #विज्ञान_का_ताण्डव देखकर तो यही लगता है कि #21_दिन_का_लॉक_डाउन आगे बढ़ा दिया गया है। अब हमको पहले से और अधिक सजग और जागरूक होने की जरूरत है। रोज नए रोगियों की संख्या में होता इज़ाफ़ा संकट को बढ़ा रहा है तो वहीं राहत भी मिली है।राजस्थान में संक्रमित सभी लोगों को ठीक कर लिया गया है। फिर भी हमें इस संकट को कमतर आंकने की भूल नहीं करनी है। जय श्री राम। : जुड़वां भाई-बहिन। किसी को भी खोकर हम सुखी नहीं। न कोई भूखा सोए, न इलाज से वंचित रहे। यदि हुआ, तो यह हमारा और हमारी संस्कृति का अपमान होगा। नर की से
#विज्ञान_का_ताण्डव देखकर तो यही लगता है कि #21_दिन_का_लॉक_डाउन आगे बढ़ा दिया गया है। अब हमको पहले से और अधिक सजग और जागरूक होने की जरूरत है। रोज नए रोगियों की संख्या में होता इज़ाफ़ा संकट को बढ़ा रहा है तो वहीं राहत भी मिली है।राजस्थान में संक्रमित सभी लोगों को ठीक कर लिया गया है। फिर भी हमें इस संकट को कमतर आंकने की भूल नहीं करनी है। जय श्री राम। : जुड़वां भाई-बहिन। किसी को भी खोकर हम सुखी नहीं। न कोई भूखा सोए, न इलाज से वंचित रहे। यदि हुआ, तो यह हमारा और हमारी संस्कृति का अपमान होगा। नर की से #सूप्रभात #पाठकपुराण
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तेरी ओर आकर्षित हो, पहुंचता हूँ!छत पे। और फिर रह जाता हूँ! ये सोचकर कि, तू मेरी पकड़ से बाहर है। देखता ही रहता हूँ। होते परिवर्तन! और फिर लौट आता हूँ। वहीं जहाँ रहता हूँ। तेरे ख़यालों में! #येरंगचाहतोंके साथ #पाठकपुराण का #पंछी चाँदनी रात में चकोर बन जाता है। कभी न कभी आपने भी इस एहसास को ज़रूर जिया होगा। कल #पूर्णिमा थी तो चाँद आज भी पूरा ही निकलेगा और रात चाँदनी में नहाकर दूधिया जज़्बात बिखेरने आएगी।क्यों न हम #21_दिन_का_लॉक_डाउन के शेष दिनों का दिल से आनन्द लें। 💕😊 आओ पधारौ स्वागत है। #राजस्थान_सतर्क_है और देश मे #भीलवाड़ा_मॉडल_लागू करने की बात हो रही है।हम जल्द ही #coronavirus से मुक्त होने वाले है। आत्मविश्वास बनाये रखें 😊🙏शुभसंध्या जय श्री कृष्ण।😊🙏
#येरंगचाहतोंके साथ #पाठकपुराण का #पंछी चाँदनी रात में चकोर बन जाता है। कभी न कभी आपने भी इस एहसास को ज़रूर जिया होगा। कल #पूर्णिमा थी तो चाँद आज भी पूरा ही निकलेगा और रात चाँदनी में नहाकर दूधिया जज़्बात बिखेरने आएगी।क्यों न हम #21_दिन_का_लॉक_डाउन के शेष दिनों का दिल से आनन्द लें। 💕😊 आओ पधारौ स्वागत है। #राजस्थान_सतर्क_है और देश मे #भीलवाड़ा_मॉडल_लागू करने की बात हो रही है।हम जल्द ही #coronavirus से मुक्त होने वाले है। आत्मविश्वास बनाये रखें 😊🙏शुभसंध्या जय श्री कृष्ण।😊🙏
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जीवन कामना से चलता है। मन में यदि कामना नहीं है, तो कर्म भी नहीं है। मन को कामना ही चलाती है। बल्कि मन को कामना ही पैदा करती है। कामना को मन का बीज कहा है- ‘कामस्तग्रे समवर्तताधि, मनसो रेत: प्रथमं यदासीत् ॥’ #सुप्रभातम साथियो #येरंगचाहतोंके साथ जीवन का आनंद लीजिये #पाठकपुराण के #पंछी बनकर मन को थोड़ा उड़ने दीजिये। इसे अपनी जरूरतों और मजबूरियों से मत मारिए। #21_दिन_का_लॉक_डाउन ही है जो आपके जीवन को इक्कीस कर पायेगा। #हनुमान_जन्मोत्सव_की_शुभकामनाएं आओ भक्त और भगवान,सेवक और स्वामी के सम्बन्धों को उनके परस्पर जुड़ाब को महसूस कीजिये। 🙏जय श्री राम🙏 : सृष्टि में कर्म है, गति है, किन्तु कामना ब्रह्म की है। क्षुधा ही कर्म की प्रेरणा है। क्षुधापूर्ति ही छाया है, तृष्णा है। माया के, शक्ति के अथवा पत्नी रूप स्त्
#सुप्रभातम साथियो #येरंगचाहतोंके साथ जीवन का आनंद लीजिये #पाठकपुराण के #पंछी बनकर मन को थोड़ा उड़ने दीजिये। इसे अपनी जरूरतों और मजबूरियों से मत मारिए। #21_दिन_का_लॉक_डाउन ही है जो आपके जीवन को इक्कीस कर पायेगा। #हनुमान_जन्मोत्सव_की_शुभकामनाएं आओ भक्त और भगवान,सेवक और स्वामी के सम्बन्धों को उनके परस्पर जुड़ाब को महसूस कीजिये। 🙏जय श्री राम🙏 : सृष्टि में कर्म है, गति है, किन्तु कामना ब्रह्म की है। क्षुधा ही कर्म की प्रेरणा है। क्षुधापूर्ति ही छाया है, तृष्णा है। माया के, शक्ति के अथवा पत्नी रूप स्त्
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भूख का अर्थ है अभाव। बिना अभाव के अनुभव के कैसी इच्छा अथवा कामना! इच्छा के लिए ज्ञान पहली आवश्यकता है। बिना ज्ञान के इच्छा पैदा ही नहीं होती। ज्ञान आत्मा का पर्याय है। हम केवल शरीर की इस भूख को ही क्षुधा मान बैठते हैं। शरीर की भूख है भोजन, मन की भूख है सुख, बुद्धि की भूख है ज्ञान तथा आत्मा की भूख है मोक्ष। #पाठकपुराण #पंछी #शुभसंध्या #21_दिन_का_लॉक_डाउन
हम केवल शरीर की इस भूख को ही क्षुधा मान बैठते हैं। शरीर की भूख है भोजन, मन की भूख है सुख, बुद्धि की भूख है ज्ञान तथा आत्मा की भूख है मोक्ष। #पाठकपुराण #पंछी #शुभसंध्या #21_दिन_का_लॉक_डाउन
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महावीर ने कहा कि जीव भारी होता है प्रणतिपात से, हिंसा करने से। जीव भारी होता है हिंसा की स्मृति से। हिंसा की स्मृति ही वास्तविक हिंसा है। क्रियमाण हिंसा उतनी बड़ी नहीं है। हिंसा के संस्कार की स्मृति बड़ी हिंसा है। वही हमें भारी बनाती है। हमारी हिंसा उस स्मृति को और भारी बना देती है। यदि मन में हिंसा का संस्कार न हो और हिंसा का संस्कार स्मृति रूप में जाग्रत न हो तो वर्तमान की हिंसा संभव ही नहीं है। जो भी वर्तमान में हिंसा कर रहा है, उसके मन में हिंसा का संस्कार है। उस हिंसा के संस्कार की स्मृति जाग्रत हो रही है। अत: हिंसा का मूल वर्तमान घटना से ज्यादा हिंसा की स्मृति है। घटना तो परिणाम है। #महावीर_जयंती की सभी देश वासियों को शुभकामनाएं। #21_दिन_का_लॉक_डाउन के साथ आज हम सब corona से जूझ रहे है।एक उम्मीद है कि एक दिन इसे ख़त्म कर देंगे। चलिए थोड़ी ज्ञान की बात कर लेते है।👉 #पाठकपुराण 👇 : जैन धर्म मूल में त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलकर जीने का मार्ग है। शरीर को साधन मानकर आत्मकल्याण इसकी प्राथमिकता है। हर वर्ष भाद्रपद माह में हजारों जैन मासखमण (एक माह के निर्जल उपवास) करते हैं। वेद भी शरीर को साधन मात्र ही मानता है। कालिदास ने “कुमारसंभव” में लिखा है-“शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।” प
#महावीर_जयंती की सभी देश वासियों को शुभकामनाएं। #21_दिन_का_लॉक_डाउन के साथ आज हम सब corona से जूझ रहे है।एक उम्मीद है कि एक दिन इसे ख़त्म कर देंगे। चलिए थोड़ी ज्ञान की बात कर लेते है।👉 #पाठकपुराण 👇 : जैन धर्म मूल में त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलकर जीने का मार्ग है। शरीर को साधन मानकर आत्मकल्याण इसकी प्राथमिकता है। हर वर्ष भाद्रपद माह में हजारों जैन मासखमण (एक माह के निर्जल उपवास) करते हैं। वेद भी शरीर को साधन मात्र ही मानता है। कालिदास ने “कुमारसंभव” में लिखा है-“शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।” प #क्रमशः_01_महावीर_जयंती
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😊गुरुजी की ड्यूटी😊 कैप्शन पढ़े👇 #9_मिनट_दीपक_जलाओ आज रात 9 बजे सभी #21_दिन_का_लॉक_डाउन चल रहा है। इसी बीच आओ थोड़ी मौज भी लेलो......... हमारे सर् की कहानी उन्ही की जुबानी.... : प्राणेश्वरी ने सुबह 5 बजे जगा दिया और 6 बजे तक लंच टिपिन पैक कर गेट पर मुस्कान भरी टाटा बाय बाय करके ऐसे विदा कर रही मानो बौर्डर पर जा रहा हूं। करोना की ड्यूटी से पहले एक सप्ताह घर पर पडा रहा तब तो इतना लाड दुलार नहीं दिखाया था फिर अब क्या हुआ! कहीं ये डर से उत्पन्न अंतिम प्रेम तो नहीं ? "हे प्रिये ! अचानक से इतना प्रेम, कोई खास बजह ?" हमने भी भावविभोर
#9_मिनट_दीपक_जलाओ आज रात 9 बजे सभी #21_दिन_का_लॉक_डाउन चल रहा है। इसी बीच आओ थोड़ी मौज भी लेलो......... हमारे सर् की कहानी उन्ही की जुबानी.... : प्राणेश्वरी ने सुबह 5 बजे जगा दिया और 6 बजे तक लंच टिपिन पैक कर गेट पर मुस्कान भरी टाटा बाय बाय करके ऐसे विदा कर रही मानो बौर्डर पर जा रहा हूं। करोना की ड्यूटी से पहले एक सप्ताह घर पर पडा रहा तब तो इतना लाड दुलार नहीं दिखाया था फिर अब क्या हुआ! कहीं ये डर से उत्पन्न अंतिम प्रेम तो नहीं ? "हे प्रिये ! अचानक से इतना प्रेम, कोई खास बजह ?" हमने भी भावविभोर #पंछी #हरे #शुभसँध्या #पाठकपुराण
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यह चर्चा भी विश्व में बराबर बनी रहती है कि हम प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं, उसका अमर्यादित दोहन कर रहे हैं। पर्यावरण दूषित हो रहा है, पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसके बावजूद प्रकृति के स्वरूप एवं कार्य की चर्चा नहीं होती। #21_दिन_का_लॉक_डाउन चल ही रहा है और #विज्ञान_का_ताण्डव सब देख ही रहे हैं। आज तो मैं बस यही कहना चाहूँगा कि मोदी जी द्वारा जो #9_मिनट_दीपक_जलाओ की बात कही गई है उसे सब लोग सहर्ष स्वीकार करें और जलाएं। यह भी प्रकृति की उपासना ही है। : सृष्टि के आरंभ काल में कृषि का विकास नहीं हुआ था। चारों ओर जल था, समुद्र थे, रेगिस्तान थे। जहां जो उपलब्ध हुआ, लोग उसी से जीवन यापन करते थे। जब कृषि का ज्ञान हुआ, सभ्यता आगे बढ़ी, अन्न का मानवीय स्वरूप विकसित होने लगा। मनुष्य की प्रकृति बदलने लगी। उसी के साथ आकृति औ
#21_दिन_का_लॉक_डाउन चल ही रहा है और #विज्ञान_का_ताण्डव सब देख ही रहे हैं। आज तो मैं बस यही कहना चाहूँगा कि मोदी जी द्वारा जो #9_मिनट_दीपक_जलाओ की बात कही गई है उसे सब लोग सहर्ष स्वीकार करें और जलाएं। यह भी प्रकृति की उपासना ही है। : सृष्टि के आरंभ काल में कृषि का विकास नहीं हुआ था। चारों ओर जल था, समुद्र थे, रेगिस्तान थे। जहां जो उपलब्ध हुआ, लोग उसी से जीवन यापन करते थे। जब कृषि का ज्ञान हुआ, सभ्यता आगे बढ़ी, अन्न का मानवीय स्वरूप विकसित होने लगा। मनुष्य की प्रकृति बदलने लगी। उसी के साथ आकृति औ
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