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Best सानी Shayari, Status, Quotes, Stories

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साहस

💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें .... (2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper खराब न हो । #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #YQBhaiJaan #सानी #collabwithतन्हा_रातें #एक_गुलनार #ekgulnaar_lovequotes

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शक्ल काजी में जिंदगानी रही।
खुल वहां औंधा,जहां सानी रही।। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें ....
(2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी)

💐 Font size छोटा रखें ताकी wall 
paper खराब न हो ।

Ansh Rajora

#अशफ़ाक़ - अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ(freedom fighter) #सानी - second line of a couplet #मक़्ता - last couplet of a ghazal #fakeera #ghazalgo_fakeera #yqbaba #yqdidi #ghazal

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किसी को ग़ज़ल तुम बनाकर तो देखो
मिलेगी ख़ुशी दिल लगाकर तो देखो

तुम्हारा हुनर फिर ज़माना देखेगा
ज़मीं से फलक को हिलाकर तो देखो

भगत सिंह तुम्ही हो, हो अशफ़ाक़ तुम ही
दिलों में शमा इक जलाकर तो देखो

अभी भी तरसता है बस प्यार को वो
पुराना शजर गांव जाकर तो देखो

है मुमकिन कि मरकर भी जी जाऊं फिर मैं
मेरी माँ का आँचल बिछाकर तो देखो

हाँ भरती है सांसे ये मुर्दों की बस्ती
ग़ज़ल की ज़मीं पे भी आकर तो देखो

ये मक़्ता अधूरा है उस बिन फकीरा
तो लो नाम सानी बिठाकर तो देखो #अशफ़ाक़ - अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ(freedom fighter)
#सानी - second line of a couplet
#मक़्ता - last couplet of a ghazal
#fakeera #ghazalgo_fakeera
#yqbaba #yqdidi #ghazal

DR. SANJU TRIPATHI

💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें .... (2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper खराब न हो । #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #YQBhaiJaan #सानी #collabwithतन्हा_रातें #एक_गुलनार #ekgulnaar_lovequotes

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साथी की अगर हर चीज, हर बात सानी होगी।
जिंदगी हो जाएगी बेरंग, अधूरी जिंदगानी होगी। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें ....
(2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी)

💐 Font size छोटा रखें ताकी wall 
paper खराब न हो ।

Sachin Ratnaparkhe

मोहब्बत-ए-दूरी का बे-वज़ह रोना रोते है लोग,
दर्द-ए-दिल तो उनसे पूछो जिनका कोई सानी नहीं। Being Single is more painful than distance love.
 #distancerelationships or #distancelove
And #singles 
#मोहब्बत_ए_दूरी #दर्द_ए_दिल #सानी = match    #रोना_रोना  #बेवजह

Ganesh Singh Jadaun

बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है #उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है #चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है

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बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है

_____©® गणेश सिंह जादौन बहती हैं नदियां पांच,बोली है यहां की सांच,#बात_बात पर, यहां चल जाती #गोली है

#उदारता में,#शूरता में,#सानी नहीं है कोई, #भारत_माता की यहां, ना खाली जाती झोली है

#चंबल के #बीहड़ों में हरियाली है सदा ही, #गांव_गांव बसती,अलबेले #वीरों की टोली है

दिल के होते हैं #साफ, #अन्याय के हैं _खिलाफ,सच 'सिंह' कहते सदा,बस #कठोर अपनी #बोली है

Ramesh Singh

#रमेश

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कभी मिसरा-ए-ऊला में कभी मिसरा-ए-सानी में।
तुम्हारी  बस  गयी  सूरत  हमारी  ज़िंदगानी  में।।
,
हमें  उम्मीद है इक  दिन हमारा  वक़्त बदलेगा।
अभी  इक  मोड़ आयेगा हमारी इस कहानी में।।
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तमाचा  हिज्र  ने  मारा  जगाया नींद से हमको।
कहा लिखना ग़ज़ल ऐसी सुनाना  जो रवानी में।
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हमें इमकान था चादर ओढ़ाकर अब्र की सबको।
उतरता   है  यही से  चाँद शायद रोज पानी में।।
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बनाकर जिस्म को मिट्टी लहू से फिर उसे सींचा।
ग़ज़ल का फिर उगा पौधा दिखा जो बाग़-बानी में।।
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बुलाकर ले गई हमको किसी की याद मीलों तक।
मिला  कोई नहीं हमको मगर उस राजधानी में।।
,
हमें क्या इल्म है साहिल मगर इतना तो देखा है।
कई बरगद उखड़ते है मोहब्बत के ही आँधी में।
#रमेश 
मिसरा-ए-ऊला-शेर की पहली पंक्ति।
मिसरा-ए-सानी-शेर की दूसरी पंक्ति।
इम्कान-शक्यता
अब्र-बादल
इल्म-जानकारी

Ramesh Singh

#रमेश

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तमाशा   देखता   है  वो  लगाकर आग पानी में।
हमें  अफ़सोस   है  शायद  मरेंगें हम जवानी में।।
,
हमारे  जिस्म  का  मलबा पड़ा है कब्र में लेकिन।
हमारी  रूह  अटकी   है अभी तक रात रानी में।।
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गुज़िश्ता इक महीनें से ग़ज़ल जो कह नहीं पाया।
कहीं वो  नाम  ना  ले ले तेरा मिसरा ए सानी में।।
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तकल्लुफ़ क्यूँ करे कोई तस्सली दे के हमको अब।
हमें  तो  हारना  ही  था लिखी अपनी कहानी में।।
,
हमारे  हाल  पर  दुनियां  सही तनकीद करती है।
मिला क्या कुछ नहीं हमको हमारी ज़िंदगानी में।।
,
कहीं है वस्ल का क़िस्सा कहीं है हिज्र का मातम।
मगर हर आदमी रहता है इस दुनिया-ए-फ़ानी में।।
,
बहुत  था हौसला सच बोलने का बोलते  थे हम।
कटाकर सर चले  आये  कहीं से हक़-बयानी में।।
#रमेश 
गुज़िश्ता-बीता हुआ।
मिसरा-ए-सानी-शेर की दूसरी पंक्ति।
तकल्लुफ़-औपचारिकता।
तनकीद-आलोचना।
दुनिया-ए-फ़ानी-नश्वर संसार

छगन कुमावत "लाड़ला"

सानी - के जैसा,,,,, खुद ही खुद का नहीं मानतें । सानी इन्हें दिल का चाहिए ।। ~ छगन कुमावत "लाड़ला"©

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खुद ही खुद का नहीं मानतें ।
सानी इन्हें दिल का चाहिए ।।

~ छगन कुमावत "लाड़ला"© #NojotoQuote सानी - के जैसा,,,,,
खुद ही खुद का नहीं मानतें ।
सानी इन्हें दिल का चाहिए ।।

~ छगन कुमावत "लाड़ला"©

Ramesh Singh

#रमेश

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"बढ़े  मिसरा-ए-ऊला  से  गये मिसरा-ए-सानी तक।
लगी  है  प्यास लेकिन अब चलेगा कौन पानी तक।।
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किसी ने दरअसल हमसे कभी मिन्नत नहीं की थी।
बिना क़िरदार के थे हम गये थे ख़ुद कहानी तक।।
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लिखेंगें  रातभर  कुछ भी  यकीनन जागना  होगा।
बढ़ेंगें  ख़ुद  पड़े  जो  है  ये सारे लफ़्ज़ मानी तक।।
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तलातुम  एक  दरिया  का  सदा  क़ाएम नहीं रहता।
लेकिन ग़फ़लत है तुमको ये लिखेंगें हम जवानी तक।।
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यही  कल  रात भर हमकों नहीं जब नींद आई तब।
उठाकर  शॉल   हाथों   में  गये थे रात  रानी  तक।।
,
मुक़द्दर  में  नहीं  था  जो मयस्सर  हो  नहीं सकता।
वो जिसका था गया है बस उसी के ज़िंदगानी तक।।
,
जमीं  को  ओढ़कर  साहिल  क़ब्र  में  लेट जाऊँगा।
मगर  मैं  याद  आऊँगा  सभी  को  जावेदानी तक।।"
#रमेश 
मिसरा-ए-उला-शेर की पहली पंक्ति।
मिसरा-ए-सानी-शेर की दूसरी पंक्ति।।
मयस्सर-नसीब
जावेदानी-अनन्तकाल


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