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Best sagarozashayari Shayari, Status, Quotes, Stories

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Sagar Oza

White कई संसार थे जिनमें से एक को चुनना था 
मैंने तुमको चुना ।

दो नैनो में सजोंगे कई ख्वाब थे 
मैंने उन ख्वाबों में से तुमको चुना ।

रात चिलमन थी सो हम दिया बुझाकर सो गये 
अंधेरे में जो रौशनी दिखी उसमे मैंने तुमको चुना ।

समुस्त ब्रह्मांड में कई रंग थे 
उन रंगों में से मैंने तुमको चुना ।

सारे क़ायनात का विलक्षण स्वरूप एक ही है 
उस स्वरूप में मैंने तुमको चुना।

आसमान में कई तारे थे 
उन तारों में से मैंने तुम जैसे चमकता सितारा चुना ।

इस दुनियां में बहोत सा समय था सबके पास 
मैंने सबसे अच्छा समय में तुमको चुना ।

©Sagar Oza #good_night #sagaroza #sagarozashayari #sagarozagoogle

Sagar Oza

छूट कुछ गये जो साथी राह में
अब आगे बढ़ जाना है

जो ख़्वाब टूट गये थे उनको छोड़कर
अब आगे बढ़ जाना है

ढल जाएगी ये रात भी इस तरह 
देर बडेर दिन को आगे बढ़ जाना है

इस जहाँ में हर कोई मुसरीफ़ है अपनी अना में 
छोड़कर सब को अब आगे बढ़ जाना है

आगे बढ़ने का नाम ही तो जिन्दगी है 
छोड़ तू अब सब मरहलों को बस आगे बढ़ते जाना है

कोई आएगा कोई जएगा , रुकना है जिसको वो तो बस रुक जाएगा
फिक्र न कर तू कल की बस आगे बढ़ते जाना है

©Sagar Oza #arabianhorse #sagaroza #sagarozashayari

Sagar Oza

लोगों के मुताबिक नज़र आने की, 
अदा सीख रहा हूँ ज़माने की। 

किसी भी तरह घर में ठहर जाऊँ, 
तलाश है मुझे बस एक बहाने की। 

इसीलिए दरवाजा खोला नहीँ था, 
उम्मीद नहीं थी तेरे आने की। 

कमरे को देखकर हंसी आ जाती है, 
कोई बाते करता था इसे सजाने की। 

इस डर से भी कि तू रो ना पड़े, 
हिम्मत नहीं मेरी कहानी बताने की। 

मांगने मे कोई कसर नहीं छोड़ी, 
अब देरी है दुआओं के असर दिखाने की। 

वैसे वाजिब तो यही है मगर ख्वाहिश नहीं है, 
तेरी जगह किसी और को बैठाने की। 

काट दो ये गवारा है मुझे, 
ख़ून इजाजत नहीं देता सर झुकाने की। 

बाल भी कटवा लिए और काम पर भी जाने लगा, 
हाँ, अब तैयारी ही है तुझे भुलाने की।

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Sagar Oza

मैं तो खुदा की तलाश में निकला था,
इंसानियत के निशां ढूंढने निकला था।

जलती रही लाशें यहां बिन शमशान के,
मैं तो उन मुर्दों के पते ढूंढने निकला था।

अब इंसान नजर नहीं आते तेरे जहां में,
इंसान होने का सबूत ढूंढने निकला था।

कितनों की अस्मत सिसकती रही रात भर,
तन ढांपने को एक चीथड़ा ढूंढने निकला था।

बहरे से हो चुके हैं कान उनकी चीखों से,
मासूमों के लिए कफन ढूंढने निकला था।

छाई है अजब सी खामोशी आज की रात,
उस खामोशी का शोर सुनने निकला था।

सुना करते हैं कि यहां इंसानों की बस्ती है,
यकीन करने का कारण ढूंढने निकला था।

कौन कहता है खौफ जंगलों में ही बसता है,
खौफ़जदा ना हो वो गली ढूंढने निकला था।

अब तलक लड़ते ही मिले मजहब के नाम पर,
दफन इंसानियत के कंकाल ढूंढने निकला था।

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Sagar Oza

तेरा दूर जाना एक ख़्वाब था 
में रातों को जागा तो नींदों से बेज़ार था

यूँही तकता रहा में रस्ता तेरा 
में तो राहों में पड़ा बेकार था

तेरे मिलने को क्यों इतना तलबगार था 
शायद मौत को मिलने को में बेक़रार था

यूँही नहीं होती अब मेरी शाम हसीन 
तन्हाई का अपना अलग एक अंदाज था

तुझपर मुझे बड़ा गुमान था 
अभी असली चेहरा देखना बाकी था

सो मसअलहते है इश्क़ में अभी 
हिज्र देखना बाकी था

तुम मानोगी नहीं और में कहूंगा नहीं 
तुमसे इश्क़ मुझे कभी था

©Sagar Oza #intezaar #sagaroza #sagarozashayari #sagarozagoogle

Sagar Oza

ये किस खुशी में गम जिस्म से लिपट रहा है 
अब तो तेरी फुरकत गुजारी जा रही है

एक रोज़ सिगरेट पीते हुवे चूमे थे लब मेरे उसने 
उसकी मिठास लबों से मिटायी जा रही है

इक बार कहा था मैंने उसे तुम्हें पाने की तमन्ना है मुझे
तब से बिछड़ने का दस्तूर किया जा रहा है

रोज रोज एक ख़्वाब सजा रखा था मैंने आंखों में 
अब तो तकिये की कीमत लगाई जा रही है

कैद हो गये थे किसी के चक्ष-ऐ-गार में 
अब तो पंछी की रिहाई मांगी जा रही है

सुना है मांगने से नहीं मिलती हर चीज यहाँ 
इसीलिये इंतजार को सुखुन लिखा जा रहा है

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Sagar Oza

एक एक एकांत 
तुझा आठवणीत 
आणि त्या क्षणात 
एक एक एकांत 

तुझा हृदयात आणि माझा आश्रुत 
पावसाच्या त्या सरित तू आणि मि
एक एक एकांत 

एकन्दरीत तू आणि मि प्रेमात 
वाट वेगळी निवडत
जाऊ एक एक एकांतात

तुझा स्पर्शात आणि माझा सहवासात 
अधीर झालेल्या त्या मनात 
एक एक एकांत

तुझा आणि माझ्या त्या गोष्टित 
थामुन एक जन रमत
जाउनी तो एकांतात 
राहिला कोनी तरी आपल्यातुन 
एक एक एकांत 

एक बाकी एकांत 
तुझ्या आठवणीत 
आणि त्या क्षणात 
फक्त उरला आता एक एक एकांत

©Sagar Oza #standAlone #sagaroza #sagarozashayari

Sagar Oza

में तुमसे फुरकत हो गया हूं 
हाँ में टूटे दिल को अब जोड़ सकता हूं

है तस्किम मुझे इस बात की 
में तिरे पास आ नहीं सकता और दूर जा नहीं सकता हूं 

कैसे यकीन दिलाऊ में तुम्हें अपनी बफा की 
तुम्हारे सारे इल्ज़ाम को में अपना सकता हूं

तेरे गालों पर जो निशान है रकीब के उंगलियों के 
क्या में अपने हाथ जला सकता हूं

तुम कहती हो तो खैर जाने दो 
गरचा में अपनी मौत का इंतज़ाम कर सकता हूं

तुम कहती हो तो खैर जाने दो 
गरचा में अपनी मौत का इंतज़ाम कर सकता हूं

एक वादा करता हूं तुमसे मेरी जान
कल को तुम जब आओगी मेरी कब्र पर तुम्हारे छुटे ही अपना दिल में धड़का सकता हूं

भरोसा रखना तुम मेरी मोहबत का 
मेरे ना रहने पर भी तुम्हें में फूल भिजवा सकता हूं

बड़ी प्यारी है मुस्कान तेरी इसे कभी गमाना मत तुम
हो सकता है तेरी मुस्कुराहट को देखकर में क़ुरबत से भी जिंदा लौट सकता हूं

©Sagar Oza #Shajar #sagaroza #sagarozashayari

Sagar Oza

Sagar Oza

पूर्ण चाँद में दमके नाम तुम्हारा 
प्रेम थाली में दुआ सजाती हूं
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं 

सुना कर्णवती द्रौपदी को गाथा 
बिता इतिहास तुम्हें बताती हूं
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं 

सज सरहद पर माटी के लाल 
जान हथेली पर जब धर लेते है
छोटे-छोटे रेशम के डोरे तब
नव उल्लास मन मे भर देते है

मधुर मधुवन सरीखे बन्धन की 
बतास चहूंओर आज फैलाती हूं 
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं 

ज्यों श्रावण पूर्णिमा रौशन होती 
त्यों अम्बर में तुम्हारा प्रकाश रहे 
कर स्तुति गान ईश्वर समुख 
हाथ जोड़े बहना आज कहे 

भर करुणा काजल चक्षुओं में 
पिरो मोती संग मोती सजाती हूं 
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं

पग पग प्रशस्त कर राह मेरी 
लैंगिक भेदभाव को नकार देना 
जितना देते हो सहर्ष सम्मान 
उतना हरेक स्त्री को मान देना 

वादों की बरसो पुरानी ये रीत 
सस्नेह पुनः आज निभाती हूं
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं

स्वस्तिक सज्जित है थाली में 
चावल दानों में अनुराग बसा है 
महक मेहंदी में महक रहा रिश्ता
रंग प्रीत प्रेम का गजरा सजा है 

मीठी मिश्री संग प्रेम शीरा 
इस त्यौहार तुम्हें खिलाती हूं
कलाई पर बांध नेह का धागा 
भ्राता भव्य रक्षाबंधन मनाती हूं

©Sagar Oza #rakshabandhan #sagaroza #sagarozashayari #sagarozagoogle
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